देश / कृषि विधेयक पर BJP को घेरने चली कांग्रेस अपने ही मेनिफेस्टो को लेकर घिर गई

News18 : Sep 18, 2020, 09:54 PM
नई दिल्ली। कृषि विधेयक (Farmer Bill) को लेकर बीजेपी (BJP) को घेरने की कोशिश में जुटी कांग्रेस (Congress) खुद अपने ही मेनिफेस्टो (Manifesto) को लेकर घिर गई है। दरअसल गुरुवार को संसद से पास हुए दो कृषि विधेयकों को लेकर केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर के इस्तीफे के बाद कांग्रेस भी इस मुद्दे को तेजी से उठा रही थी। लेकिन पार्टी अब 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान अपने मेनिफेस्टों में किए गए एक वादे को लेकर घिर गई है।

संजय झा ने घेरा

सबसे पहले तो खुद कांग्रेस के ही निष्कासित नेता संजय झा ने ट्वीट कर पार्टी को घेरा है। झा ने ट्वीट किया है-'दोस्तों, 2019 लोकसभा इलेक्शन के मेनिफेस्टो में हमने (कांग्रेस) खुद APMC Act खत्म करने और खाद्य उपज को प्रतिबंधों से मुक्त करने की बात की थी। मोदी सरकार ने कृषि विधेयक में कुछ ऐसा ही किया है। इस जगह पर कांग्रेस और बीजेपी की सोच एक जैसी ही है।'

बीजेपी की प्रदर्शनों पर निगाह

दरअसल वन नेशन वन मार्केट के विचार के लिए मोदी सरकार ने काफी ताकत लगाई है। अब नए कृषि विधेयक के बाद किसानों के प्रदर्शनों पर भी सरकार की निगाह है लेकिन सरकार मान कर चल रही है कि इसके पीछे बहुत ज्यादा समर्थन नहीं है। अकाली नेता हरसिमरत बादल के इस्तीफे के बावजूद पार्टी का मानना है कि पंजाब और हरियाणा में ये बड़ा मुद्दा नहीं बनेगा। पार्टी की तरफ से कांग्रेस को APMC Act खत्म करने की बात भी याद दिलाई जा रही है।

क्या कहते हैं कांग्रेस प्रवक्ता

हालांकि कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने न्यूज18 से बातचीत में कहा है कि कांग्रेस का प्लान अलग था। पार्टी का प्लान ढेर सारे मार्केट और आउटलेट्स बनाने का था जिससे किसान के पास अपना खाद्यान्न बेचने के कई विकल्प मौजूद हों। वर्तमान बिल किसानों को ऐसी छूट नहीं देता।

पहले की गलतियों से फंसी कांग्रेस

लेकिन अगर यूपीए 2 की सरकार की तरफ देखें तो पी चिदंबरम और जयराम रमेश जैसे कई नेता फ्री मार्केट के आयडिया को लेकर खुले हुए थे। कांग्रेस का कहना है कि कोविड-19 की त्रासदी के मद्देनजर बिल की टाइमिंग ठीक नहीं है। और ये बिल इस वक्त किसानों की मुश्किलों और ज्यादा बढ़ाएगा। दरअसल कांग्रेस इस वक्त किसान हितैषी नैरेटिव पर काम कर रही है लेकिन पूर्व में उसके द्वारा की गई घोषणाएं ही मुश्किल पैदा कर रही हैं। संजय झा जैसे नेता इसे और बढ़ा रहे हैं।

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