नई दिल्ली / वेंकैया ने कहा- अब सुषमाजी से राखी बंधवाने का सौभाग्य नहीं मिलेगा, राहुल ने असाधारण नेता बताया

Dainik Bhaskar : Aug 07, 2019, 03:52 PM
नई दिल्ली. पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार रात निधन हो गया। सोशल मीडिया पर राजनीति और फिल्म समेत अन्य क्षेत्रों की हस्तियों ने सुषमा जी के निधन पर शोक व्यक्त किया। बुधवार को राज्यसभा में भी सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि दी गई। सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि वे मेरी बहन की तरह थीं और मुझे अन्ना कहकर बुलाती थीं। हर साल राखी बांधने के लिए घर आती थीं। लेकिन अब मुझे यह सौभाग्य नहीं मिलेगा। रक्षाबंधन पर उन्हें बहुत याद करूंगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया- सुषमा जी का निधन एक व्यक्तिगत क्षति है। उन्होंने भारत के लिए जो कुछ भी किया, उसके लिए उन्हें हमेशा बड़े प्यार से याद किया जाएगा। मेरी संवेदनाएं परिवार के साथ हैं। ओम शांति। 

राहुल गांधी ने ट्वीट किया- सुषमा स्वराज जी के अचानक निधन की खबर सुनकर स्तब्ध हूं। वे एक असाधारण राजनेता थीं। बेहतरीन सांसद और वक्ता थीं। मेरी भावनाएं उनके परिवार के साथ हैं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।

लता मंगेशकर ने ट्वीट किया- सुषमा स्वराज जी के अचानक चले जाने से स्तब्ध हूं। वे एक प्रभावशाली और ईमानदार नेता थीं। वे संवेदनशील थीं। उन्हें संगीत और कविता की समझ थीं। वे मेरी दोस्त थीं। हमारी विदेशमंत्री हमेशा याद आएंगी।

उनका योगदान अमूल्य रहा- स्पीकर

लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा- सुषमा जी, भारतीय संस्कृति की एक ऐसी राजदूत थीं, जिन्होंने भारत की संस्कृति को दुनिया के सामने स्पष्ट शब्दों में रखा। एक सांसद के रूप में, एक मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल देश के लिए बहुत ही अमूल्य रहा। विदेश मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल हमेशा याद किया जाएगा।

हमेशा बड़ी बहन के रूप में खयाल रखा- गडकरी

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा- सुषमा जी का जाना एक व्यक्तिगत नुकसान है। आपातकाल के बाद उनका राजनीतिक उदय हुआ। उसके बाद से लगातार वे भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़ी रहीं। बड़ी बहन के रूप में मेरा खयाल रखा। मुझे समय-समय पर मार्गदर्शन दिया। उनका जाना हमारे संगठन और देश का नुकसान है।

हम स्तब्ध हैं: गुलाम नबी आजाद

कांग्रेस नेता गुलामनबी आजाद ने कहा- हम स्तब्ध हैं। हमने कभी नहीं सोचा था कि वे इतनी जल्दी हमें छोड़कर चली जाएंगी। मैं उन्हें 1977 से जानता था। जब मैं यूथ कांग्रेस में था। हम दोनों एक-दूसरे को 42 साल से जानते थे। हमने कभी एक-दूसरे को नाम से नहीं पुकारा। वे हमेशा मुझे भाई कहती थीं और मैं उन्हें बहन कहता था।


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