देश / 8 महीने बाद परिवार संग किया लंच रिहा हुए उमर अब्‍दुल्‍ला ने, ट्वीट कर ऐसे जताया दर्द

News18 : Mar 24, 2020, 06:10 PM
नई दिल्‍ली। जम्मू-कश्मीर (Jammu kashmir) के पूर्व मुख्‍यमंत्री और नेशनल कॉन्‍फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) मंगलवार को नजरबंदी से रिहा कर दिए गए। इसके बाद उन्‍होंने घर पहुंचकर परिवार के साथ करीब 8 महीने बाद लंच किया। उन्‍होंने इस संबंध में एक ट्वीट करके अपना दर्द भी जताया है।

उमर अब्‍दुल्‍ला करीब 8 महीने बाद रिहा किए गए हैं। उन्‍होंने घर पहुंचकर अपने पिता फारूक अब्‍दुल्‍ला और मां के साथ लंच किया। इसके बाद उन्‍होंने ट्विटर पर एक फोटो भी शेयर की। उन्‍होंने लिखा, 'मैंने करीब 8 महीने बाद अपने पिता और मां के साथ लंच किया। मुझे यह याद नहीं कि मैंने इससे पहले कब बेहतर खाना खाया था। मुझे यह याद नहीं है कि इस दौरान मैंने क्‍या खाया था।'

बता दें कि एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर से जनसुरक्षा कानून (पीएसए) हटा लिया गया है। अब्दुल्ला बीते साल 4-5 अगस्त की रात से ही नजरबंद थे। 5 अगस्त 2019 को राज्य से अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए के अधिकतर प्रावधान रद्द करने संबंधी विधेयक राज्यसभा में पेश किये गए थे।

रिहा होने के बाद अब्दुल्ला अस्थायी केंद्र से अपने आवास चले गए। इस दौरान मीडिया से बातचीत में अब्दुल्ला ने कहा- 'ज़िंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं। हम से पैगाम सबको दे रहे हैं कि हमें सामाजिक दूरी रखनी चाहिए,लेकिन हम क्या सबक दें लोगों को जब हम खुद उस पर काम करने के लिए तैयार ​नहीं हैं।'

मुझे अहसास हुआ कि हम जिंदगी और मौत से लड़ रहे।।।।

अब्दुल्ला ने कहा- 'एक राज्य के रूप में जम्मू-कश्मीर दो केंद्र शासित प्रदेशों में टूट गया। महीनों तक, लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है, बच्चे स्कूल नहीं जा सकते, दुकानदार कमा नहीं सकते। कई क्षेत्रों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। लोग अपने घरों तक ही सीमित थे। मैंने सोचा था कि मैं स्थिति के बारे में बहुत कुछ बोलूंगा, लेकिन आज मुझे अहसास हुआ कि हम जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं। मैं खुलकर इस बारे में बात करूंगा कि हमारे, हमारे राज्य के साथ क्या किया गया है।' इस दौरान अब्दुल्ला ने पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती की रिहाई की मांग भी की।

बता दें अब्दुल्ला की बहन सारा अब्दुल्ला पायलट ने सुप्रीम कोर्ट में उनकी रिहाई के लिए याचिका दायर की थी। इस पर 18 मार्च को सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा था- 'यदि आप उन्हें रिहा कर रहे हैं तो जल्द कीजिए अन्यथा हम इस मामले की गुणदोष के आधार पर सुनवाई करेंगे।'

रिहा किए जा चुके हैं फारूक अब्दुल्ला

जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने केंद्र की ओर से पेश अधिवक्ता से कहा था कि अगर अब्दुल्ला को शीघ्र रिहा नहीं किया गया तो वह इस नजरबंदी के खिलाफ उनकी बहन सारा अब्दुल्ला पायलट की बंदीप्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करेंगे।

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