देश / CWC मीटिंग में सिब्बल के ट्वीट से मचा बवाल, बंद करवाए गए नेताओं के फोन

Zee News : Aug 24, 2020, 04:15 PM
नई दिल्ली: दिल्ली में जारी कांग्रेस वर्किंग कमेटी (Congress working committee) की बैठक में घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने अध्यक्ष पद छोड़ने की पेशकश की है। हालांकि, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उन्हें अपने पद पर बने रहने की अपील की। 

- कपिल सिब्बल के ट्वीट से मचे घमासान के बाद CWC की खबर मीडिया में देने वाले नेताओं के फोन बंद करवाए गए। नेताओ को मीटिंग के बाहर खबर देने से रोका गया। 

- अहमद पटेल ने कांग्रेस कार्यसमिति में बोलते हुए कहा कि जो पत्र लिखा गया है, कोई जरूरत नहीं थी। पत्र नहीं लिखा जाना चाहिए। उन्होंने राहुल गांधी से दोबारा अध्यक्ष पद संभालने की मांग की। 

- राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राहुल गांधी से कांग्रेस का अध्यक्ष पद संभालने की मांग की।

- राहुल गांधी के आरोपों से नाराज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने इस्तीफे की पेशकश की।

- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भी राहुल के आरोपों पर नाराजगी जताई।

- सूत्रों के मुताबिक, सोनिया गांधी ने पद छोड़ने की पेशकश करते वक्त गुलाम नबी आजाद, अन्य द्वारा लिखे गए पत्र का हवाला दिया। बैठक में राहुल गांधी ने पार्टी के 23 वरिष्ठ नेताओं द्वारा लिखी गई चिट्ठी की टाइमिंग पर सवाल उठाए।

- सूत्रों के मुताबिक, गांधी परिवार के अलावा मुकुल वासनिक और एके एंटोनी कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में हैं। प्रियंका गांधी भी गैर-गांधी परिवार के नेता को अध्यक्ष बनाने का समर्थन कर चुकी हैं। पार्टी में बने दो गुट के बीच एक गुट राहुल को अध्यक्ष बनाने के समर्थन में हैं। सीनियर और युवा नेता की लड़ाई के बीच अब वर्किंग कमेटी निर्णय लेगी।  

- सीडब्ल्यूसी की बैठक से एक दिन पहले रविवार को पार्टी में उस वक्त नया सियासी तूफान आया गया जब पूर्णकालिक एवं जमीनी स्तर पर सक्रिय अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग को लेकर सोनिया गांधी को 23 वरिष्ठ नेताओं की ओर से पत्र लिखे जाने की जानकारी सामने आई। 

हालांकि, इस पत्र की खबर सामने आने के साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पार्टी के कई अन्य वरिष्ठ एवं युवा नेताओं ने सोनिया और राहुल गांधी के नेतृत्व में भरोसा जताया और इस बात पर जोर दिया कि गांधी परिवार ही पार्टी को एकजुट रख सकता है। 

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