Share Market Crash / स्टॉक मार्केट में मचा हाहाकार, क्या शेयर बाजार 'डेंजरजोन' में आ गया?

शेयर बाजार में हाहाकार मचा हुआ है। निफ्टी लगातार पांचवें महीने नेगेटिव नोट पर बंद होने जा रहा है। फरवरी में अब तक सेंसेक्स 3.93% और निफ्टी 4.06% गिर चुका है। बीते 5 महीनों में निवेशकों को 76 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है, जिससे बाजार डेंजर जोन में पहुंच गया है।

Share Market Crash: शेयर बाजार में इन दिनों भारी उथल-पुथल मची हुई है। फरवरी लगातार ऐसा पांचवां महीना बनने जा रहा है, जो नकारात्मक रुख के साथ समाप्त होगा। निफ्टी अब तक 4% से अधिक गिर चुका है, जबकि सेंसेक्स में 3.93% की गिरावट दर्ज की गई है। अक्टूबर 2024 से बाजार में लगातार गिरावट देखी जा रही है, जिसे विशेषज्ञ एक 'डेंजर जोन' के रूप में देख रहे हैं। यह स्थिति 28 साल पहले के घटनाक्रम से मिलती-जुलती है, जब निफ्टी लगातार 5 महीनों तक गिरा था।

मौजूदा स्थिति पर नजर

24 फरवरी 2025 को शेयर बाजार में 1% से अधिक की गिरावट आई। सेंसेक्स में 850 अंकों की गिरावट दर्ज हुई, जबकि निफ्टी 240 अंकों से अधिक गिरकर बंद हुआ। इस गिरावट से निवेशकों को केवल एक दिन में 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ।

लगातार पांचवें महीने गिरावट का सिलसिला

अगर हम पिछले पांच महीनों का डेटा देखें, तो बाजार की लगातार गिरती प्रवृत्ति स्पष्ट होती है:

महीना                    सेंसेक्स में गिरावट (अंकों में)नेगेटिव रिटर्न (%)
अक्टूबर4,910.72                                         5.82
नवंबर+413.73+0.52
दिसंबर1,663.782.08
जनवरी638.440.82
फरवरी3,046.163.93
इसी प्रकार, निफ्टी का भी हाल खराब रहा है:

महीना                निफ्टी में गिरावट (अंकों में)नेगेटिव रिटर्न (%)
अक्टूबर1,605.5                                                 6.22
नवंबर74.250.31
दिसंबर1,663.782.08
जनवरी486.32.01
फरवरी955.054.06

ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य

शेयर बाजार में लगातार पांच महीने तक गिरावट 90 के दशक में दो बार देखी जा चुकी है। पहली बार 1994 से 1995 तक यह सिलसिला आठ महीनों तक चला था, जब बाजार 31.4% गिरा था। दूसरी बार 1996 में जुलाई से नवंबर तक निफ्टी 26% तक टूटा था। मौजूदा गिरावट अपेक्षाकृत कम है, लेकिन अक्टूबर 2024 से अब तक निफ्टी में 12% से अधिक की गिरावट आ चुकी है।

चीन का प्रभाव

एक प्रमुख कारण चीन का आर्थिक परिदृश्य भी है। अक्टूबर 2024 के बाद से भारत का बाजार पूंजीकरण 1 ट्रिलियन डॉलर कम हो गया है, जबकि चीन का 2 ट्रिलियन डॉलर बढ़ गया है। इसके कारण विदेशी निवेशकों का निवेश भारतीय बाजार में घटकर दो वर्षों के न्यूनतम स्तर पर आ गया है।

निवेशकों को हुआ भारी नुकसान

पिछले पांच महीनों में निवेशकों को 76 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। बीएसई का बाजार पूंजीकरण 30 सितंबर 2024 को 4,74,35,137.15 करोड़ रुपये था, जो 24 फरवरी 2025 को घटकर 3,97,97,305.47 करोड़ रुपये रह गया।

निष्कर्ष

शेयर बाजार की मौजूदा स्थिति गंभीर बनी हुई है। निवेशकों को इस दौरान सतर्क रहने की आवश्यकता है। बाजार की अस्थिरता, वैश्विक आर्थिक परिदृश्य और विदेशी निवेश प्रवाह को ध्यान में रखते हुए ही निवेश के निर्णय लेने चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है कि निकट भविष्य में भी बाजार में और अधिक उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं।