राम मंदिर / अयोध्या में बाबरी मस्जिद थी और रहेगी,यह इस्लाम का कानून

Live Hindustan : Aug 06, 2020, 09:07 PM
अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखे जाने के बाद यूपी के संभल से सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद थी, है और आगे भी रहेगी। जहां एक बार मस्जिद बन जाती है वह जमीन और वह हिस्सा हमेशा मस्जिद का ही रहता है और मस्जिद का ही रहेगा। यह इस्लाम का कानून है। उन्होनें कहा कि मुसलमानों को डरने की कोई जरूरत नहीं है। मुसलमान यह समझे कि हम किसी की रहमों करम पर जिंदा नहीं बल्कि ऊपर वाले के रहमों करम पर जिंदा है। 

सपा सांसद ने कहा कि यह हमारे साथ नाइंसाफी हुई है लेकिन फिर भी मुसलमानों ने बहुत सब्र के साथ काम किया है। इसलिए हमें विश्वास है कि यह मस्जि है और मस्जिद ही रहेगी। इसको कोई मिटा नहीं सकता। सपा सांसद ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के अयोध्या में भूमि पूजन कार्यक्रम में भगवा पहनने पर कहा कि उन्होंने आज तक कभी भगवा नहीं पहना था लेकिन कार्यक्रम के दौरान वह भगवा पहने हुए दिखे और अब उन्होंने बता दिया है कि वह भगवा में हो गए हैं। उन्होंने कहा किम मंदिर की जो नींव रखी गई है उससे मुसलमानों को डरने की कोई जरूरत नहीं है। मुसलमान डरे ना और यह समझे कि हम किसी की रहमों करम पर जिंदा नहीं बल्कि ऊपर वाले के रहमों करम पर जिंदा है। इस देश के लिए मुसलमानों ने जितनी बड़ी कुर्बानी दी है उसको दुनिया भुला नहीं सकती।

इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष ने भी दिया था विवादित बयान :

इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद साजिद रशीदी का विवादित बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि मस्जिद बनाने के लिए मंदिर को तोड़ा जा सकता है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ हुआ था। सालों तक चली रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद की लंबी कानूनी लड़ाई में रामलला के पक्ष में फैसला आया था, जिसके बाद पांच अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखी। 

ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद साजिद रशीदी ने कहा, 'इस्लाम कहता है कि एक मस्जिद हमेशा एक मस्जिद होगी। इसे कुछ और बनाने के लिए नहीं तोड़ा जा सकता है। हमारा मानना है कि यह एक मस्जिद थी और हमेशा एक मस्जिद ही रहेगी। मस्जिद को मंदिर ध्वस्त करने के बाद नहीं बनाया गया था मगर अब मस्जिद बनाने के लिए मंदिर को ध्वस्त किया जा सकता है।

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