Suryakumar Yadav News: सूर्यकुमार यादव भारतीय क्रिकेट के उन चमकते सितारों में से एक हैं, जिन्होंने टी-20 फॉर्मेट में अपने प्रदर्शन से दुनियाभर में नाम कमाया है। उनके आक्रामक बल्लेबाजी स्टाइल और तेज़ रन बनाने की काबिलियत ने उन्हें इस फॉर्मेट का मास्टर बना दिया है। लेकिन, वनडे क्रिकेट में उनका प्रदर्शन अपेक्षाकृत फीका रहा है। यही कारण है कि उन्हें आगामी
चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए भारतीय स्क्वाड में शामिल नहीं किया गया।
टी-20 में सूर्या की धमक
सूर्यकुमार यादव ने टी-20 इंटरनेशनल में अब तक 4 शतक और 2500 से ज्यादा रन बनाए हैं। उनका स्ट्राइक रेट और शॉट चयन हमेशा चर्चा का विषय रहा है। वह टीम इंडिया के उन बल्लेबाजों में गिने जाते हैं, जो किसी भी गेंदबाज़ी आक्रमण को ध्वस्त करने की क्षमता रखते हैं। उनकी मैच-फिनिशिंग और पारी को गति देने की काबिलियत ने भारतीय टीम को कई बार जीत दिलाई है।
वनडे में निराशाजनक प्रदर्शन
हालांकि टी-20 में चमकते सूर्या, वनडे फॉर्मेट में संघर्ष करते नज़र आए हैं। 37 वनडे मैचों में उन्होंने 736 रन बनाए हैं, जिसमें उनका औसत 25.8 का है। इतने मैचों के बावजूद उनके नाम एक भी शतक नहीं है। उनकी यह कमजोरी उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंट में जगह दिलाने में बाधा बनी।
सेलेक्शन पर सूर्या का बयान
टीम इंडिया से बाहर किए जाने पर सूर्या ने एक बेहद ईमानदार और सकारात्मक बयान दिया। उन्होंने कहा, “अगर मैं अच्छा प्रदर्शन करता, तो मैं टीम में होता। अगर मैं नहीं चुना गया हूं, तो इसका मतलब है कि मैंने कुछ गलतियां की हैं। चैंपियंस ट्रॉफी की टीम शानदार दिखती है, और सभी खिलाड़ी बेहतरीन फॉर्म में हैं।”
दिल का दर्द छलका
सूर्या को इस बात का मलाल नहीं है कि वह चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम का हिस्सा नहीं हैं। लेकिन उन्होंने यह स्वीकार किया कि वनडे में उनका प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा। उन्होंने कहा, “यह सोचकर दुख होता है कि मैंने अच्छा नहीं किया। अगर मैंने बेहतर प्रदर्शन किया होता, तो मैं टीम का हिस्सा होता।”
आने वाले मौके और उम्मीदें
चैंपियंस ट्रॉफी के लिए जगह न बना पाने के बावजूद सूर्यकुमार यादव का ध्यान आने वाले टी-20 सीरीज पर है। इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टी-20 सीरीज में वह भारतीय टीम की कप्तानी करेंगे। यह उनके लिए खुद को साबित करने और फॉर्म वापस पाने का सुनहरा मौका है।
टीम इंडिया के लिए क्या आगे?
सूर्यकुमार जैसे खिलाड़ी का संघर्ष यह दिखाता है कि क्रिकेट कितना अनिश्चित खेल है। उनका टी-20 फॉर्मेट में रिकॉर्ड उन्हें इस खेल का दिग्गज बनाता है, लेकिन वनडे में उनका संघर्ष यह भी साबित करता है कि हर फॉर्मेट में कंसिस्टेंसी बनाए रखना कितना चुनौतीपूर्ण है। भारतीय टीम के लिए यह अच्छा संकेत है कि वनडे फॉर्मेट के लिए एक मजबूत टीम तैयार है, और सूर्या जैसे खिलाड़ी अभी भी वापसी की कोशिशों में जुटे हैं।
निष्कर्ष
सूर्यकुमार यादव के टी-20 प्रदर्शन ने उन्हें भारतीय क्रिकेट के दिग्गजों की सूची में शामिल कर दिया है। हालांकि वनडे में वह अपनी जगह पक्की करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। क्रिकेट प्रशंसक उम्मीद करेंगे कि सूर्या जल्द ही वनडे में भी अपनी चमक बिखेरें और भारत के लिए नए रिकॉर्ड बनाएं।