विश्व / अनुच्छेद 370 पाक सांसदों ने भारत के विरोध में पट्टी बांधी, इमरान बोले-खून के आखिरी कतरे तक लड़ेंगे

Dainik Bhaskar : Aug 07, 2019, 10:42 AM
इस्लामाबाद. अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद कुछ देशों ने भी प्रतिक्रियाएं दी हैं। पाकिस्तानी संसद में कई सदस्य इसका विरोध दर्ज कराने के लिए बांह पर काली पट्टी लगाकर पहुंचे। प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा- मोदी सरकार ने अपने देश और अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन किया। कश्मीर में जो भी किया गया, वह नस्लवादी विचारधारा से प्रेरित था। अगर युद्ध हुआ तो हम खून की आखिरी बूंद तक लड़ेंगे।

भारत में मुस्लिम और अल्पसंख्यक खतरे मेंः इमरान

इमरान ने कहा, “मुझे लगता है कि भारत कश्मीरियों को मिटाना चाहता है। वह कश्मीर में नस्लीय तौर पर मुसलमानों का सफाया कर सकता है। स्थितियों को देखकर लगता है कि फिर पुलवामा जैसी घटना होगी। फिर वे मुझ पर आरोप लगाएंगे और एयर स्ट्राइक करेंगे। हम फिर इसका जवाब देंगे। फिर युद्ध होगा। हम खून की आखिरी बूंद तक युद्ध लड़ेंगे।”

उन्होंने कहा, “जब हमने सत्ता संभाली तो हमारा मुख्य उद्देश्य देश से गरीबी को हटाना था। इसलिए सबसे पहले हमने पड़ोसियों से संबंध बेहतर करना चाहा। जब हमने भारत से बात की तो उन्होंने पाकिस्तान से आतंकी घटनाएं होने को लेकर चिंता जताई। मैंने नरेंद्र मोदी से कहा कि हम आतंकवाद के लिए पाकिस्तान की धरती का इस्तेमाल नहीं होने देंगे।”

इमरान ने कहा, “हमने भारत की तरफ से बातचीत को लेकर गंभीरता नहीं देखी। जब मुझे यह विश्वास हो गया तो फिर मैंने बातचीत के प्रस्ताव देना बंद कर दिए। पुलवामा की घटना हुई। मेरी वायुसेना के जवानों ने बेहतर जवाब दिया। उनके पायलट को गिरा दिया। उन्हें तत्काल लौटा भी दिया। हमने यह संदेश दिया कि हम युद्ध नहीं चाहते हैं।”

उन्होंने कहा, “मैं और मेरी पार्टी विश्व के नेताओं को यह बताने की जिम्मेदारी लेती है कि कश्मीर में क्या हो रहा है? मुझे लगता है कि दुनिया को इसकी जानकारी नहीं है। मैं उन्हें बताना चाहूंगा कि भारत सरकार कश्मीर में मुसलमानों और अल्पसंख्यकों के साथ क्या कर रही है? दरअसल, वे खतरे में हैं।”

भारत को जवाब देने का समय आ गयाः शहबाज शरीफ

पाकिस्तान के मुख्य विपक्षी दल पाकिस्तान मुस्लिम लीग के नेता शहबाज शरीफ ने कहा कि अब समय आ गया है कि पाकिस्तान को भारत के इस कदम का जवाब देना चाहिए। हम कश्मीरियों को मिटते हुए नहीं देख सकते। हमें उनके लिए ठोस कदम उठाना होगा।

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