UP News / अयोध्या, काशी और मथुरा का सुरक्षा कवच बदलेगा, ताजमहल समेत सभी पर्यटन स्थलों होंगे पुख्‍ता इंतजाम, जानें डिटेल

Zoom News : Jun 21, 2022, 08:09 AM
उत्‍तर प्रदेश के तीन प्रमुख धार्मिक स्थलों अयोध्या, मथुरा व काशी के अलावा आगरा के प्रमुख पर्यटन केंद्र ताजमहल की सुरक्षा नए सिरे से आंकते हुए बढ़ाई जाएगी। सरकार ने इन स्थलों का सुरक्षा ऑडिट कराने का फैसला बीते मई माह में किया है। इसके माध्यम से सुरक्षा घेरे में जरूरी बदलाव करने के साथ ही ड्रोन हमलों समेत नए तरह के अन्य आतंकी खतरों से निपटने की कार्ययोजना भी तैयार की जाएगी। इन सभी स्थलों की सुरक्षा भविष्य में उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (यूपीएसएसएफ) के हवाले की जाएगी।


अयोध्या: भौगोलिक परिवर्तन बड़ा कारण

सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव के लिए इन चारों स्थलों का चुनाव इस कारण भी किया गया है क्योंकि इन स्थलों पर या तो भौगोलिक परिवर्तन आए हैं या फिर नए तरह के विवाद खड़े हुए हैं। विवादों की वजह से अब ज्यादा खतरे की आशंका महसूस की जा रही है। अयोध्या में राम मंदिर का विधिवत निर्माण शुरू हो जाने के बाद अस्थाई मंदिर का स्थान बदला गया है, जिससे दर्शन मार्ग की दूरी अब काफी कम हो गई है। अधिग्रहीत परिसर की पूरी भौगोलिक स्थिति भी बदल गई है। मंदिर क्षेत्र का दायरा भी बढ़कर 107 एकड़ हो गया है जो पहले करीब 70 एकड़ था। पहले जिस तरह का त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया था, वह अब प्रासंगिक नहीं रह गया है। इस कारण नए सिरे से सुरक्षा ऑडिट किए जाने की जरूरत महसूस की जा रही है।


काशी विश्वनाथ: नए विवादों से खतरा

वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के सुरक्षा घेरे में भी बदलाव की जरूरत महसूस की जा रही है, क्योंकि मौजूदा कॉरिडोर का स्वरूप काफी हद तक बदल गया है। ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े नए विवादों के बाद सुरक्षा घेरा और मजबूत किए जाने की जरूरत महसूस की जा रही है। मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था पूर्व में तैयार कार्ययोजना में ही कुछ व्यावहारिक बदलाव करके बनाई गई है। इसमें अन्य तरह के संभावित खतरों के निपटने की योजना शामिल नहीं है।


मथुरा-आगरा में वर्तमान हालात पर नजर

मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि में कोई भौगोलिक बदलाव तो नहीं आया है कि लेकिन माना जा रहा है कि हाल के दिनों में शुरू हुए न्यायिक विवादों के बाद खतरा बढ़ा है। आगरा के ताजमहल की सुरक्षा व्यवस्था भी ऐसे ही विवादों के कारण बढ़ाए जाने की जरूरत महसूस की जा रही है। सबसे बड़ा खतरा अब ड्रोन की वजह से महसूस किया जा रहा है। सुरक्षा की नई कार्ययोजना में ड्रोन से संभावित हमलों से निपटने की तैयारी भी शामिल होगी। इसी तरह सुरक्षा में तैनात जवानों को अत्याधुनिक हथियारों और सुरक्षा उपकरणों से लैस किया जाएगा। इसी साल गोरखनाथ मंदिर में 03 अप्रैल की शाम को हुए हमले के बाद से प्रमुख धर्मस्थलों की सुरक्षा पहले से कड़ी कर दी गई थी।

अभी यह व्यवस्था

मौजूदा समय में तीनों धर्मस्थलों की सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस व पीएसी के अलावा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के जवानों को लगाया गया है।

तीनों धर्मस्थलों में एटीएस का कमांडो दस्ता भी आपात स्थितियों से निपटने के लिए तैनात रहता है।

ये होंगे बदलाव

भौगोलिक बदलाव के हिसाब से चेक पॉइंट्स बदले जाएंगे

-ड्रोन हमले की आशंका को देखते हुए जरूरी प्रबंध किए जाएंगे

-जवानों को अत्याधुनिक हथियार और सुरक्षा उपकरण दिए जाएंगे

-सुरक्षा के जरूरी मैनपॉवर का आकलन किया जाएगा

-नेतृत्व करने वाले अफसरों और जवानों की रैंक तय की जाएगी

क्यों पड़ी जरूरत

-प्रमुख धार्मिक स्थलों की भौगोलिक स्थिति में बदलाव से पुराने प्रबंध नाकाफी साबित हो रहे

-आतंकी हमले के बड़े खतरे के रूप में सामने आया ड्रोन, इसके बचने का प्रशिक्षण जरूरी

- हाल के दिनों में नए विवाद खड़े होने से भी सुरक्षा को लेकर आशंकाएं लगातार बढ़ रहीं

- सुरक्षा में लगे जवानों के पास अत्याधुनिक हथियारों की कमी दूर करने की जरूरत पड़ रही

 

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