Delhi / घर में घुसकर लूटपाट के बाद नामी बिल्डर की हत्या, बाइक सवार दो बदमाशों ने दिया वारदात को अंजाम

Zoom News : May 02, 2022, 10:06 AM
उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त कार्यालय से चंद कदमों की दूरी पर सिविल लाइंस इलाके में हथियारबंद बदमाशों ने लूटपाट के दौरान एक नामी बिल्डर की चाकू से वारकर हत्या कर दी। मृतक की शिनाख्त राम किशोर अग्रवाल (77) के रूप में हुई है। घटना रविवार सुबह की है। राम किशोर का गला रेतने के अलावा पेट और कमर पर चाकू के घाव थे। पुलिस को घटना स्थल से कुछ कैमरों की सीसीटीवी फुटेज भी बरामद हुई है, जिसमें बाइक सवार दो बदमाश दिख रहे हैं। 


मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण स्थानीय पुलिस के अलावा एएटीएस, स्पेशल स्टाफ की दर्जनभर टीमों को जांच में लगा दिया गया है। मृतक के घर से मुख्यमंत्री और एलजी आवास भी नजदीक हैं। पता चला है कि बदमाशों ने घर के नौकरों को भी बंधक बना लिया था। पुलिस ने फिलहाल 14 जगह की सीसीटीवी फुटेज देखी हैं, जिनमें से कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं। सोसायटी के गार्ड व अन्य लोगों से पूछताछ कर मामले की छानबीन की जा रही है।


पुलिस के मुताबिक राम किशोर अग्रवाल अपने परिवार के साथ कोठी नंबर-1, राम किशोर अग्रवाल मार्ग, सिविल लाइन इलाके में रहते थे। परिवार में बेटा विशाल अग्रवाल, बेटी, बहू और एक पोती है। राम किशोर की गिनती दिल्ली के बड़े बिल्डरों में होती थी। कोठी के ग्राउंड फ्लोर पर वह अकेले रहते थे, जबकि बच्चे ऊपरी फ्लोर पर रहते हैं। राम किशोर बिल्डर होने के साथ-साथ समाजसेवी भी थे। इसलिए उनके घर के सामने वाली सड़क का नाम उनके ही नाम पर रखा हुआ था। 


रविवार सुबह 6.40 बजे अचानक घर की डोर बेल बजी तो दरवाजे पर सोसायटी का सुरक्षा गार्ड नागेश शोर मचा रहा था। उसका कहना था कि दो लड़के कोठी में घुसकर लूटपाट कर ले गए हैं। बेटा विशाल पिता के कमरे की ओर बढ़ा तो उसके होश उड़ गए। राम किशोर अग्रवाल फर्श पर खून से लथपथ पड़े थे। उन्हें तत्काल नजदीकी ट्रामा सेंटर ले जाया गया, जहां मृत घोषित कर दिया। विशाल ने ही रास्ते से 6.52 बजे पुलिस को कॉल कर मदद मांगी। खबर मिलते ही तमाम वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए। 


गार्ड पर पिस्टल तानकर फरार हुए बदमाश

सोसायटी के गार्ड नागेश ने बताया कि सुबह करीब 5.45 बजे उसने बाइक सवार दो संदिग्ध लड़कों को सोसायटी में अंदर घुसने पर उसने टोका था। वह मंदिर जाने की बात कर रहे थेे। गार्ड ने कहा, यहां कोई मंदिर नहीं है, तो वे चले गए थे। करीब 6.30 बजे नागेश घूमता हुआ राम किशोर अग्रवाल की कोठी पर पहुंचा तो एक बाइक सवार बाहर खड़ा था जबकि दूसरा गेट के पास दीवार फांदकर बाहर आ रहा था। टोकने पर एक बदमाश ने उस पर पिस्टल तान दी। 


इसके बाद दोनों कुछ बैग लेकर फरार हो गए। इसके बाद नागेश ने घर की डोर बेल बजाई थी। विशाल का कहना है कि पिता के कमरे में लकड़ी के कुछ बक्से रखे थे। उनमें कैश था, रकम कितनी थी इसका पता किसी को नहीं है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि बदमाश मोटी रकम लूटकर ले गए हैं। परिजनों से पूछताछ कर छानबीन की  जा रही है। घर के नौकरों के अलावा बाकी स्टाफ से भी पूछताछ की जा रही है। पुलिस वारदात में परिवार के किसी करीबी का हाथ होने की बात से भी इंकार नहीं कर रही है। 


बदमाशों ने नौकरों को कमरे में कर दिया था बंद

सिविल लाइंस की वीवीआईपी सोसायटी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। बेहद कम फासले पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। रात के समय सोसायटी में दाखिल होने के तीन में से दो गेटों को बंद कर दिया जाता है। इसके बावजूद बदमाश आसानी से कोठी में दाखिल हो गए और घर के नौकरों के कमरों की भी बाहर से कुंडी लगा दी। ऐसे में आशंका है कि वारदात के पीछे किसी जानकार का ही हाथ है। पुलिस ने सोसायटी के सभी कैमरों की सीसीटीवी फुटेज को कब्जे में लिया है।


एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया राम किशोर अग्रवाल कई दशकों से यहां रहते थे। इनके घर में कई साल पुराने नौकर काम करते हैं। घर के भीतर तीन नौकर, एक मेड (आया), एक सुरक्षा गार्ड व दिन में  कार चालक रहते हैं। गेट के पास ही इनके नौकरों का कमरा बना है। वारदात को अंजाम देने बदमाश अंदर घुसे और नौकर के कमरों के बाहर से कुंडी लगा दी थी। इसके अलावा अंदर दाखिल होने पर एक कमरा अलग से मेड को दिया गया था। 


बदमाशों ने उसकी भी कुंडी लगा दी। रोजाना सुबह राम किशोर अग्रवाल जल्दी उठ जाते थे। रविवार भी ऐसा ही हुआ। सुबह उठने के बाद उन्होंने अपने ग्राउंड फ्लोर को खोल दिया। बदमाशों ने इसका फायदा उठाया। पुलिस आशंका जता रही है कि बदमाशों को यह पहले से पता था। पुलिस घर में काम करने वाले सभी लोगों से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है। यहां काम करने वाले या पूर्व नौकरों की सूची भी तैयार की जा रही है।


एक साल के भीतर परिवार में तीसरी मौत

राम किशोर अग्रवाल की मौत के बाद से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया है। महज एक साल के भीतर परिवार में यह तीसरी मौत है। पिछले साल अप्रैल में राम किशोर की पत्नी सुनीता और दामाद प्रभांश की कोरोना से मौत हो गई थी। परिवार अभी उस गम से उभरा भी नहीं था एक और मौत ने गहरे सदमे में डाल दिया है। घटना की जानकारी मिलते ही राम किशोर के पड़ोसी भी परिजनों को सांत्वना  देने पहुंचे।  


सभी का कहना था कि वह बेहद साधारण और सरल स्वभाव के थे। उनके कामों की वजह से उनके नाम से सोसायटी की एक रोड का नाम करण कर दिया गया। परिवार के एक करीबी ने बताया कि राम किशोर अग्रवाल की गिनती दिल्ली के पुराने और नामी बिल्डरों में होती है। सिविल लाइंस के अलावा दिल्ली के कई बड़े इलाकों में इन्होंने निर्माण कार्य किया है। विशाल अपने पिता के साथ ही काम करता था। पिता की मौत के बाद से परिवार बहुत दुखी है।

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