प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 129वें एपिसोड में देश को संबोधित किया। यह इस साल का आखिरी एपिसोड था, जिसमें पीएम मोदी ने वर्ष 2025 की उल्लेखनीय उपलब्धियों की विस्तृत चर्चा की और साथ ही आने वाले वर्ष 2026 की चुनौतियों, संभावनाओं और विकास के एजेंडे पर भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे भारत ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी मजबूत छाप छोड़ी है, जिससे हर भारतीय को गर्व महसूस हुआ है।
राष्ट्रीय गौरव और वैश्विक प्रभाव का वर्ष
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि कुछ ही दिनों में साल 2026 दस्तक देने वाला है और ऐसे में पूरे एक साल की यादें मन में घूम रही हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 ने देश को कई ऐसी उपलब्धियां दी हैं, जिन्होंने पूरे राष्ट्र को एक साथ जोड़ा है और देश की सुरक्षा से लेकर खेल के मैदान तक, विज्ञान की प्रयोगशालाओं से लेकर दुनिया के बड़े मंचों तक, भारत ने हर जगह अपनी एक मजबूत और अमिट छाप छोड़ी है। ये उपलब्धियां न केवल देश के भीतर बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा और सामर्थ्य का प्रमाण हैं। इन पलों ने हर भारतीय को गर्व से भर दिया। है, जो देश की सामूहिक भावना और प्रगति का प्रतीक है।
ऑपरेशन सिंदूर: अटूट सुरक्षा का प्रतीक
पीएम मोदी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए कहा कि यह इस साल हर भारतीय के लिए गर्व का प्रतीक बन गया है और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पूरी दुनिया ने देखा कि आज का भारत अपनी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करता। 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान दुनिया के हर कोने से भारत माता के प्रति प्यार और भक्ति की तस्वीरें सामने आईं, जिसने देश की एकता और अखंडता के प्रति वैश्विक समर्थन को दर्शाया। यही भावना तब भी देखने को मिली जब 'वंदे मातरम' के 150 साल पूरे हुए, जिसने राष्ट्रीय गौरव और देशभक्ति की भावना को और मजबूत किया और यह ऑपरेशन भारत की दृढ़ता और अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए उसकी अटूट प्रतिबद्धता का एक ज्वलंत उदाहरण बन गया है।
खेल के मैदान में विजय
प्रधानमंत्री ने खेलों के क्षेत्र में भारत की शानदार उपलब्धियों का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि पुरुष क्रिकेट टीम ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर देश का मान बढ़ाया, वहीं महिला क्रिकेट टीम ने पहली बार वर्ल्ड कप अपने नाम कर इतिहास रचा। भारत की बेटियों ने विमेंस ब्लाइंड वर्ल्ड कप जीतकर एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की, जो उनकी असाधारण प्रतिभा और दृढ़ संकल्प का प्रमाण है। इसके अतिरिक्त, एशिया कप टी-20 में भी तिरंगा शान से लहराया, जिसने भारतीय खेलों के बढ़ते कद और वैश्विक मंच पर उनकी पहचान को रेखांकित किया। ये सभी उपलब्धियां देश के युवाओं और खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हैं।
विज्ञान और अंतरिक्ष अन्वेषण में छलांग
विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में भी भारत ने बड़ी छलांग लगाई है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि शुभांशु शुक्ला इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचने वाले पहले भारतीय बने, जो देश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण था। यह उपलब्धि भारत की वैज्ञानिक क्षमता और अंतरिक्ष अन्वेषण के प्रति उसकी बढ़ती महत्वाकांक्षा को दर्शाती है। यह न केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि है बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है, जो युवा वैज्ञानिकों को इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा। भारत लगातार अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में नवाचार कर रहा है और वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय में अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है।
पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता
प्रधानमंत्री ने पर्यावरण सुरक्षा और वन्यजीव संरक्षण से जुड़ी कई पहलों का भी जिक्र किया, जो वर्ष 2025 में शुरू हुईं। उन्होंने विशेष रूप से बताया कि भारत में अब चीतों की संख्या 30 से ज़्यादा हो गई है, जो वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों की सफलता को दर्शाता है और यह पहल न केवल भारत की समृद्ध जैव विविधता को संरक्षित करने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि वैश्विक पर्यावरण संरक्षण प्रयासों में भी भारत की भूमिका को मजबूत करती है। ये प्रयास यह सुनिश्चित करते हैं कि आने वाली पीढ़ियों के लिए। प्रकृति का संतुलन बना रहे और वन्यजीवों को सुरक्षित आवास मिल सके।
भारत की समृद्ध संस्कृति और विरासत का उत्सव
इस साल की शुरुआत में कुंभ के भव्य आयोजन का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इस आयोजन ने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया। उन्होंने कहा कि 2025 में आस्था, संस्कृति और भारत की अनोखी विरासत सब एक साथ देखने को मिलीं। साल के आखिर में अयोध्या में राम मंदिर में झंडा फहराने की सेरेमनी ने हर भारतीय को गर्व से भर दिया। ये आयोजन न केवल भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक शक्ति को प्रदर्शित करते हैं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इसकी पहचान को मजबूत करते हैं। कुंभ जैसे आयोजन लाखों लोगों को एक साथ लाते हैं, जबकि राम मंदिर का उद्घाटन देश की सांस्कृतिक चेतना को पुनर्जीवित करता है।
भाषाई एकता को बढ़ावा: तमिल पहल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' में युवाओं के साथ संवाद पर भी जोर दिया। उन्होंने बताया कि कई युवा उनसे पूछते हैं कि वे अपने आइडिया का प्रेजेंटेशन उन्हें कैसे दे सकते हैं। युवाओं की इस जिज्ञासा का समाधान 'विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग' है। उन्होंने घोषणा की कि अगले महीने की 12 तारीख को स्वामी विवेकानंद की जयंती के मौके पर 'राष्ट्रीय युवा दिवस' मनाया जाएगा और उसी दिन 'यंग लीडर्स डायलॉग' भी ऑर्गनाइज़ किया जाएगा, जिसमें वे स्वयं हिस्सा लेंगे। पीएम मोदी ने इस इवेंट का बेसब्री से इंतजार करने की बात कही, जो युवाओं को राष्ट्र निर्माण में सक्रिय रूप से शामिल करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह पहल युवा शक्ति को सही दिशा में प्रेरित करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बनेगी।
पीएम मोदी ने काशी तमिल संगमम का भी उल्लेख किया, जिसने भाषाई और सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा दिया। उन्होंने कहा कि इस साल, वाराणसी में 'काशी तमिल संगमम' के दौरान, तमिल सीखने पर खास ज़ोर दिया गया। 'तमिल सीखो-तमिल करकलम' थीम के तहत, वाराणसी के 50 से ज़्यादा स्कूलों में खास कैंपेन चलाए गए और पीएम मोदी ने कहा कि तमिल भाषा दुनिया की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है और उन्हें खुशी है कि आज देश के दूसरे हिस्सों में भी युवाओं और बच्चों में तमिल भाषा के प्रति एक नया आकर्षण दिख रहा है। उन्होंने इसे भाषा की ताकत और भारत की एकता का प्रतीक बताया, जो विभिन्न संस्कृतियों और भाषाओं को एक सूत्र में पिरोता है। यह पहल राष्ट्रीय एकीकरण और भाषाई विविधता के सम्मान को बढ़ावा देती है।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन का समापन करते हुए कहा कि 2025 भारत के लिए उपलब्धियों, गौरव और एकता का वर्ष रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि 2026 भी देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा, जहां युवा शक्ति, वैज्ञानिक प्रगति और सांस्कृतिक विरासत मिलकर एक विकसित भारत का निर्माण करेंगे। यह एपिसोड देश के नागरिकों को आने वाले वर्ष के लिए प्रेरित करने और उन्हें राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करने का एक मंच बन गया।