Reserve Bank Of India / RBI कर सकता है अक्टूबर में बड़ा ऐलान, क्या घटेगा आपका लोन का बोझ?​

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) 1 अक्टूबर को मौद्रिक नीति की घोषणा करेगा। SBI की रिपोर्ट के मुताबिक, 25 बेसिस प्वॉइंट्स की दर कटौती संभव है। महंगाई नियंत्रण में होने से यह कदम अर्थव्यवस्था को सहारा देगा। हालांकि एक्सपर्ट्स की राय बंटी है और कई “स्टेटस क्वो” की संभावना मान रहे हैं।

Reserve Bank Of India: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) 1 अक्टूबर 2025 को अपनी अगली बाय-मंथली मौद्रिक नीति की घोषणा करने वाला है। इस बीच, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक रिसर्च रिपोर्ट ने अनुमान लगाया है कि RBI 25 बेसिस प्वॉइंट्स (0.25%) की दर कटौती कर सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, खुदरा महंगाई (Retail Inflation) पर नियंत्रण बना रहेगा, जिससे यह कदम अर्थव्यवस्था को गति देने में मददगार साबित हो सकता है।

RBI की बैठक और मौजूदा हालात

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) 28 सितंबर से तीन दिन की बैठक आयोजित करेगी। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है और अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर 50% टैरिफ लागू कर दिया है। इन परिस्थितियों के बीच RBI का अंतिम फैसला 1 अक्टूबर को घोषित होगा।

गौरतलब है कि फरवरी 2025 से अब तक RBI ने तीन चरणों में कुल 100 बेसिस प्वॉइंट्स की कटौती की है। हालांकि, अगस्त की बैठक में RBI ने "वेट एंड वॉच" की नीति अपनाते हुए कोई बदलाव नहीं किया।

विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञों के बीच इस बार की मौद्रिक नीति को लेकर अलग-अलग राय है।

  • बैंक ऑफ बड़ौदा के चीफ इकॉनॉमिस्ट मदन सबनवीस का कहना है कि महंगाई पहले ही 4% के लक्ष्य से नीचे है और आर्थिक वृद्धि दर 6.5% से अधिक रहने की उम्मीद है। ऐसे में अभी दर कटौती की जरूरत नहीं है। हालांकि, निवेशकों की भावनाओं को सकारात्मक रखने और बॉन्ड यील्ड्स को स्थिर करने के लिए भविष्य में कदम उठाए जा सकते हैं।

  • ICRA की चीफ इकॉनॉमिस्ट अदिति नायर का मानना है कि हाल के जीएसटी रैशनलाइजेशन से अक्टूबर-नवंबर में महंगाई में कमी आ सकती है, लेकिन इसके बाद इसमें वृद्धि हो सकती है। इसलिए, अक्टूबर में स्टेटस क्वो (कोई बदलाव नहीं) की संभावना अधिक है।

  • क्रिसिल के चीफ इकॉनॉमिस्ट धर्मकीर्ति जोशी का कहना है कि महंगाई उम्मीद से कम है और कोर इन्फ्लेशन ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर है। जीएसटी दरों में बदलाव से भी महंगाई में कमी आएगी। इसके अलावा, अमेरिकी फेडरल रिज़र्व द्वारा हाल में 25 बेसिस प्वॉइंट्स की कटौती और भविष्य में और कटौती की संभावना से RBI को नीतिगत लचीलापन मिलता है।

  • एसबीएम बैंक इंडिया के मंदार पितले का अनुमान है कि RBI फिलहाल स्टेटस क्वो बनाए रख सकता है और दिसंबर की बैठक में परिस्थितियों के आधार पर फैसला ले सकता है।

जीएसटी रैशनलाइजेशन का प्रभाव

22 सितंबर 2025 से जीएसटी ढांचे को सरल करते हुए दो-टियर प्रणाली लागू की गई है, जिसमें केवल 5% और 18% की दरें शामिल हैं। पहले की 5%, 12%, 18%, और 28% दरों को समायोजित कर इस नए ढांचे को अपनाया गया है। इससे 99% रोजमर्रा की वस्तुएं सस्ती हो गई हैं, जिससे महंगाई पर और नियंत्रण की उम्मीद है। यह कदम न केवल उपभोक्ताओं के लिए राहत भरा है, बल्कि RBI की मौद्रिक नीति के लिए भी अनुकूल माहौल बना सकता है।