देश / लुंबिनी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, भारत में बन रहे भव्य श्रीराम मंदिर से नेपाल के लोग भी खुश

Zoom News : May 16, 2022, 06:41 PM
लुम्बिनी (नेपाल)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोमवार को नेपाल (Nepal)  में कहा कि अयोध्या में बन रहे भगवान राम के मंदिर से यहां के लोगों में भी खुशी का मौहाल है। एकदिवसीय नेपाल यात्रा पर यहां पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी गौतम बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी में बुद्ध जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, “मैं जानता हूं कि आज जब भारत में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बन रहा है तो नेपाल के लोग भी उतने ही खुश हैं।” भगवान बुद्ध को ‘मानवता के सामूहिक बोध का अवतरण’ बताते हुए मोदी ने कहा कि वह ‘बोध’ भी हैं और ‘शोध’ भी हैं। उन्होंने बुद्ध को एक विचार और संस्कार भी बताया।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘साझी विरासत, साझी संस्कृति और साझी आस्था और साझा प्रेम हमारी सबसे बड़ी पूंजी है। यह पूंजी जितनी समृद्ध होगी, हम उतने ही प्रभावी ढंग से दुनिया तक भगवान बुद्ध का संदेश पहुंचा सकेंगे…दुनिया को दिशा दे सकते हैं।’ उन्होने आगे कहा, “आज जिस तरह की वैश्विक परिस्थितियां बन रही हैं, उसमें भारत और नेपाल की निरंतर मजबूत होती मित्रता, हमारी घनिष्ठता, संपूर्ण मानवता के हित का काम करेगी। भगवान बुद्ध के प्रति आस्था हमें एक सूत्र में बांधती है। एक परिवार का सदस्य बनाती है।”

मोदी ने माया देवी मंदिर में की पूजा 

इस कार्यक्रम में शामिल होने से पहले, लुंबिनी पहुंचने पर प्रधानमंत्री मोदी ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर सबसे पहले यहां स्थित माया देवी मंदिर में पूजा-अर्चना की। गौतम बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी में स्थित इस ऐतिहासिक मंदिर के दौरे पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनके नेपाली समकक्ष शेर बहादुर देउबा भी थे। इसके बाद मोदी और देउबा ने लुंबिनी बौद्ध विहार क्षेत्र में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर फॉर बौद्ध कल्चर एंड हेरिटेज (भारत अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्‍कृति और विरासत केंद्र) के निर्माण कार्य के लिए आधारशिला रखी।

इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी में नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के साथ बहुआयामी द्विपक्षीय साझेदारी में नए क्षेत्रों को तलाशने तथा मौजूदा सहयोग को मजबूत बनाने के सभी आयामों पर चर्चा की। दोनों नेताओं के बीच बैठक के बाद सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत बनाने, शिक्षा क्षेत्र में सहयोग एवं पनबिजली क्षेत्र से जुड़ी परियोजनाओं को लेकर छह समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए। इस यात्रा का एक प्रमुख हासिल दोनों पड़ोसी देशों के बीच अरुण -4 जलविद्युत परियोजना का संयुक्त विकास है।

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