Board 12th Exam / बिना एग्जाम पास होंगे 12वीं के छात्र, इस बोर्ड ने जारी किया ये आदेश

Zoom News : May 25, 2021, 10:40 PM
Board 12th Exam: कोरोना वायरस महामारी के कारण कई राज्यों में नर्सरी से लेकर 11वीं क्लास तक के सभी स्टूडेंट्स को बिना परीक्षा अगली क्लास में प्रमोट कर दिया गया है। लेकिन अभी भी 12वीं क्लास के एग्जाम पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। केंद्र सरकार अभी भी एग्जाम कराने के लिए रास्ता खोजने में जुटी हुई है। इसी बीच आए उत्तर प्रदेश सेकेंड्री एजुकेशन काउंसिल ने एग्जाम कैंसिल होने के संकेत दिए हैं। आइए जानते हैं इस आदेश में क्या लिखा है।

यूपी बोर्ड रद्द कर सकता है बोर्ड एग्जाम

देश के सबसे बड़े स्कूल शिक्षा बोर्ड वाले राज्य उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अभी भी 10वीं और 12वीं के एग्जाम को लेकर संशय बना हुआ है। इसी बीच, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UP Secondary Education Council) की ओर से एक नया आदेश जारी हुआ है। इससे चहुंओर कयासबाजी एक बार फिर बढ़ गई हैं कि 10वीं के साथ ही 12वीं के छात्रों को भी सीधे पास किया जा सकता है।

10वी के बाद अब बोर्ड ने मांगा 12वी के छात्रों का डेटा

काउंसिल ने हाईस्कूल के बाद अब इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों के अर्द्धवार्षिक (Half Yearly) व प्री-बोर्ड (Pre Board) एग्जाम के नंबर मांगे हैं। इसके साथ ही बोर्ड ने इन छात्रों के 11वीं के अर्द्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षा के नंबर भी वेबसाट https://upmsp.edu.in/ पर 28 मई, 2021 तक अपलोड करने का निर्देश दिया है।

दो तरफा तैयारी करने में जुटा है यूपी बोर्ड!

अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, माना जा रहा है कि माध्यमिक शिक्षा परिषद दोतरफा तैयारी करने में जुटी है। जैसे ही उत्तर प्रदेश शासन की ओर से परीक्षाओं को लेकर अंतिम फैसला किया जाएगा। वैसे ही बोर्ड 10वीं और 12वीं कक्षाओं के रिजल्ट को जारी करने के लिए अपनी योजना का खुलासा करेगा।

अगर एग्जाम हुए तो क्या होगा?

साथ ही संभावना यह है कि अगर 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं हुई तो रिजल्ट एग्जाम कॉपी की जांच से तैयार होगा। यदि परीक्षाएं नहीं रद्द हुई तो रिजल्ट बोर्ड की आगे दी गई योजनानुसार घोषित किया जाएगा।  माध्यमिक शिक्षा परिषद दोनों तरह से तैयार है।

बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग हुई तेज

गौरतलब है कि देशभर में बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने की मांग जोर पकड़ रही है। देश के तमाम विपक्षी दलों के नेता भी इसका समर्थन कर चुके हैं। राज्य सरकार की ओर से फिलहाल, यही जानकारी दी गई है कि जून के प्रथम सप्ताह तक परीक्षाओं के संबंध में शासनादेश के बाद स्थिति पूरी तरह से स्पष्ट हो जाएगी।

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