रूस ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दिसंबर में होने वाली नई दिल्ली की यात्रा से पहले भारत को एक अभूतपूर्व सैन्य प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव के तहत, रूस भारत को अपनी 5वीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट सुखोई Su-57 देने को तैयार है, और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसके साथ ही वह इस अत्याधुनिक विमान की पूरी तकनीक भी बिना किसी रोक-टोक के साझा करेगा। यह पेशकश भारतीय वायुसेना के भविष्य को पूरी तरह से बदलने की क्षमता रखती है, क्योंकि पश्चिमी देशों ने अब तक भारत को ऐसी उन्नत स्टील्थ तकनीक देने से लगातार इनकार किया है।
मॉस्को द्वारा दिया गया यह प्रस्ताव भारत-रूस संबंधों में एक नए। अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है, खासकर रक्षा सहयोग के क्षेत्र में। रूस ने न केवल Su-57 की पेशकश की है, बल्कि सिंगल-इंजन स्टील्थ फाइटर Su-75 चेकमेट भी भारत को देने का प्रस्ताव रखा है। यह कदम ऐसे समय में आया है जब दोनों देश 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन की तैयारियों में जुटे हैं, जिसके लिए रूसी राष्ट्रपति पुतिन दिसंबर में भारत आएंगे। यह ऑफर भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।
तकनीकी हस्तांतरण की पूरी छूट
रूसी सरकारी रक्षा कंपनी रोस्टेक (Rostec) के सीईओ सर्गेई चेमेज़ोव ने दुबई एयर शो 2025 के दौरान एएनआई को बताया कि रूस Su-57 की पूरी तकनीक भारत को देने के लिए तैयार है। इसमें विमान के इंजन, सेंसर, और स्टील्थ मटेरियल जैसी महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियां शामिल हैं। चेमेज़ोव ने स्पष्ट किया कि भारत जो भी तकनीकी सहायता या हस्तांतरण मांगेगा, वह पूरी तरह स्वीकार्य होगा। यह एक असाधारण प्रस्ताव है, क्योंकि आमतौर पर ऐसे संवेदनशील सैन्य। प्रौद्योगिकियों का पूर्ण हस्तांतरण बहुत कम देशों के बीच होता है।
भारत: रूस का 'परफेक्ट साझेदार'
रूस ने भारत को अपना 'दशकों से हर मौसम का साझेदार' बताया है और रोसोबोरोन एक्सपोर्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बात पर जोर दिया कि जब भारत पर प्रतिबंध लगे थे, तब भी रूस ने उसे हथियार मुहैया कराए थे, और आज भी वही नीति जारी है। इस प्रस्ताव में लाइसेंस उत्पादन, भारतीय हथियारों का एकीकरण, और नई पीढ़ी की तकनीकों। जैसे इंजन, AESA रडार, AI, और लो-सिग्नेचर तकनीक का पूरा तकनीकी हस्तांतरण शामिल है। रूस ने यह भी कहा है कि वह सिंगल-इंजन Su-75 चेकमेट का उत्पादन भी भारत में स्थापित करने को तैयार है, जिसे किफायती बताया गया है। यह बयान भारत के साथ रूस के गहरे और भरोसेमंद रक्षा संबंधों को दर्शाता है।
पश्चिमी देशों से भिन्न प्रस्ताव
यह प्रस्ताव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे पश्चिमी देशों ने अब तक भारत को पांचवीं पीढ़ी की स्टील्थ तकनीक देने से बार-बार इनकार किया है। रूस पहला देश है जो इस तरह की उन्नत और संवेदनशील। तकनीक को पूरी तरह से खोलने और साझा करने को तैयार है। यह भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और रक्षा उत्पादन क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए एक गेम-चेंजर हो सकता है और पुतिन की यात्रा से पहले यह घोषणा दोनों देशों के बीच संबंधों की गहराई और आपसी विश्वास का एक मजबूत प्रतिबिंब है।
पुतिन की यात्रा से पहले की गतिविधियां
रूस द्वारा इस बड़े ऑफर से पहले, इस हफ्ते रूसी शीर्ष सलाहकार निकोलाई पैट्रुशेव ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी, जिसमें कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हुई थी। रूसी दूतावास ने पुष्टि की है कि दिसंबर की शुरुआत में होने वाले शिखर सम्मेलन की तैयारियां जोरों पर हैं, और रक्षा क्षेत्र में कई बड़े ऐलान होने की पूरी संभावना है। विदेश मंत्री जयशंकर ने भी हाल ही में पुतिन से मिलकर उन्हें पीएम मोदी का संदेश दिया था। ये सभी गतिविधियां आगामी शिखर सम्मेलन की महत्ता और दोनों देशों के बीच संबंधों को और प्रगाढ़ करने की दिशा में एक बड़ा रोल अदा कर सकती हैं।
Su-57 की घातक क्षमताएं
रूस का सुखोई Su-57 दुनिया का एक उन्नत पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ मल्टीरोल फाइटर जेट है और इसे हवा से हवा में मार करने, जमीन पर हमले करने और समुद्री लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह अमेरिका के F-22 रैप्टर और F-35 लाइटनिंग II जैसे जेट्स का सीधा प्रतिद्वंद्वी माना जाता है और यह एक डबल इंजन वाला जेट है जो अत्याधुनिक स्टील्थ टेक्नोलॉजी से लैस है। इसकी अधिकतम गति 2,135 किमी/घंटा है और इसकी पेलोड क्षमता 10 टन तक है। यह जेट अपनी सुपरमैन्यूवरेबिलिटी (अत्यधिक मोड़ने की क्षमता) के लिए विशेष रूप से जाना जाता है,। जिसमें प्रसिद्ध पुगाचेव कोबरा मैन्यूवर भी शामिल है, जो इसे डॉगफाइट में बेहद घातक बनाता है।
अन्य प्रमुख विशेषताएं और तकनीकी श्रेष्ठता
Su-57 की ताकत उसकी स्टील्थ क्षमताओं, उन्नत हथियारों और अत्याधुनिक सेंसरों में निहित है। यह दुश्मन की रडार से बचते हुए हमला करने में सक्षम है और यह मिसाइलों को अपने अंदर छिपाकर ले जा सकता है, जिससे दुश्मन के रडार इसे ट्रेस नहीं कर पाते। इसके इंजन इनलेट्स में RAM (रडार एब्जॉर्बेंट मटेरियल) और ब्लॉकर ग्रिड लगे हैं, जो इसकी रडार क्रॉस-सेक्शन को और कम करते हैं। इसमें एक उन्नत मिसाइल वार्निंग सिस्टम, इन्फ्रारेड मिसाइलों को ब्लाइंड करने वाला सिस्टम, और AI-आधारित रियल-टाइम थ्रेट एनालिसिस करने वाला विमान है। यह स्वार्म ड्रोन को भी नियंत्रित कर सकता है और इसमें छठी पीढ़ी की तकनीकि भी शामिल है और यह विमान अत्यधिक खतरे वाले वातावरण में घुसकर सटीक हमले करने की क्षमता रखता है, जिससे यह किसी भी आधुनिक वायुसेना के लिए एक अमूल्य संपत्ति बन जाता है। भारत को इसकी तकनीक मिलने से उसकी वायुसेना की ताकत में अभूतपूर्व वृद्धि होगी।