देश / पीएम मोदी ने किया नोएडा एयरपोर्ट का शिलान्यास, होगा एशिया में सबसे बड़ा

Zoom News : Nov 25, 2021, 02:52 PM
नोएडा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुरुवार को राजधानी दिल्ली से सटे गौतम बुद्ध नगर जिले के जेवर में दुनिया के चौथे और एशिया के सबसे बड़े नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Noida International Airport) की आधारशिला रख दी।

पीएम मोदी ने करीब ढाई बजे एयरपोर्ट का भूमि पूजन किया। इस दौरान उनके साथ राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। पहले चरण का काम पूरा हो जाने के बाद एयरपोर्ट की सालाना क्षमता 1.2 करोड़ यात्रियों की होगी।

जानें एयरपोर्ट की बड़ी बातें

- नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण चार चरणों में पूरा किया जाएगा। एयरपोर्ट निर्माण में कुल करीब 30,000 करोड़ रुपये की खर्च होंगे। पहले चरण में एयरपोर्ट 2024 में शुरू किया जाएगा। इसकी क्षमता प्रतिवर्ष 1 करोड़ 20 लाख यात्रियों की वार्षिक की होगी।

- उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि यह एयरपोर्ट 2024 तक चालू कर दिया जाएगा और यह एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करेगा। यह इंटरनेशनल एयरपोर्ट दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट से करीब 72 किमी की दूरी पर होगा।

- इस एयरपोर्ट के तैयार हो जाने के बाद उत्तर प्रदेश देश का एकमात्र ऐसा राज्य हो जाएगा जहां 5 इंटरनेशनल एयरपोर्ट होंगे। यह देश का पहला नेट जीरो एमिसन्स एयरपोर्ट होगा। राज्य में 2012 तक केवल दो इंटरनेशनल एयरपोर्ट थे, जब लखनऊ के बाद वाराणसी को यह गौरव प्राप्त हुआ था।

- 20 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उद्घाटन के बाद कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट शुरू हुआ, जबकि अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का काम प्रगति पर है जहां हवाई सेवाएं अगले साल की शुरुआत में शुरू होने की उम्मीद है।

- इस प्रोजेक्ट का पहला चरण साल 2024 तक 10,050 करोड़ रुपये से अधिक की अनुमानित लागत से पूरा किया जाना है। 1300 हेक्टेयर (करीब 3,300 एकड़) से अधिक जमीन पर फैली यह परियोजना प्रति वर्ष 1.2 करोड़ यात्रियों को अपनी सेवा देगी। पहले चरण के लिए भूमि अधिग्रहण से संबंधित और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास का काम पूरा कर लिया गया है।

- इस एयरपोर्ट से सितंबर, 2024 तक परिचालन शुरू होने की उम्मीद है। शुरुआत में जेवर एयरपोर्ट पर दो हवाईपट्टियां चालू होंगी। इस एयरपोर्ट के विकास का ठेका ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल को दिया गया है।

- एयरपोर्ट के विकास के पहले चरण पर कुल 8,914 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है जिसमें से 4,588 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय होगा। वहीं 4,326 करोड़ रुपये की राशि भूमि अधिग्रहण एवं पुनर्वास पर खर्च होगी।

- पहला चरण पूरा होने के बाद यह एयरपोर्ट सालाना 1.2 करोड़ यात्रियों का परिचालन करने की स्थिति में होगा। विकास के सभी चारों चरण पूरा होने के बाद यह क्षमता बढ़कर सात करोड़ यात्रियों तक पहुंच जाएगी।

- इस एयरपोर्ट के विकास पर कुल 29,560 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। अभी इसमें उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से भूमि अधिग्रहण एवं पुनर्वास के मद में खर्च की जाने वाली राशि शामिल नहीं है।

- इसका विकास यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएपीएल) करेगी जिसमें ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के संचालन के लिए गठित कंपनी एनआईएएल की वाईआईएपीएल में एक प्रतिशत स्वर्णिम हिस्सेदारी होगी।

- एनआईएएल में उत्तर प्रदेश सरकार और नोएडा प्राधिकरण की 37.5-37.5 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। वहीं ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण का इस कंपनी में 12.5-12.5 प्रतिशत हिस्सा होगा।

- जेवर एयरपोर्ट दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र का दूसरा इंटरनेशनल होगा। इसके तैयार हो जाने के बाद दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी इंटरनेशनल से बोझ कम हो सकेगा। इसके अलावा जेवर हवाईअड्डे के शुरू होने पर दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़, आगरा, फरीदाबाद और आसपास के अन्य जिलों के निवासियों को भी फायदा होगा।

- यूपी में कमर्शियल उड़ानों को संभालने वाले एयरपोर्ट लखनऊ, वाराणसी, कुशीनगर, गोरखपुर, आगरा, कानपुर, प्रयागराज और हिंडन (गाजियाबाद) हैं। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण पूरा होने के बाद यह देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा।

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