कंधार हाईजैक कांड / मसूद अजहर को छुड़ाने वाला आतंकी मारा गया, विमान यात्री रुपिन कात्याल की कर दी थी हत्या

Zoom News : Mar 08, 2022, 02:56 PM
कंधार विमान अपहरण के दो दशक से अधिक समय बाद, पीड़ित रुपिन कात्याल के परिवार को आखिरकार न्याय मिल गया। बताया जा रहा है कि अपहरणकर्ता और विमान यात्री रुपिन कात्याल का हत्यारा जहूर मिस्त्री उर्फ जाहिद अखुंद को 1 मार्च को अज्ञात बंदूकधारियों द्वारा पाकिस्तान के कराची में गोली मार दी गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक मार्च को बाइक सवार दो हमलावरों ने टारगेट किलिंग के तहत घर में घुसकर जहूर मिस्त्री की गोली मारकर हत्या कर दी। जहूर मिस्त्री जैश का आतंकी है और पहचान छुपाकर कराची में एक व्यापारी के रूप में रह रहा था। सीसीटीवी में दोनों हमलावरों की फुटेज कैद हो गई है लेकिन उनको पहचाना नहीं जा सका है।

जहूर मिस्त्री पर विमान यात्री रुपिन कात्याल की हत्या का आरोप

25 दिसंबर 1999 को जहूर मिस्त्री ने 25 वर्षीय रूपिन कात्याल की बेरहमी से हत्या कर दी थी और उनके शरीर को संयुक्त अरब अमीरात में अपहृत विमान से बरामद किया गया था। वह अपनी पत्नी के साथ काठमांडू में हनीमून के बाद दिल्ली लौट रहे थे।

जहूर मिस्त्री के अंतिम संस्कार में जैश के कई आतंकी शामिल हुए

समझा जाता है कि जहूर मिस्त्री के अंतिम संस्कार में जैश-ए-मोहम्मद समूह के  आतंकी शामिल हुए थे, जिसका मुख्यालय पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर में है। मसूद अजहर, उमर सईद शेख, दोनों तब हरकत-उल-अंसार समूह से जुड़े थे, और एक कश्मीरी आतंकवादी मुश्ताक अहमद जरगर, को भारत सरकार ने 31 दिसंबर, 1999 को कंधार में तत्कालीन तालिबान आतंकवादी शासन की निगरानी में रिहा किया था। रिहा होने के बाद, अजहर तत्कालीन तालिबान प्रमुख मुल्ला उमर से मिला और फिर क्वेटा में स्पिन बोल्डक क्रॉसिंग के माध्यम से पाकिस्तान चला गया।

कौन था आतंकी जहूर मिस्त्री

जैश का आतंकी जहूर मिस्त्री एयर इंडिया के IC-814 का अपहरण करने वाले पांच आतंकवादियों में शामिल था। 24 दिसंबर 1999 में आतंकियों ने भारतीय विमान का हवा में अपहरण कर लिया था। विमान को नेपाल के काठमांडू से अपहरण कर अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया। विमान के यात्रियों को एक हफ्ते तक बंधक बनाकर रखा गया था। यात्रियों को छोड़ने के लिए अपहरणकर्ताओं ने मसूद अजहर, मुश्ताक अहमद और अहमद ओमर सईद शेख जैसे आतंकियों की रिहाई की मांग की थी। इसके बाद मजबूरन भारत सरकार को इन सभी आतंकियों को रिहा करना पड़ा था।


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