स्टारलिंक सहित सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं का भारत में इंतजार खत्म होने वाला है। दूरसंचार नियामक TRAI ने घोषणा की है कि सैटेलाइट स्पेक्ट्रम से संबंधित कोई भी सिफारिश अब लंबित नहीं है। यह संकेत देता है कि भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाओं के शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है। एलन मस्क की कंपनी Starlink के साथ-साथ भारती एयरटेल के OneWeb, Jio और Amazon जैसी कंपनियां भी इस दौड़ में शामिल हैं।
स्पेक्ट्रम आवंटन पर गतिरोध
हालांकि, सैटेलाइट इंटरनेट सेवाओं को शुरू करने में मुख्य बाधा स्पेक्ट्रम आवंटन की विधि को लेकर बनी हुई है। दूरसंचार सेवा प्रदाता 5G स्पेक्ट्रम की तरह नीलामी के माध्यम से आवंटन की मांग कर रहे हैं, जबकि दूरसंचार विभाग प्रशासनिक तरीके से आवंटन के पक्ष में है। TRAI ने मई में ही DoT को विस्तृत सिफारिशें भेज दी थीं, जिसमें Starlink को भी भारत में सेवा शुरू करने के लिए मंजूरी शामिल थी।
संचार मंत्री का बयान
हाल ही में इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC) 2025 में केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवाओं की लॉन्चिंग दो प्रमुख कारकों पर निर्भर करती है: सेवा प्रदाताओं की रोल आउट योजनाएं और स्पेक्ट्रम की कीमतों पर सिफारिशों को अंतिम रूप देना। उन्होंने स्पष्ट किया कि सेवा लॉन्च में देरी खिलाड़ियों पर निर्भर करती है कि वे कितनी जल्दी अपनी रणनीति को क्रियान्वित कर सकते हैं। यह एक महत्वपूर्ण पहलू है जिस पर TRAI को अंतिम निर्णय लेना है। TRAI के नवीनतम बयान से यह गतिरोध दूर होता दिख रहा है, जिससे जल्द ही भारत में हाई-स्पीड सैटेलाइट इंटरनेट की उम्मीद बढ़ गई है।