मुंबई / शिवसेना-एनसीपी सरकार का सवाल ही नहीं, बीजेपी-शिवसेना फिर आ जाएंगे साथ: शरद पवार

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को शिवसेना नेता संजय राउत से मुलाकात के बाद कहा, "शिवसेना-एनसीपी सरकार का सवाल ही कहां है? वो (बीजेपी-शिवसेना) 25 साल से साथ हैं, आज और कल वे फिर साथ आ जाएंगे।" उन्होंने कहा, "एक ही विकल्प है...बीजेपी और शिवसेना को सरकार बनानी चाहिए। राष्ट्रपति शासन से बचने का कोई और तरीका नहीं है।"

महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर जारी मुलाकातों के बीच एनसीपी चीफ शरद पवार ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि जनता ने उन्हें जिस भूमिका के लिए चुना है वो उसे निभाएंगे। उन्होंने कहा कि जनता ने कांग्रेस-एनसीपी को विपक्ष की भूमिका के लिए चुना और वो हम निभाएंगे। उन्होंने कहा कि आज नहीं तो कल बीजेपी और शिवसेना साथ आएंगे। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि है मैं मुख्यमंत्री नहीं बनूंगा और ना बनना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि संजय राउत के साथ राजनीतिक समीकरण पर कोई बात नहीं हुई है। 18 नवंबर से महाराष्ट्र विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है।

पवार ने कहा कि मेरे पास अभी तक कहने के लिए कुछ भी नहीं है। भाजपा और शिवसेना को लोगों ने जनादेश दिया है, इसलिए उन्हें जल्द से जल्द सरकार बनानी चाहिए। हमारा जनादेश विपक्ष की भूमिका निभाना है। उन्होंने कहा कि केंद्र को उन किसानों की मदद करनी चाहिए जिनकी फसलें बारिश के कारण खराब हो गई हैं। मैंने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और महसूस किया कि किसानों को राहत दी जानी चाहिए। एक बीमा कंपनी किसानों को फसल क्षति के लिए भुगतान नहीं कर रही है, वित्त मंत्रालय को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।

महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी खींचतान के बीच शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार से बुधवार को यहां मुलाकात की। राउत ने मुलाकात के बाद कहा, ''यह एक शिष्टाचार भेंट थी। भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान जारी है। पिछले विधानसभा चुनाव के विपरीत भाजपा और शिवसेना ने यह चुनाव मिलकर लड़ा था। 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने इस बार 105 सीटें जीतीं जबकि शिवसेना 56 सीटों पर विजेता रही।

राज्यसभा सदस्य राउत ने पहले कहा था कि उनकी पार्टी ढाई-ढाई वर्ष के लिए मुख्यमंत्री पद साझा करने सहित सत्ता के बंटवारे को लेकर भाजपा से लिखित आश्वासन चाहती थी। उन्होंने यह भी दावा किया कि भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद साझा करने को लेकर चुनाव से पहले ही 'सहमति हो गई थी'।

वहीं राकांपा ने मंगलवार को कहा था कि शिवसेना द्वारा भाजपा के साथ गठबंधन समाप्त करने की घोषणा के बाद महाराष्ट्र में एक नए राजनीतिक विकल्प पर विचार किया जा सकता है। राकांपा से जुड़े सूत्रों ने बताया था कि उनकी पार्टी शिवसेना के साथ बातचीत आगे बढ़ाने से पहले चाहती है कि केन्द्र सरकार में शिवसेना के इकलौते मंत्री अरविंद सावंत इस्तीफा दें।