AajTak : Apr 12, 2020, 01:08 AM
Lockdown Effect: पॉर्न देखने में दुनिया भर के देशों में भारत लीड कर रहा है। तीन हफ्ते के लॉकडाउन की अवधि में भारत एडल्ट साइट्स पर जाने वालों का ट्रैफिक 95 फीसदी बढ़ा है।डेटा दिखाता है कि भारत (जो सबसे तेजी से उभरने वाला स्मार्टफोन मार्केट है) में मार्च के आखिर में आधिकारिक पाबंदियों के शुरू होने से पहले ही पॉर्न कंटेंट देखने में 20 फीसदी का उछाल आ गया था। हालांकि कई भारतीय टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने अनेक एडल्ट साइट्स को ब्लॉक भी किया है, लेकिन उनका कंटेंट अब भी मिरर डोमेंस पर देखा जा सकता है।दुनिया की सबसे बड़ी पॉर्न साइट पॉर्नहब ने ट्रैफिक से जुड़े आंकड़े जारी किए हैं। इन आंकड़ों से कोरोना वायरस महामारी के खतरे से निपटने के लिए दुनिया भर में लॉकडाउन और क्वारनटीन जैसे उपाय किए जाने के बाद खपत पैटर्न (पॉर्न देखना) का पता चलता है। आइए देखते हैं कि इस मामले में भारत, फ्रांस, जर्मनी, इटली, रूस, दक्षिण कोरिया, स्पेन, स्विट्जरलैंड और अमेरिका के वेब ट्रैफिक पर क्या फर्क पड़ा।पॉर्नहब के आंकड़े बताते हैं कि 17 मार्च को फ्रांस में लॉकडाउन शुरू होने के बाद 40% का तत्काल उछाल आया। ऐसी ही तस्वीर जर्मनी की भी है। वहां 22 मार्च को लॉकडाउन शुरू होने पर एडल्ट साइट्स के ट्रैफिक में 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। इटली दुनिया में चीन के बाहर कोरोना वायरस की सबसे बुरी मार झेलने वाला देश है। यहां 9 मार्च को लॉकडाउन शुरू हुआ। इस अवधि में इटली में एडल्ट कंटेट की खपत में 55 फीसदी का उछाल आया।
ये भी पहली बार हुआ कि एडल्ट साइट्स ने अपने व्यूअर्स को फ्री सब्सक्रिप्शन देना शुरू कर दिया। 2 अप्रैल के बाद और एडल्ट कंटेंट की खपत और बढ़ी जब इटली सरकार ने एलान किया कि Covid-19 से जुड़े प्रतिबंध 13 अप्रैल तक लागू रहेंगे।रूस में आधिकारिक लॉकडाउन 30 मार्च को शुरू हुआ। इससे एक हफ्ते पहले मॉस्को के मेयर ने 65 साल से ऊपर के सभी लोगों को घर में खुद को आइसोलेशन में रखने के लिए कहा था। उससे अगले दिन चेचन्या ने सभी रेस्त्रां, कैफे, भीड़ वाली जगहों को बंद कर दिया। रूस ने 25 मार्च को सभी सिनेमा, नाइट क्लब बंद कर दिए। इसी घटनाक्रम के साथ ही रूस में एडल्ट साइट्स को जाने वाला वेब ट्रैफिक 56% बढ़ गया।दक्षिण कोरिया में पूर्ण लॉकडाउन घोषित नहीं किया गया। वहां वेब ट्रैफिक में कोई खास उछाल देखने को नहीं मिला। वहां मार्च के पूरे महीने और अप्रैल की शुरुआत में लगभग एक जैसा ही ट्रैफिक देखने को मिला।स्पेन अन्य यूरोपीय देशों से अलग नहीं रहा। यहां 14 मार्च को पूरा लॉकडाउन अमल में आया। पॉर्नहब के डेटा के मुताबिक स्पेन में एडल्ट कंटेंट को देखने वाले वेब ट्रैफिक में 60 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई।स्विट्जरलैंड में 19 मार्च को लॉकडाउन प्रभावी हुआ। यहां पॉर्न साइट्स के वेब ट्रैफिक में 25 फीसदी का उछाल आया। पॉर्नोग्राफी के लिए अमेरिकी ट्रैफिक में खासी बढ़ोतरी देखी गई। इस उछाल का संबंधित राज्यों में लागू की गई पाबंदियों से जुड़ाव देखने को मिला।
ये भी पहली बार हुआ कि एडल्ट साइट्स ने अपने व्यूअर्स को फ्री सब्सक्रिप्शन देना शुरू कर दिया। 2 अप्रैल के बाद और एडल्ट कंटेंट की खपत और बढ़ी जब इटली सरकार ने एलान किया कि Covid-19 से जुड़े प्रतिबंध 13 अप्रैल तक लागू रहेंगे।रूस में आधिकारिक लॉकडाउन 30 मार्च को शुरू हुआ। इससे एक हफ्ते पहले मॉस्को के मेयर ने 65 साल से ऊपर के सभी लोगों को घर में खुद को आइसोलेशन में रखने के लिए कहा था। उससे अगले दिन चेचन्या ने सभी रेस्त्रां, कैफे, भीड़ वाली जगहों को बंद कर दिया। रूस ने 25 मार्च को सभी सिनेमा, नाइट क्लब बंद कर दिए। इसी घटनाक्रम के साथ ही रूस में एडल्ट साइट्स को जाने वाला वेब ट्रैफिक 56% बढ़ गया।दक्षिण कोरिया में पूर्ण लॉकडाउन घोषित नहीं किया गया। वहां वेब ट्रैफिक में कोई खास उछाल देखने को नहीं मिला। वहां मार्च के पूरे महीने और अप्रैल की शुरुआत में लगभग एक जैसा ही ट्रैफिक देखने को मिला।स्पेन अन्य यूरोपीय देशों से अलग नहीं रहा। यहां 14 मार्च को पूरा लॉकडाउन अमल में आया। पॉर्नहब के डेटा के मुताबिक स्पेन में एडल्ट कंटेंट को देखने वाले वेब ट्रैफिक में 60 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई।स्विट्जरलैंड में 19 मार्च को लॉकडाउन प्रभावी हुआ। यहां पॉर्न साइट्स के वेब ट्रैफिक में 25 फीसदी का उछाल आया। पॉर्नोग्राफी के लिए अमेरिकी ट्रैफिक में खासी बढ़ोतरी देखी गई। इस उछाल का संबंधित राज्यों में लागू की गई पाबंदियों से जुड़ाव देखने को मिला।