दुनिया / जिन देशों में सैन्य अड्डे स्थापित करने की योजना बना रहा है चीन, उनमें पाकिस्तान प्रमुख

News18 : Sep 08, 2020, 06:48 AM
वाशिंगटन। एक अमेरिकी रिपोर्ट (American Report) के मुताबिक जिन देशों में चीन (China) अपने सैन्य अड्डे स्थापित करना चाहता है, उसमें पाकिस्तान (Pakistan) प्रमुख है। यह बात भारत के लिए चिंता का सबब है। पेंटागन (Pentagon) की जिस रिपोर्ट में यह बात सामने आई है, उसमें चीन के सैन्य और रक्षा के क्षेत्र में हुए नये विकासों (developments) की जानकारी दी गई है। पाकिस्तान के अलावा भारत के दो अन्य पड़ोसी देशों श्रीलंका (Sri Lanka) और म्यामांर में भी चीन के सैन्य अड्डे स्थापित करने की योजना की बात कही गई है। इससे इतर करीब एक दर्जन देशों में चीन मजबूत सैन्य ठिकाना (Military Base) स्थापित करने का प्रयास कर रहा है ताकि उसकी पीएलए (PLA) लंबी दूरी तक अपना सैन्य दबदबा बनाये रख सके। पेंटागन ने पिछले हफ्ते जारी की इस रिपोर्ट में दावा किया कि भारत के तीन पड़ोसी देशों- पाकिस्तान, श्रीलंका और म्यामांर (Myanmar) के अलावा चीन थाईलैंड, सिंगापुर, इंडोनेशिया, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), केन्या, सेशल्स, तंजानिया, अंगोला और तजाकिस्तान में अपने सैन्य ठिकाने बनाने पर विचार कर रहा है।

पेंटागन (Pentagon) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट ‘मिलिट्री एंड सिक्योरिटी डेवलप्मेंटस इंवॉल्विंग द पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (PRC) 2020’ में यह जानकारी दी थी। उसने यह रिपोर्ट मंगलवार को अमेरिकी कांग्रेस को सौंपी थी। पेंटागन ने कहा कि चीन के ये संभावित चीनी ठिकाने जिबूती (Djibouti) में चीनी सैन्य अड्डे के अतिरिक्त हैं, जिसका उद्देश्य नौसेना, वायु सेना (Air Force) और जमीनी बल की कार्यों को और मजबूती प्रदान करना है। पेंटागन ने रिपोर्ट में कहा, ‘‘ वैश्विक पीएलए (पीपल्स लिबरेशन आर्मी- PLA) के सैन्य अड्डों का नेटवर्क अमेरिकी सैन्य अभियानों में हस्तक्षेप कर सकता है और पीआरसी के वैश्विक सैन्य उद्देश्यों (Global military objectives) के तहत अमेरिका (America) के खिलाफ आक्रामक अभियानों में सहयोग पहुंचा सकता है।’

चीन का मकसद एक वैकल्पिक रास्ता बनाना

रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन का मकसद पाकिस्तान के गुजरने वाले 'वन बेल्ट, वन रोड' प्रोजेक्ट के तहत पाइपलाइन और बंदरगाह का निर्माण भी है। ऐसा चीन मलक्का खाड़ी को लेकर अपनी चिंता के चलते कर रहा है, क्योंकि यहां आवाजाही सुरक्षित नहीं है। कभी भी यहां उसका रास्ता रोका जा सकता है। ऐसे में वह एक तीर से कई निशाने लगा रहा है। इससे वह न सिर्फ अपनी क्षेत्रीय अखंडता मजबूत करना चाहता है बल्कि ऊर्जा सुरक्षित सुनिश्चित करना और दुनिया में प्रभाव बढ़ाने जैसे कदम भी उठाना चाहता है।

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