Curfew In Karauli / अब सात अप्रैल तक पाबंदी, शहर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस, सामान की होम डिलिवरी जारी

Zoom News : Apr 05, 2022, 10:51 AM
कौराली हिंसा की आग शहर में अब तक सुलग रही है। तनाव पूर्ण हालात के कारण प्रशासन ने सात अप्रैल तक कर्फ्यू बढ़ा दिया है। अफवाहों को रोकने के लिए इंटरनेट सेवा भी बंद है। सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान तैनात है। संवेदनशील इलाकों में पुलिस की टीमें विशेष रूप से निगरानी कर रहीं हैं। ड्रोन के जरिए भी हालातों पर नजर रखी जा रही है।

कर्फ्यू के कारण शहर की सड़कें वीरान पड़ी हुईं हैं। पुलिस भी लोगों को घरों में रहने की हिदायत दे रही है। संवेदनशील इलाकों में पुलिस के जवान लगातार फ्लैग मार्च कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं।  

जानकारी के अनुसार कलेक्टर राजेंद्र सिंह शेखावत ने सरकारी दफ्तर और कोर्ट खोलने के आदेश जारी कर दिए थे। बोर्ड परीक्षाएं भी तय शेड्यूल के अनुसार कराने का निर्णय लिया गया है। पुलिस का दावा है कि लोगों की सुरक्षा के लिए पुलिस मुस्तैद है। कलेक्टर शेखावत ने बताया कि शांति समिति की बैठक में सरकारी कार्यालय और कोर्ट खुलेने का निर्णय लिया गया है। कार्यालय आने-जाने वाले कर्मचारी और वकील कार्ड दिखाकर आवाजाही कर सकते हैं। वहीं परीक्षा देने जाने वाले बच्चे प्रवेश पत्र दिखाकर आ-जा सकेंगे। सोमवार को सरकारी कर्मचारी कार्यालय और बच्चे पेपर देने के लिए स्कूल भी पहुंचे। 

प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार सात अप्रैल तक कर्फ्यू लगाने के साथ ही इंटरनेट सेवा भी बंद रहेगी। हालात पूरी तरह सामान्य होने तक प्रशासन कोई भी खतरा नहीं लेना चाहता, जिससे हालात एक बार फिर बिगड़ जाएं। दोनों समुदाय के साथ प्रशासन के अधिकारी और जनप्रतिनिध लगातार बैठक कर शांति बनाएं रखने की अपील कर रहे हैं।  

पुलिस ने 46 आरोपियों को किया गिरफ्तार

महानिरीक्षक पुलिस भरतपुर रेंज प्रसन्न कुमार खमेसरा ने बताया कि मामले में अब तक 46 लोगों को गिरफ्तार किया है और सात को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। उपद्रव करने के आरोप में केस दर्ज कर 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 33 लोगों को कर्फ्यू का उल्लंघन और शांतिभंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस 21 दुपहिया और चार पहिया वाहन भी जब्त किए गए हैं। 1200 से अधिक पुलिस अधिकारी और जवान शहर भर में तैनात किए गए हैं। 

एसआईटी ने जांच की शुरू 

सरकार द्वारा बनाई गई एसआईटी ने मामले की जांच शुरू कर दी है। सोमवार को एसआईटी के सदस्यों ने एसएफएल की मदद से हिंसा ग्रस्त इलाके से सूबत जुटाए। बताया जा रहा है कि जांच के दौरान एक घर की छत पर पत्थर भी मिले हैं, पुलिस ने उसे खाली करा लिया है। एसआईटी हिंसा के आरोप में गिरफ्तार लोगों से भी पूछताछ करेगी। हिंसा में घायल और घटना के दौरान बाजार में मौजूद दुकानकारों से भी पूछताछ की जा सकती है। 

पुलिस के आला अधिकारियों की पैनी नजर 

जानकारी के अनुसार कलेक्टर राजेंद्र सिंह शेखावत, पुलिस अधीक्षक करौली शैलेन्द्र सिंह इन्दौलिया, अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस संजीब नार्जरी, महानिरीक्षक पुलिस भरत लाल मीना, उप महानिरीक्षक पुलिस राहुल प्रकाश, उपायुक्त जयपुर दक्षिण मृदुल कच्छावा, पुलिस अधीक्षक धौलपुर नारायण टोगस शहर के हालात पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। 

रविवार को तीन दुकानों में आगजनी

शहर में अफवाह का दौर भी जारी है। इस कारण लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। कर्फ्यू और डर के कारण लोग घरों में ही कैद है। उधर, बताया जा रहा है कि रविवार को भी तीन दुकानों में आगजनी की घटना भी सामने आई। पुलिस ने तत्कार एक्शन लेते हुए मौके पर पुलिस जवानों को तैनात कर दिया। 

घर-घर दूध और सब्जी की सप्लाई

कर्फ्यू के बाद लोगों के सामने सबसे बड़ी समस्या जरूरत के सामान को लेकर थी। ऐसे में प्रशासन ने खाद विभाग को लोगों के घर तक जरूरत का सामान पहुंचाने की जिम्मेदारी दी है। सोमवार को विभाग ने घर-घर दूध, सब्जी सहित अन्य जरूरी सामान की सप्लाई की। साथ ही प्रशासन ने डेयरी और मेडिकल स्टोर सहित अन्य अतिआवश्यक सेवाओं के दुकानदारों को पास जारी किए हैं। 

सांसद ने कहा- सीएम गहलोत करौली आकर देखें किसने हिंसा फैलाई

इधर, रविवार को बाड़मेर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा भाजपा और केंद्र सरकार पर किए गए हमले पर धौलपुर सांसद डॉ मनोज राजोरिया ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का बयान निंदनीय है। गहलोत करौली में आकर देखें कि किसने शांति भंग की है। उन्होंने कहा कि घटना वाले दिन करौली विधायक लाखन सिंह और उन्होंने दोनों समुदाय के लोगों के साथ बैठक कर शांति बनाने की अपील थी। भाजपा ने ऐसी किसी भी घटना को अंजाम नहीं दिया है।  

क्या है मामला

राजस्थान के करौली में हिंदू नव वर्ष पर निकाली गई बाइक रैली पर शनिवार शाम पथराव की घटना सामने आई थी। इससे हटवारा बाजार में माहौल तनावपूर्ण हो गया था। उपद्रवियों ने 35 से अधिक दुकानों, एक मकान और बाइकों को आग के हवाले कर दिया था। बिगड़ते हालात को देखते हुए शहर में पहले धारा 144, कर्फ्यू और फिर इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी। हिंसा में पुलिसकर्मियों सहित 43 लोगों घायल हो गए थे, जबकि पुष्पेंद्र नाम के व्यक्ति की हालत गंभीर थी। उसका जयपुर के अस्पातल में इलाज चल रहा है।

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