Vikrant Shekhawat : Oct 07, 2020, 03:52 PM
हाथरस मामले में एक तरफ जहां दंगे की साजिश का खुलासा हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ ताजा हालात को देखते हुए पीड़ित परिवार गांव छोड़ने की बात कर रहा है। परिवार ने कहा है कि वे डर में जी रहे हैं और गांव में कोई भी उनकी मदद नहीं कर रहा है। परिवार ने यह भी कहा कि हमारे साथ हुई इस घटना के बाद किसी ने पानी भी नहीं मांगा। हमारी मदद करने के बजाय लोग हमसे दूरी बनाए हुए हैं। इसलिए हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा है, हम किसी रिश्तेदार के यहां चले जाएंगे।पीड़ित के पिता ने कहा, "हम मृत्यु को बाद में देखते हैं। हम सोच रहे हैं कि हमें कहीं रिश्ते में आना चाहिए। बहुत से लोग घबराहट के कारण पूछने नहीं आ रहे हैं, आप कैसे हैं, हमारे मन में भी आतंक है। हम कहीं भी चले जाएंगे।" भीख माँगेंगे, खाएँगे। ''
पीड़िता के बड़े भाई ने कहा कि स्थिति इतनी खराब हो गई है कि यहां रहना मुश्किल है। छोटे भाई को भी जान से मारने की धमकी दी जा रही है। पीड़िता के छोटे भाई ने कहा कि हमसे कोई यह पूछने नहीं आया कि आपको भूख लगी है या कैसे। कोई हमसे चाय मांगने नहीं आया।
इस सुरक्षा के बावजूद, परिवार ने खुद को भय में घोषित किया है और गांव छोड़ने के लिए कहा है।
पीड़िता के बड़े भाई ने कहा कि स्थिति इतनी खराब हो गई है कि यहां रहना मुश्किल है। छोटे भाई को भी जान से मारने की धमकी दी जा रही है। पीड़िता के छोटे भाई ने कहा कि हमसे कोई यह पूछने नहीं आया कि आपको भूख लगी है या कैसे। कोई हमसे चाय मांगने नहीं आया।
इस सुरक्षा के बावजूद, परिवार ने खुद को भय में घोषित किया है और गांव छोड़ने के लिए कहा है।