- भारत,
- 15-Aug-2025 06:00 PM IST
India-Pakistan War: भारत और पाकिस्तान के बीच मई 2025 में हुए चार दिन के सैन्य संघर्ष को थमे तीन महीने बीत चुके हैं, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दावा अब भी सुर्खियों में है। ट्रंप बार-बार कह रहे हैं कि दोनों देशों के बीच संघर्षविराम उनकी मध्यस्थता से संभव हुआ। उनका यह भी दावा है कि यह संघर्ष परमाणु युद्ध में बदल सकता था। गुरुवार, 14 अगस्त 2025 को व्हाइट हाउस में ट्रंप ने फिर दोहराया कि उनकी दखल के कारण यह विवाद थमा।
भारत का स्पष्ट खंडन
भारत ने ट्रंप के दावों का शुरू से खंडन किया है। भारत का कहना है कि संघर्षविराम का फैसला दोनों देशों के सैन्य प्रमुखों (DGMO) के बीच सीधे संवाद के जरिए हुआ था। भारतीय पक्ष ने साफ किया कि इसमें किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं थी। 10 मई 2025 को भारत ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा था कि संघर्षविराम पूरी तरह द्विपक्षीय था और इसमें अमेरिका की कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं थी।
ट्रंप का नया बयान
ट्रंप ने हाल ही में कहा कि भारत और पाकिस्तान के लड़ाकू विमान एक-दूसरे को गिरा रहे थे और छह-सात विमान नष्ट हुए। उनके मुताबिक, स्थिति इतनी तनावपूर्ण थी कि दोनों देश शायद परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने को तैयार थे। ट्रंप ने दावा किया कि उनकी पहल से यह मामला सुलझ गया। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले छह महीनों में उन्होंने छह युद्ध खत्म कराए हैं, जिनमें भारत-पाकिस्तान संघर्ष भी शामिल है।
इस दावे को ट्रंप ने सोशल मीडिया पर भी कई बार दोहराया। 10 मई को उन्होंने घोषणा की थी कि भारत और पाकिस्तान "पूरी तरह और तुरंत" संघर्षविराम पर राजी हो गए। इसके बाद से वे 30 से ज्यादा बार इस दावे को दोहरा चुके हैं, भले ही भारत ने इसे हर बार खारिज किया हो।
भारत पर टैरिफ और व्यापार का वादा
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब उन्होंने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया है। इसके बावजूद, उन्होंने दावा किया कि अगर भारत और पाकिस्तान लड़ाई बंद करते हैं, तो अमेरिका दोनों देशों के साथ "बहुत व्यापार" करेगा। यह बयान उनके उस दृष्टिकोण को दर्शाता है जिसमें वे वैश्विक संघर्षों को खत्म करने का श्रेय लेते हुए आर्थिक लाभ का वादा करते हैं।
पुतिन से मुलाकात से पहले बयान
ट्रंप का यह बयान 15 अगस्त 2025 को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अलास्का में होने वाली अहम मुलाकात से ठीक पहले आया है। इस मुलाकात का मकसद रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की कोशिश बताया जा रहा है। ट्रंप ने कहा कि उन्हें लगता था कि रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करना सबसे आसान होगा, लेकिन यह सबसे मुश्किल निकला। उन्होंने दावा किया कि अगर वे राष्ट्रपति नहीं होते, तो पुतिन पूरे यूक्रेन पर कब्जा कर लेते। ट्रंप ने यह भी बताया कि उनकी दूसरी मुलाकात, जिसमें पुतिन, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की और वे खुद शामिल होंगे, अधिक महत्वपूर्ण होगी।
