भारत-चीन बॉर्डर / पैंगॉन्ग लेक से सैनिकों की वापसी के बाद पूर्वी लद्दाख में स्थिति सुधर रही: चीनी सेना

Zoom News : Mar 26, 2021, 10:32 AM
बीजिंग: चीनी सेना ने बृहस्पतिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में तेजी से तनाव रहित हो रहे हैं। उसने पेंगोंग झील के क्षेत्र से सेनाओं को हटाने के लिए भारत के साथ किए गए संयुक्त प्रयासों की भी तारीफ की। लेकिन चीनी सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर टकराव वाले बाकी इलाकों से सेना वापसी का कोई संकेत नहीं देते हुए इस मुद्दे पर चुप्पी बरकरार रखी है।

करीब नौ महीने तक आपसी टकराव के दौरान दोनों देशों के बीच सैन्य व राजनयिक वार्ताओं के कई दौर चले थे। इनके चलते पिछले महीने पेंगोंग झील के उत्तरी व दक्षिणी किनारे से सेनाओं और हथियारों को पूरी तरह हटाने के समझौते पर सहमति बनी थी।

लेकिन एलएसी पर अन्य इलाकों से सेनाओं का पीछे हटना अभी बाकी है। भारतीय सेना लगातार पर्वतीय क्षेत्र में तनाव घटाने के लिए हॉट स्प्रिंग, गोगरा और देपसांग जैसे इलाकों में भी तेजी से टकराव घटाने पर जोर दे रही है।

चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल रेन गुओकियांग ने कहा, फिलहाल चीन और भारत पेंगोंग झील क्षेत्र में अग्रिम पंक्ति की सेनाओं को पीछे हटा रहे हैं। दोनों देशों मौजूदा कदम पर सकारात्मक रुख दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा, चीन और भारत के संयुक्त प्रयास तारीफ के काबिल हैं, जिनके चलते सीमा क्षेत्र में हालात विशेष तौर पर सामान्य हुए हैं।

रेन उन मीडिया रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिनमें भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के हवाले से कहा गया था कि चीन से एलएसी पर टकराव वाले अन्य इलाकों से भी अपनी सेना पूरी तरह हटाने के लिए कहा गया है।

चीनी सेना की तरफ से चलाए जा रहे चीन सेना ऑनलाइन पोर्टल में रेन ने कहा, दोनों पक्ष चीन-भारत सीमा के पश्चिमी सेक्शन में अन्य मुद्दों पर समझौते को बढ़ावा देने के लिए सैन्य व राजनयिक चैनलों के जरिये बातचीत बनाए रखने पर सहमत हैं।

उन्होंने कहा, चीन को उम्मीद है कि दोनों पक्ष कड़ी मेहनत से मिले परिणामों को महत्व दे सकते हैं। इसके लिए दोनों देशों के नेताओं के बीच तय  हम आम सहमति का पालन किया जाए, संवाद और संचार बनाए रखा जाए और दोबारा पहले जैसे हालात बनने के खिलाफ स्थिरता कायम की जाए।

कर्नल रेन ने कहा, साथ ही सीमा क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए धीरे-धीरे उन समाधानों पर पहुंचें, जो दोनों देशों को संयुक्त रूप से स्वीकार हों।

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