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- 20-Aug-2025 06:00 PM IST
Mutual Fund Investment: पिछले 18 महीनों में म्यूचुअल फंड के डायरेक्ट प्लान में निवेश करने वालों के बीच एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। बिजनेस स्टैंडर्ड्स की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, डायरेक्ट प्लान में अब निवेश सलाहकारों और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सेवा (PMS) प्रदाताओं के माध्यम से निवेश करने वालों की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ रही है। इसके विपरीत, बिना किसी सलाह के खुद निवेश करने वाले यानी DIY (Do It Yourself) निवेशकों की वृद्धि दर में थोड़ी कमी आई है। यह बदलाव बाजार की अस्थिरता और निवेशकों के बदलते व्यवहार के कारण हो रहा है।
डायरेक्ट प्लान में निवेश के दो तरीके
म्यूचुअल फंड के डायरेक्ट प्लान में निवेश करने वाले निवेशक मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:
DIY निवेशक: ये वे निवेशक हैं जो बिना किसी सलाहकार की मदद के खुद अपने फंड चुनते हैं। इनका मुख्य लाभ यह है कि इन्हें कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना पड़ता।
सलाहकार या PMS के साथ निवेशक: ये निवेशक सलाहकारों या पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सेवा प्रदाताओं की मदद लेते हैं। ये अपनी सेवाओं के लिए शुल्क लेते हैं, लेकिन बदले में निवेशकों को विशेषज्ञ सलाह और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
आंकड़ों से मिली जानकारी
बिजनेस स्टैंडर्ड्स की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी 2024 से अब तक सलाहकारों और PMS प्रदाताओं के जरिए निवेश करने वालों की परिसंपत्ति (AUM) में 64-65% की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। दूसरी ओर, DIY निवेशकों की परिसंपत्ति में 47% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। कुल मिलाकर, म्यूचुअल फंड के डायरेक्ट प्लान में 41% की वृद्धि हुई है। ये आंकड़े स्पष्ट करते हैं कि निवेशक अब स्वतंत्र रूप से निवेश करने की तुलना में विशेषज्ञों की सलाह के साथ निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं।
सलाहकारों की मांग क्यों बढ़ रही है?
बाजार में हाल की अस्थिरता और कम रिटर्न ने नए और अनुभवी निवेशकों दोनों को विशेषज्ञ मार्गदर्शन की आवश्यकता महसूस कराई है। निवेश सलाहकार और PMS प्रदाता बाजार की जटिल परिस्थितियों को समझकर निवेशकों कोcleo। वे घबराहट में लिए गए गलत निवेश निर्णयों से बचाने में मदद करते हैं।
कारण और प्रभाव
बाजार की अनिश्चितता: शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव और अनिश्चितता के कारण निवेशक जोखिम से बचने के लिए सलाहकारों की ओर रुख कर रहे हैं।
विशेषज्ञ सलाह की जरूरत: सलाहकार और PMS प्रदाता निवेशकों को उनके वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम सहनशीलता के आधार पर वैयक्तिकृत सलाह देते हैं।
बेहतर निर्णय: सलाहकारों की मदद से निवेशक बाजार की अस्थिरता के दौरान धैर्य बनाए रखते हैं और दीर्घकालिक निवेश रणनीति पर टिके रहते हैं।
