देश / जल्द ही अन्य क्षेत्रों के लोग भी बन पाएंगे अंतरिक्ष यात्री, गगनयान मिशन के बाद खुलेगा रास्ता

AMAR UJALA : Sep 18, 2020, 09:16 AM
Delhi: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 2022 गगनयान मिशन से परे मानव अंतरिक्ष यान कार्यक्रम को बनाए रखेगा। इसका मकसद भविष्य में अंजाम दिए जाने वाले अन्य स्पेसफ्लाइट (अंतरिक्ष यात्रा) मिशन के लिए दूसरे विशिष्ट क्षेत्रों के युवाओं को अंतरिक्ष यात्री बनने और अंतरिक्ष में अनुसंधान करने का अवसर देना है। 

मानव अंतरिक्ष यान कार्यक्रम की निदेशक डॉ वी आर ललितांबिका ने सीआईआई द्वारा आयोजित 'अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और अंतरिक्ष पर प्रदर्शनी' में गगनयान पर एक विशेष सत्र के दौरान कहा, गगनयान मिशन को लेकर युवाओं के बीच जबरदस्त राष्ट्रीय उत्साह है। गगनयान के पहले चरण के लिए, उड़ान पृष्ठभूमि (चार वायुसेना पायलट) वाले लोगों को जरूरी रूप से चुना जाना है।

उन्होंने कहा, हालांकि, निरंतर मानव स्पेसफ्लाइट कार्यक्रम विशिष्ट क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले लोगों की एक बड़ी और अधिक समावेशी भागीदारी के लिए एक अवसर प्रदान करेगा। जो मानव स्पेसफ्लाइट्स को निरंतर बनाए रखने के लिए प्रासंगिक होंगे।  

ललितांबिका ने कहा, अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों की तरह जिन्होंने अपने मानव अंतरिक्षयान मिशनों को बनाए रखा है। उसी तरह भारत को भी अंतरिक्ष कार्यक्रम से देश के लिए पर्याप्त लाभ प्राप्त करने के लिए निरंतर मानव अंतरिक्षयान मिशनों की जरूरत होगी, जो हमारे स्टार्टअप्स और एमएसएमई के लिए एक सुनहरा अवसर प्रदान करेगा। 

वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक ने कहा, शोध एवं विकास को इंजीनियरिंग, मानव-केंद्रित और जीवन विज्ञान जैसे कई डोमेन में किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि उन्नत सामग्री, पॉलिमर, ऑप्टिक्स, रोबोटिक्स और अन्य के अलावा उद्योग के लिए अपार संभावनाएं हैं। 

ललितांबिका ने कहा, एक उभरते हुए अंतरिक्ष परिदृश्य में, स्पेसफ्लाइट प्रोग्राम एक उद्योग का नेतृत्व कर सकता है जो अंतरिक्ष में काम करने के लिए लोगों को रोजगार देगा। उन्होंने कहा, यह बहुत महंगा होगा, लेकिन इन उभरते हुए अंतरिक्ष उद्योगों को पृथ्वी पर काम करने वाले लोगों के लिए जबरदस्त मूल्य (उत्पादों और सेवाओं का) उत्पादन करने की आवश्यकता होगी, तभी वे अपने निवेश पर सकारात्मक लाभ प्राप्त कर पाएंगे।




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