राजस्थान/कोरोना-Comeback / कोरोनाकाल में राजस्थान का शानदार कमबैक,11 जिले कोरोना फ्री

Zoom News : Jan 23, 2021, 09:58 AM
  • शिखर से शून्य तक; बीकानेर के 440 बेड वाले पीबीएम में 20 दिन से एक भी कोरोना मरीज नहीं

राजस्थान: कोरोनाकाल में एक और कीर्तिमान रच दिया है। देश के कुल 26 कोरोना फ्री जिलों में 11 अकेले राजस्थान के हैं। इनमें अब एक भी कोरोना रोगी अस्पताल में भर्ती नहीं है। हालांकि, कुछ मरीज होम आइसोलेट हैं। कोरोना से यह कमबैक हाल में ऑस्ट्रेलिया को उन्हीं के घर में टेस्ट सीरीज हराने वाली टीम इंडिया जैसा ही है।


सिर्फ 36 रन पर ऑलआउट होने वाली टीम इंडिया ने जबरदस्त कमबैक किया और वह कर दिखाया जो 141 साल में कभी नहीं हुआ। इन 11 जिलों ने भी करीब 200 दिनों में ये जंग जीती है। देश के बाकी 16 काेरोना फ्री जिलों में अरुणाचल के 10, मेघालय-नागालैंड के 2-2 और गुजरात व मिजोरम का एक-एक है। सरकार घोषित क्यों नहीं करती कोविड फ्री जिला: लॉकडाउन तक जिला कलेक्टरों को ये अधिकार थे कि 14 दिन कोई रोगी नहीं आने पर जिला कोरोना फ्री घोषित करें। अनलाॅक के बाद ये प्रावधान हटा दिया गया।


ये विजयी ग्यारह कोरोनामुक्त जिले:

दौसा, बूंदी, चूरू, झुंझुनूं, करौली, प्रतापगढ़, सवाई माधोपुर, सिरोही, टोंक, धौलपुर और भरतपुर में एक भी कोरोना मरीज अस्पताल में नहीं है। सिर्फ धौलपुर और भरतपुर में दो-दो मरीज ओपीडी में दिखाने आए थे।


और बेंच स्ट्रेंथ, ये 12 जिले जीत के करीब:

अलवर में 5, झालावाड़ में 3, डूंगरपुर में 7, जालाोर में 2, बीकानेर में 6, राजसमंद में 7, पाली में 6, सीकर में 6 और बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, श्रीगंगानगर, जैसलमेर में 12 मरीज बचे हैं। जल्द ये भी कोरोना फ्री होंगे।


सबसे बड़ा चैलेंज:

टोंक सीएमएचओ अशोक यादव के अनुसार 90 से 120 दिन तक लगातार सभी डाॅक्टरों को बिना एक भी दिन घर भेजे होटलों में रुकवा कर 16-18 घंटे ड्यूटी करनी पड़ी। हमने धर्म-जाति भुला घर-घर दस्तक दी। रोगी संप्रदाय विशेष के आए, तनाव बढ़ा, लेकिन विरोध सहकर भी लक्ष्य नहीं छोड़ा।


विरोध ऐसा:

धौलपुर सीएमएचओ गोपालप्रसाद गोयल बोले- विरोध के बावजूद कंटेनमेंट जोन बनाए, 200 दिन जंग लड़ी।


आरोप लगे:

सिरोही सीएमएचओ राजेश कुमार ने कहा- आरोल लगे कि डॉक्टर बीमारी ला रहे हैं। प्रवासियों से कोरोना गांवों में पहुंचा तो टीमें 570 गांवों में गईं। गांव बंद करवाना जंग लड़ने जैसा था। लेकिन इसी से दूसरे गांवों में संक्रमण नहीं फैल पाया।


पत्थर भी पड़े:

झुंझुनूं सीएमएचओ छोटेलाल गुर्जर ने कहा कि इटली से आया पहला दल मंडावा के होटल रुका था। वहीं से कोरोना जिले में फैला। कई जगह पत्थर भी फेंके गए। लेकिन हम अपने काम में जुटे रहे।


क्रिकेट से लेकर कोरोना तक, हर क्षेत्र में हम आत्मनिर्भर: माेदी

​​​​‘आत्मनिर्भर भारत’ हर देशवासी के जीवन का हिस्सा बन गया है। यह क्रिक्रेट के मैदान से लेकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई तक में नजर आया। ऑस्ट्रेलिया में टीम के प्रदर्शन से सीख मिलती है कि अपनी क्षमता पर विश्वास करें। -पीएम मोदी, असम के तेजपुर विवि के दीक्षांत समारोह में।


मोदी ने कहा, ‘कोरोना काल में आत्मनिर्भर भारत अभियान हर किसी की शब्दावली का अहम हिस्सा हो गया है। हम इसे अपने इर्द-गिर्द महसूस कर रहे हैं।’ प्रधानमंत्री शुक्रवार काे असम के तेजपुर विश्वविद्यालय के 18वें दीक्षांत्र समाराेह काे वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबाेधित कर रहे थे। उन्हाेंने ऑस्ट्रलिया के सकारात्मक माइंडसेट से काम करने पर परिणाम भी सकारात्मक ही आता है। अगर आपके पास एक तरफ सुरक्षित निकल जाने का विकल्प हो और दूसरी तरफ मुश्किल जीत का तो आपको विजय का विकल्प जरूर चुनना चाहिए।’


अब अगला टेस्ट:

Q. यहां फिर नहीं आएगा कोरोना? 

Ans:कोरोना फ्री जिलों के सीएमएचओ ने कहा- किसी जिले में अब संक्रमण बढ़ने की आशंका नहीं है। फैला तो इलाके को कंटेनमेंट कर कंट्रोल कर लेंगे।

 Q. राजस्थान कब कोरोना फ्री होगा? 

Ans:प्रदेश में करीब 550 रोगी भर्ती और 3700 होम आइसोलेट रोगी हैं। नई वेव के आसार नहीं हैं। फरवरी के अंत या मार्च में प्रदेश कोरोना फ्री हो सकता है। 

Q. जयपुर की क्या स्थिित रहेगी? 

Ans:जयपुर में 10 इलाकों में रोज औसतन 40 और कोटा में 45 रोगी मिल रहे हैं। कोचिंग छात्र भी आने लगे हैं। ऐसे में कोटा और जयपुर सबसे अंत में संक्रमण मुक्त होंगे।


हमने सबसे पहले लौटाई घटिया चीनी किट:

रूथलेस कंटेनमेंट अपनाकर भीलवाड़ा और बाद में 60 साल से बड़े लोगों का जीवन बचाने के लिए मिशन लीजा चलाया। रामगंज माडल अपनाया। इस बीच चीन से रेपिड टेस्टिंग किट आ गए। राजस्थान पहला राज्य बना, जिसने उस किट की टेस्टिंग को गलत बताया। यदि किट से टेस्टिंग शुरू कर देते तो कोरोना को हरा कर बाउंच बेक करना संभव नहीं था। राजस्थान ने सारे आरटीपीसीआर टेस्ट करवाए। सीएम अशोक गहलोत 24 घंटे हमारे साथ सक्रिय रहे। संक्रियता से हमने फील्ड सेटिंग यही हमारी जीत का आधार बना और जिस समय देश में सितंबर में कोरोना उछाल मार रहा था, राजस्थान में लगातार केस घटने लग गए और महामारी सबसे पहले कंट्रोल में

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