नई दिल्ली / मैच होने या ना होने से कई गुना गंभीर मुद्दा है दिल्ली का प्रदूषण: गौतम गंभीर

Live Hindustan : Oct 31, 2019, 11:20 AM
पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर ने दिल्ली के वायु प्रदूषण और भारत-बांग्लादेश के बीच होने वाले पहले टी-20 मैच को लेकर अपनी राय दी है। गौतम गंभीर का कहना है कि दिल्ली वालों के लिए क्रिकेट मैच होस्ट करने से ज्यादा बड़ा मुद्दा प्रदूषण है। एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में गंभीर ने कहा, 'दिल्ली में क्रिकेट मैच या किसी अन्य खेल से ज्यादा गंभीर मुद्दा वायु प्रदूषण हैं। मुझे ऐसा लगता है कि दिल्ली में रहने वालों को क्रिकेट मैच से ज्यादा यहां के प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर चिंतित होना चाहिए।'

उन्होंने कहा, 'प्रदूषण का यह स्तर ना सिर्फ खिलाड़ियों बल्कि एक आम आदमी के लिए भी खतरनाक है। मैच एक बहुत छोटी चीज है। मुझे लगता है कि हम इसे ठीक कह सकते हैं या फिर हमें इस मैच को शिफ्ट करने के लिए कहना चाहिए या नहीं।'

बता दें कि भारत और बांग्लादेश के बीच पहला टी-20 मैच 3 नवंबर को अरुण जेटली स्टेडियम में खेला जाना है। वायु प्रदूषण के इस स्तर के बावजूद कहा जा रहा है कि मैच शेड्यूल के मुताबिक ही होगा। 

क्रिकेटर से सांसद बने गौतम गंभीर ने कहा, 'यह बहुत छोटी सी चीज है। अंत में यह पूरी दिल्ली है जो सह रही है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग लोगों सब पर इसका असर हो रहा है। इसलिए यह हमारी जिम्मेदारी है। मुझे पता चला है कि प्रदूषण का स्तर पहले से बेहतर है। इसका श्रेय दिल्ली के लोगों को जाता है, लेकिन अभी हमें और मेहनत करनी है। ' 

उन्होंने आगे कहा, 'इसलिए मैच होता है या नहीं, मुझे इस बात की चिंता नहीं है। मैं उम्मीद करता हूं कि हो और होना भी चाहिए, लेकिन प्रदूषण एक ऐसी चीज है, जिसका दुष्प्रभाव पूरी दिल्ली पूरे साल झेलती है। यह मैच से कहीं बड़ा मुद्दा है।'

बीसीसीआई के मैच वेन्यू डिसाइट करने के सवाल पर गौतम गंभीर ने कहा, 'हां, आप ऐसे वातावरण में खेलना चाहते हैं, जो खिलाड़ियों और बाकी सभी लोगों के लिए भी बेहतर हो। अगर प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा रहता है तो आपको दूसरे वेन्यू के बारे में भी सोचना चाहिए, लेकिन जैसा कि मैंने पहले कहा मैच से बड़ा मुद्दा मेरे लिए प्रदूषण ही है।'

गौतम ने साथ ही कहा कि पिछले छह सालों के मुकाबले में इस बार प्रदूषण का स्तर बेहतर है और इसका पूरा श्रेय दिल्लीवालों को जाता है। उन्होंने कहा, 'दिल्ली सरकार यह दावा कर रही है कि यह उनके काम का नतीजा है लेकिन अंत में यह दिल्लीवासियों की जागरुकता कि पटाखे कम जलाए गए। लेकिन अभी और काम करना होगा, विज्ञापन करने की बजाय।'

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