Santan Saptami 2024 / संतान सप्तमी व्रत कल, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

पंचांग के अनुसार, संतान सप्तमी पर सप्तमी तिथि 9 सितंबर की रात 9 बजकर 53 मिनट पर शुरू होगी. जो 10 सितंबर को रात 11 बजकर 15 मिनट पर समाप्त होगी. उदया तिथि के अनुसार, संतान सप्तमी का व्रत 10 सितंबर 2024, मंगलवार को रखा जाएगा.

Gajendra Singh Rathore : Sep 10, 2024, 06:00 AM
Santan Saptami 2024: संतान सप्तमी, जिसे संतान सप्तमी व्रत भी कहा जाता है, विशेष रूप से संतान सुख की प्राप्ति के लिए मनाया जाता है. यह व्रत श्रावण मास की सप्तमी तिथि को पड़ता है. इसे “सप्तमी” के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता के अनुसार, इस दिन लोग विशेष पूजा-पाठ, व्रत और धार्मिक अनुष्ठान कर भगवान से संतान सुख की प्रार्थना करते हैं. इसलिए यह व्रत परिवार के सुख-शांति और समृद्धि की कामना के लिए खास माना जाता है. इस दिन किए गए व्रत और पूजा से संतान सुख और संतान के कल्याण का आशीर्वाद प्राप्त होता है, साथ ही परिवार में खुशहाली भी बनी रहती है. मान्यता के अनुसार, संतान सप्तमी के दिन भोलेनाथ और माता पार्वती की विशेष पूजा अर्चना की जाती है.


कब रखा जाएगा संतान सप्तमी का व्रत ?

पंचांग के अनुसार, संतान सप्तमी पर सप्तमी तिथि 9 सितंबर की रात 9 बजकर 53 मिनट पर शुरू होगी. जो 10 सितंबर को रात 11 बजकर 15 मिनट पर समाप्त होगी. उदया तिथि के अनुसार, संतान सप्तमी का व्रत 10 सितंबर 2024, मंगलवार को रखा जाएगा.


संतान सप्तमी का महत्व ( Santan Saptami Significance)

इस दिन विशेष रूप से संतान सुख की प्राप्ति की कामना के लिए पूजा और व्रत किए जाते हैं. माताएं इस दिन भगवान की पूजा करती हैं और संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मांगती हैं. माना जाता है इस व्रत को करने से संतान का स्वास्थ्य अच्छा रहता है. यह व्रत धार्मिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है. माताएं इस दिन भगवान की पूजा करती हैं और धार्मिक ग्रंथों का पाठ करती हैं. यह व्रत समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देता है. सभी लोग एक साथ मिलकर इस व्रत को मनाते हैं.


संतान सप्तमी की पूजा विधि (Puja Vidhi of Santan Saptami)

इस व्रत को करने के लिए इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें. संतान सुख की कामना करते हुए माता-पिता भगवान शिव, माता पार्वती की विशेष पूजा अर्चना करें. शिवलिंग और माता पार्वती की मूर्ति को जल, दूध, दही, शहद, घी आदि से अभिषेक करें. संतान सुख के लिए ‘ऊँ श्रीं ह्रीं क्लीं संतान सप्तमी’ मंत्र का जाप करें. संतान की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करें. पूजा के बाद आरती करें और भगवान को भोग अर्पित करें. इस दिन पूजा के बाद ब्राह्मणों या गरीबों को भोजन, वस्त्र,दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है.