News18 : Sep 02, 2020, 08:16 AM
आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा (Agra) जिले से मंगलवार को मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई। शहर के एक निजी अस्पताल में प्रसव के बाद गरीब दंपती 35 हजार रुपये शुल्क जमा नहीं कर सका तो उसके नवजात बच्चे (New Born Baby) का सौदा कर दिया। आरोप है कि चिकित्सक ने जबरन उससे कागज पर अंगूठा लगवा लिया और बच्चा ले लिया। उधर महिला गिड़गिड़ाती रह गई, पति भी कुछ न कर सका क्योंकि वो बेबस था। पीड़ित परिजनों का आरोप है कि अस्पताल की फीस न दे पाने पर चिकित्सक ने कहा कि रुपये नहीं हैं तो बच्चा देना पड़ेगा। इसके बाद न्यूज18 ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाई तो स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। हॉस्पिटल को सील कर दिया गया।
उधर चैनल पर खबर चलते ही आरोपी दिलीप मंगल ने बच्चे को गरीब दंपत्ति को लौटा दिया। न्यूज18 की खबर का ही असर था कि गरीब मां की गोद एक बार फिर से गुलजार हो गई। गरीब परिवार के आंगन में किलकारियां गूंजने लगी।
एक लाख रुपये में किया था नवजात का सौदाइसके बाद दंपती से जबरन एक कागज पर अंगूठा लगवा लिया और नवजात लेकर 65 हजार रुपये देकर भगा दिया। बताया जा रहा है कि डॉक्टर ने बच्चे का सौदा एक लाख रुपये में कर दिया। 35 हजार रुपये अस्पताल का बकाया बिल जमा कराने के बाद पीड़ित रिक्शा चालक को 65 हजार रुपये देकर भगा दिया। दंपती का आरोप है कि चिकित्सक ने बच्चे को एक लाख रुपये में बेच दिया है। शुल्क काटकर 65 हजार रुपये दंपती को दिए।बता दें कि शंभु नगर निवासी शिव नारायण रिक्शा चालक है। उसने बताया कि चार महीने पहले कर्ज में उसका घर चला गया था। 24 अगस्त को उसकी पत्नी बबिता को प्रसव पीड़ा हुई। उसे पास के ही जेपी अस्पताल में भर्ती करा दिया। बबिता ने बेटे को जन्म दिया। 25 अगस्त को डिस्चार्ज कराने की बारी आई तो अस्पताल ने 35,000 रुपये का बिल थमा दिया। रिक्शा चालक इतनी रकम चुकाने में असमर्थ था। उसके पास सिर्फ पांच सौ रुपये थे।
डॉक्टर बोला- 'बच्चा' तो देना पड़ेगाआरोप है कि अस्पताल की फीस न दे पाने पर चिकित्सक ने कहा कि रुपये नहीं हैं तो बच्चा देना पड़ेगा। इसके बाद दंपती से जबरन एक कागज पर अंगूठा लगवा लिया और नवजात लेकर 65 हजार रुपये देकर भगा दिया।मामले की जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उक्त अस्पताल पर छापा मारा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ। आरसी पांडेय ने बताया कि अनियमिताएं मिलने पर अस्पताल को सील किया गया है। नवजात बच्चे को बेचने जाने की सूचना मिली है। इसकी जांच पुलिस करेगी। मामला मीडिया में आने के बाद पुलिस घटना की जांच पड़ताल में जुट गई है।
उधर चैनल पर खबर चलते ही आरोपी दिलीप मंगल ने बच्चे को गरीब दंपत्ति को लौटा दिया। न्यूज18 की खबर का ही असर था कि गरीब मां की गोद एक बार फिर से गुलजार हो गई। गरीब परिवार के आंगन में किलकारियां गूंजने लगी।
एक लाख रुपये में किया था नवजात का सौदाइसके बाद दंपती से जबरन एक कागज पर अंगूठा लगवा लिया और नवजात लेकर 65 हजार रुपये देकर भगा दिया। बताया जा रहा है कि डॉक्टर ने बच्चे का सौदा एक लाख रुपये में कर दिया। 35 हजार रुपये अस्पताल का बकाया बिल जमा कराने के बाद पीड़ित रिक्शा चालक को 65 हजार रुपये देकर भगा दिया। दंपती का आरोप है कि चिकित्सक ने बच्चे को एक लाख रुपये में बेच दिया है। शुल्क काटकर 65 हजार रुपये दंपती को दिए।बता दें कि शंभु नगर निवासी शिव नारायण रिक्शा चालक है। उसने बताया कि चार महीने पहले कर्ज में उसका घर चला गया था। 24 अगस्त को उसकी पत्नी बबिता को प्रसव पीड़ा हुई। उसे पास के ही जेपी अस्पताल में भर्ती करा दिया। बबिता ने बेटे को जन्म दिया। 25 अगस्त को डिस्चार्ज कराने की बारी आई तो अस्पताल ने 35,000 रुपये का बिल थमा दिया। रिक्शा चालक इतनी रकम चुकाने में असमर्थ था। उसके पास सिर्फ पांच सौ रुपये थे।
डॉक्टर बोला- 'बच्चा' तो देना पड़ेगाआरोप है कि अस्पताल की फीस न दे पाने पर चिकित्सक ने कहा कि रुपये नहीं हैं तो बच्चा देना पड़ेगा। इसके बाद दंपती से जबरन एक कागज पर अंगूठा लगवा लिया और नवजात लेकर 65 हजार रुपये देकर भगा दिया।मामले की जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उक्त अस्पताल पर छापा मारा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ। आरसी पांडेय ने बताया कि अनियमिताएं मिलने पर अस्पताल को सील किया गया है। नवजात बच्चे को बेचने जाने की सूचना मिली है। इसकी जांच पुलिस करेगी। मामला मीडिया में आने के बाद पुलिस घटना की जांच पड़ताल में जुट गई है।