China-US / चीन की चुनौतियों का जवाब देने का आ गया है समय, सभी देशों से एकजुट होने की अपील

India TV : Jul 17, 2020, 01:40 PM
वाशिंगटन। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि अब समय आ गया है कि दुनिया चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से पेश की जा रही चुनौतियों का जवाब दे। पोम्पिओ ने कहा कि दुनिया को बताने से काफी पहले ही चीन की सरकार को कोरोना वायरस के एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने के बारे में पता था। पोम्पिओ ने फोक्स न्यूज के बिल हेमर को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि दक्षिणपूर्वी एशिया में ही नहीं बल्कि एशिया में, यूरोप में देशों को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा पेश की जा रही चुनौतियों के बारे में पता चल गया है।

पोम्पियो ने कहा कि अमेरिका ने भी काफी लंबे समय तक इस पर गौर नहीं किया। उन्होंने कहा कि  मेरा मानना है कि उन सभी ने भी यही किया और मुझे लगता है कि अब वे सभी एक संयुक्त निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि इसे सही करने का समय आ गया है। पोम्पिओ ने कहा कि दुनिया में लोकतंत्र और स्वतंत्रता से प्रेम करने वाले लोगों के लिए यह जरूरी है कि हम चीन की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा पेश की जा रही चुनौतियों का जवाब दें।

उन्होंने कहा कि लगातार 40 साल तक अमेरिकी प्रशासन दूसरी ओर देखता रहा और चीन को अमेरिका का फायदा उठाने का मौका दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे अब बंद करने की बात कही है। विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका निष्पक्ष, पारस्परिक व्यापारिक संबंध बनाएगा और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से अमेरिकियों के साथ उसी तरह से व्यवहार करने की मांग करेगा जैसा अमेरिका वहां जाने वाले लोगों के साथ करता है।

हेममर ने पोम्पिओ से हांगकांग आधारित वायरस विशेषज्ञ डॉ.यान ली-मेंग के उस दावे के बारे में भी पूछा, जिसमें उन्होंने कहा था कि बीजिंग को इस वायरस के एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने की जानकारी सार्वजनिक करने से तीन सप्ताह पहले ही इसके बारे में पता था। पोम्पिओ ने इसके जवाब में कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी ऐसा ही किया और विश्व को इस खतरे से निपटने के लिए जो जानकारी हासिल होनी चाहए थी, वह उसे नहीं दी गई।

विश्व में कोरोना वायरस के सबसे अधिक 35 लाख से अधिक मामले अमेरिका में हैं और 1,37,000 से अधिक लोगों की इससे जान जा चुकी है। पोम्पिओ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों और उनके परिवार के अमेरिका आने पर रोक लगाने की खबरों पर टिप्पणी करने से बचते दिखे। 

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