- भारत,
- 05-Jul-2025 10:00 AM IST
- (, अपडेटेड 04-Jul-2025 09:29 PM IST)
Crude Oil: जब भी वैश्विक स्तर पर तनाव का माहौल बनता है, इसका सीधा असर ग्लोबल इकोनॉमी पर पड़ता है। विशेष रूप से, आयात-निर्यात को प्रभावित करने वाले प्रमुख उत्पादों में क्रूड ऑयल की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। हाल ही में ईरान और इजराइल के बीच बढ़े तनाव ने एक बार फिर क्रूड ऑयल को वैश्विक चर्चा के केंद्र में ला दिया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में सबसे ज्यादा तेल भंडार किसके पास है? इस मामले में अमेरिका, रूस, ईरान और सऊदी अरब भी एक देश से पीछे हैं।
वेनेजुएला: तेल भंडार का बादशाह, फिर भी आर्थिक संकट
वर्ल्डोमीटर के आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा तेल भंडार वेनेजुएला के पास है, जिसके पास 303,008 मिलियन बैरल ऑयल रिजर्व मौजूद हैं। यह आंकड़ा इसे दुनिया का सबसे बड़ा तेल भंडार वाला देश बनाता है। हालांकि, तेल की प्रचुरता के बावजूद वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था गहरे संकट में है। देश की 80% से अधिक आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रही है, और यह दुनिया के सबसे अधिक महंगाई दर वाले शीर्ष-5 देशों में शामिल है। आर्थिक कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों ने इस तेल संपन्न देश को आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया है।
शीर्ष तेल भंडार वाले देश
वेनेजुएला के बाद सऊदी अरब का स्थान है, जिसके पास 267,230 मिलियन बैरल तेल भंडार है (2023 के आंकड़े)। सऊदी अरब न केवल तेल उत्पादन में अग्रणी है, बल्कि पर्यटन, तकनीक और अन्य क्षेत्रों में भी अपनी आर्थिक विविधता के लिए जाना जाता है। तीसरे स्थान पर ईरान है, जिसके पास 208,600 मिलियन बैरल तेल भंडार है। इसके बाद इराक (145,019 मिलियन बैरल) और संयुक्त अरब अमीरात (113,000 मिलियन बैरल) का स्थान है। कनाडा, कुवैत और लीबिया भी शीर्ष-10 तेल भंडार वाले देशों में शामिल हैं।
रूस और अमेरिका की स्थिति
रूस, जो भारत समेत कई देशों को क्रूड ऑयल निर्यात करता है, के पास 80,000 मिलियन बैरल तेल भंडार है। दूसरी ओर, अमेरिका के पास 47,730 मिलियन बैरल और चीन के पास 27,889 मिलियन बैरल तेल भंडार है। इन देशों की अर्थव्यवस्था न केवल तेल पर निर्भर है, बल्कि तकनीक, विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में भी उनकी मजबूत स्थिति है।
भारत: तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक
वैश्विक तेल आयात के मामले में अमेरिका और चीन पहले दो स्थानों पर हैं। भारत तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है, जो अपनी जरूरत का लगभग 80% तेल आयात करता है। इस आयात का 40% हिस्सा स्ट्रेट ऑफ होर्मुज के रास्ते आता है, जो मध्य पूर्व में तनाव के दौरान जोखिम भरा हो सकता है। इस स्थिति को देखते हुए भारत ने रूस और अमेरिका से तेल आयात बढ़ाकर एक रणनीतिक कदम उठाया है। यह कदम न केवल भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करता है, बल्कि वैश्विक तनाव के दौरान आपूर्ति श्रृंखला को स्थिर रखने में भी मदद करता है।