GST Council / अब GST में बस 3 स्लैब, 22 सितंबर से लागू होंगी नई दरें

जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में बड़ा सुधार किया गया है। अब जीएसटी के केवल 2 स्लैब होंगे—5% और 18%, जबकि 12% और 28% स्लैब खत्म कर दिए गए हैं। आम आदमी की जरूरत की चीजें सस्ती होंगी और लग्जरी सामान पर स्पेशल स्लैब लागू होगा। नया नियम 22 सितंबर से प्रभावी होगा।

GST Council: जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में बुधवार, 3 सितंबर 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया। अब जीएसटी के सिर्फ दो स्लैब—5% और 18%—लागू होंगे, जबकि 12% और 28% के स्लैब को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। इसके अलावा, कुछ लग्जरी वस्तुओं के लिए एक विशेष स्लैब भी होगा। यह नया ढांचा 22 सितंबर 2025 से लागू होगा।

प्रमुख बदलाव और प्रभाव

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि इस रिफॉर्म का उद्देश्य आम आदमी और छोटे व्यवसायों को राहत देना है। पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस 2025 पर अगली पीढ़ी के सुधारों की बात को आधार बनाकर, जीएसटी काउंसिल ने रेट रेशनलाइजेशन पर सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया। सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों ने इस प्रक्रिया में सहयोग किया।

क्या सस्ता होगा?

  • आवश्यक वस्तुएँ: कॉमन मैन की जरूरत की वस्तुओं जैसे अल्ट्रा हाई टेम्परेचर मिल्क, छेना, पनीर, और ब्रेड पर अब कोई जीएसटी नहीं लगेगी।

  • कृषि और किसान: किसानों के प्रोडक्ट्स, जैसे दवा, ट्रैक्टर, घी, और मक्खन पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दी गई है।

  • **उपभोक्ता वस्तु�ទ: एसी, वाशिंग मशीन, 38 इंच से बड़ी टीवी, और छोटी कारों पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% होगी।

  • जूते और कपड़े: इन पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दी गई।

  • हेल्थ और विजन उपकरण: चश्मे और विजन संबंधी उपकरणों पर 5% जीएसटी, जबकि 33 दवाइयों पर कोई जीएसटी नहीं।

  • सीमेंट: सीमेंट पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% होगी।

  • हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस: इन पर भी जीएसटी में बड़ी राहत दी गई।

क्या महंगा होगा?

  • लग्जरी आइटम: 350 सीसी से अधिक इंजन वाली बाइक्स, लग्जरी कारें, तंबाकू, जर्दा, पान मसाला, फ्लेवर्ड ड्रिंक्स, और अन्य पैकेज्ड पेय पदार्थों पर विशेष स्लैब लागू होगा।

  • लग्जरी इलेक्ट्रिक वाहन: ₹20 लाख से अधिक कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी 5% से बढ़ाकर 18% करने का प्रस्ताव अगली बैठक में चर्चा के लिए आएगा। इससे टाटा मोटर्स, महिंद्रा, टेस्ला, मर्सिडीज-बेंज, और बीएमडब्ल्यू जैसी कंपनियों को झटका लग सकता है।

MSME और स्टार्टअप्स को राहत

जीएसटी काउंसिल ने छोटे व्यवसायों और स्टार्टअप्स के लिए अनुपालन बोझ को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं:

  • तेज रजिस्ट्रेशन: MSME और स्टार्टअप्स का जीएसटी रजिस्ट्रेशन अब 30 दिनों के बजाय सिर्फ 3 दिनों में होगा।

  • रिफंड में तेजी: कपड़ा, फार्मा, रसायन, और उर्वरक उद्योगों के लिए उल्टे शुल्क ढांचे के तहत अटके रिफंड 7 दिनों में निपटाए जाएंगे।

राजस्व नुकसान की चिंता

आठ राज्यों—हिमाचल प्रदेश, झारखंड, केरल, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, और कर्नाटक—ने जीएसटी ढांचे के युक्तिसंगतकरण से होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई की मांग की है। यह मुद्दा 3 और 4 सितंबर की बैठकों में चर्चा का हिस्सा रहेगा।