Gorakhpur / दुष्कर्म का केस दर्ज करा पैसा वसूली का खेल जारी, कानून को ढाल बनाकर चल रहीं 'गंदी' चाल

Zoom News : May 11, 2022, 03:56 PM
गोरखपुर जिले में तीन महिलाओं का एक ऐसा गिरोह सक्रिय है, जो कानून को ढाल बनाकर बेकसूरों को निढाल कर रहा है। पहले दुष्कर्म का आरोप लगाकर केस दर्ज कराती हैं, उसके बाद आरोपित से रुपयों की वसूली करती हैं। इनकी मदद कानून का एक जानकार कर रहा है। पुलिस ने इन पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।


जानकारी के अनुसार, तीन महिलाओं के गिरोह में दो महिलाएं सगी बहनें हैं। इन्होंने अलग-अलग थानों में दुष्कर्म सहित अन्य धाराओं में अब तक 11 केस दर्ज कराए हैं। एक मामला फर्जी साबित होने पर विवेचक दरोगा ने फाइनल रिपोर्ट (एफआर) लगा दी, तो महिला ने उनके खिलाफ भी केस दर्ज करा दिया।


गिरोह की एक महिला द्वारा लगाए गए दुष्कर्म के आरोप में 84 दिन तक जेल में रहने और बरी होने वाले एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल (आईजीआरएस) पर सक्रिय गिरोह की शिकायत की। इसके बाद मामला गोरखपुर पुलिस के पास पहुंचा। मामला सामने आने के बाद पुलिस महकमे ने जांच के आदेश दिए हैं। एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई की निगरानी में पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) कैंट जांच कर रहे हैं। पुलिस अफसरों का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने के बाद संबंधित महिलाओं के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, महिला गिरोह की एक सदस्य ने गोरखनाथ थाने में रेलवे कर्मचारी के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज कराया। इसके बाद इसी महिला की बहन ने खजनी थाने में तीन लोगों पर दुष्कर्म का केस दर्ज करा दिया। गिरोह की एक अन्य महिला ने गीडा थाने में चार लोगों के खिलाफ दुष्कर्म का केस कराया। इसी महिला ने खोराबार में दुष्कर्म का एक और केस दर्ज कराया है। गंभीर धाराओं में केस दर्ज होने के बाद मामला कोर्ट में जाता है। फिर पीड़ित किसी तरह से महिला को मैनेज करने के लिए संपर्क करता है। यहीं से पैरवीकार भी सामने आता है। इसके बाद दुष्कर्म के आरोपितों से मनमानी धनराशि वसूली जाती है।


नाबालिग से लेकर 80 साल के बुजुर्ग तक पर कराया केस

गिरोह की एक महिला ने नाबालिग से लेकर 80 साल तक के बुजुर्ग तक पर छेड़खानी, दुष्कर्म और अन्य धाराओं में केस दर्ज कराया है। इस महिला से पीड़ित लोगों ने सोमवार को एसएसपी दफ्तर पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई है, इसके बाद मामले की जांच बेलघाट पुलिस ने शुरू कर दी है। लोगों ने बताया कि महिला जिसकी शादी होने वाली होती है, उस पर केस दर्ज कराती है और फिर शादी तुड़वाने की धौंस देकर रुपये ऐंठ लेती है।


दरोगा पर लूट, बलवा का केस

गिरोह की एक महिला ने कैंपियरगंज थाने में तीन लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज कराया। जांच में विवेचक ने मामले को फर्जी पाया तो उसने फाइनल रिपोर्ट लगा दी। इस पर महिला ने पीड़ित को न्याय दिलाने वाले दरोगा पर लूट, बलवा और धमकी देने की धाराओं में केस दर्ज करा दिया।


बेलीपार इलाके का है पैरवीकार

महिलाओं के गिरोह में एक पैरवीकार है, जो प्रार्थनापत्र तैयार करके दुष्कर्म का केस दर्ज कराता है। अब तक दर्ज सभी मामलों में इसी पैरवीकार का नाम सामने अया है। अब गोरखपुर पुलिस पैरवीकार पर शिकंजा कसने जा रही है। पुलिस का कहना है कि पैरवीकार कानून का अच्छा जानकार है। मामले की जानकारी बार एसोसिएशन व संबंधित न्यायिक अफसरों को दी जाएगी। साथ ही पैरवीकार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर जांच भी की जाएगी।


एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। जांच की जा रही है। जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा।


दीवानी कचहरी के वरिष्ठ अधिवक्ता मृत्युंजय राज सिंह ने कहा कि महिला से पीड़ित एक युवक के केस की कोर्ट में पैरवी कर रहा हूं। इसकी जानकारी मिलते ही महिला ने एक दिन मेरे ऊपर जानलेवा हमला कर दिया। कैंट थाने में जानलेवा हमले का केस दर्ज कराया है। इसकी विवेचना चल रही है। गिरोह बनाकर लोगों का उत्पीड़न करने वाली महिलाओं के चेहरों को बेनकाब करने के लिए पुलिस को जांच कर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।


केस- एक

गवाह एक, दो मुकदमों में गवाही अलग-अलग

गिरोह की एक महिला ने वर्ष 2016 में गोरखनाथ थाने में एक रेलकर्मी पर दुष्कर्म का केस दर्ज कराया। इसी महिला ने 2019 में राजघाट थाने में चार लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज कराया। दोनों मामलों में एक ही महिला गवाह है, पर उसकी गवाही अलग-अलग है। पहले केस में गवाह ने कहा कि पीड़िता मेरे घर में किरायेदार थी। रेलकर्मी ने घर आकर दुष्कर्म किया। यही गवाह 2019 के केस में कहती है कि वह रास्ते से गुजर रही थी। तभी एक पीड़िता मिली, जिसे वह पहचान नहीं पाई थी। उसे लेकर राजघाट थाने गई तो पुलिस ने भगा दिया। कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज हुआ। यानी जो गवाह 2016 में महिला को अपना किरायेदार बता रही थी, उसी गवाह ने 2019 के केस में दुष्कर्म पीड़ित महिला को पहचानने से इनकार कर दिया।

केस- दो

पहले महिला, फिर बहन ने दर्ज कराया दुष्कर्म का मुकदमा

राजघाट और गोरखनाथ में दुष्कर्म का केस दर्ज कराने वाली महिला 2018 में बहन को आगे करती है। बहन से खजनी थाने में तीन लोगों पर दुष्कर्म का केस दर्ज करा देती है। मामले में आरोपित जेल भेजे गए। एक युवक ने विरोध किया तो उसके परिचित पर गीडा थाने में सामूहिक दुष्कर्म का केस 2021 में दर्ज करा दिया गया। इन सब मामलों में पैरवीकार एक ही आदमी है, जिसने कोर्ट के जरिए केस दर्ज कराने की सलाह दी थी।

केस- तीन

एफआर लगाने वाले दरोगा पर दर्ज कराया केस

गिरोह की महिला ने 2016 के दौरान ही कैंपियरगंज थाने में तीन लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज कराया। मामले में आरोपित पहले जेल भेजे गए, फिर पुलिस ने मामले की गहनता से जांच की। अफसरों के आदेश पर हुई जांच में पुलिस ने पाया कि मामला पूरी तरह से फर्जी है। विवेचक ने मामले में फाइल रिपोर्ट (एफआर) लगा दी। महिला को जैसे ही जानकारी हुई, उसने विवेचक रहे दरोगा पर लूट, बलवा, धमकी देने का केस दर्ज करा दिया। इस बार उसका आरोप था कि केस के जांच के दौरान दरोगा ने उससे रुपये छीन लिए और धमकी दी।

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