देश / नागरिकता कानून पर SC का रोक से इनकार, 4 हफ्ते में मांगा केंद्र से जवाब

News18 : Jan 22, 2020, 12:02 PM
नई दिल्ली। नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) यानी CAA को लेकर दायर 140 से ज्यादा याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में बुधवार को सुनवाई हुई। इस दौरान वकीलों ने बारी-बारी से अपनी बात रखी। प्रधान न्यायाधीश (CJI) एसए बोबडे, जस्टिस अब्दुल नजीर, जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने इन सभी याचिकाओं पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार को 4 हफ्ते का वक्त दिया है।

आज की सुनवाई खत्म होने से पहले सुप्रीम कोर्ट ने देश भर के अलग-अलग हाईकोर्ट में CAA के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर कोई भी आदेश जारी करने पर रोक लगा दी है। चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा है कि केंद्र के जवाब के बाद पांच जजों की बेंच इस मामले पर सुनवाई करेगी कि इसपर स्टे लगाना है या नहीं। अब इस मसले को चार हफ्ते बाद सुना जाएगा। उसी दिन संवैधानिक बेंच बनाने पर भी फैसला किया जाएगा। सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने नागरिकता कानून की प्रक्रिया को तीन महीने के लिए टालने की मांग की, जिसपर कोर्ट ने कहा कि वह कोई एकतरफा रोक नहीं लगा सकती। सभी याचिकाओं को सुनने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। बता दें कि 140 से ज्यादा याचिकाओं में कुछ याचिकाएं नागरिकता कानून के समर्थन में भी है।

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल तमाम हाइकोर्ट में CAA के खिलाफ दाखिल याचिका को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने देश भर के अलग-अलग हाईकोर्ट में CAA के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई पर रोक लगा दी है। अब सिर्फ सुप्रीम कोर्ट में ही इस कानून के लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई होगी।

सुप्रीम कोर्ट में CAA पर दायर याचिकाओं को अलग-अलग कैटेगरी में बांट दिया है। इसके तहत असम, नॉर्थईस्ट के मसले पर अलग सुनवाई की जाएगी। वहीं, उत्तर प्रदेश में जो CAA की प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है उसको लेकर भी अलग से सुनवाई की जाएगी। अदालत ने सभी याचिकाओं की लिस्ट जोन के हिसाब से मांगी है, जो भी बाकी याचिकाएं हैं उनपर केंद्र को नोटिस जारी किया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता कानून पर सभी याचिकाओं पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है और 4 हफ्ते में जवाब मांगा है। वहीं, असम-त्रिपुरा से संबंधित याचिकाओं पर जवाब देने के लिए केंद्र को 2 हफ्ते का वक्त दिया है।11:20 AM>> सुनवाई के दौरान सीजेआई एस। ए। बोबडे ने कहा है कि हम अभी कोई भी आदेश जारी नहीं कर सकते हैं, क्योंकि काफी याचिकाओं को सुनना बाकी है। ऐसे में सभी याचिकाओं को सुनना जरूरी है। अटॉर्नी जनरल ने अपील की है कि कोर्ट को आदेश जारी करना चाहिए कि अब कोई नई याचिका दायर नहीं होनी चाहिए

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