लाइफस्टाइल / पहली बार स्वस्थ इंसान में मिला ये DNA, क्या बदल गई शरीर की बुनियाद!

AajTak : Jul 21, 2020, 04:47 PM
लाइफस्टाइल डेस्क | इंसान का शरीर डीएनए से बना है। यानी डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (DNA)। अभी तक हम सब जानते थे कि डीएनए की संरचना डबल हेलिक्स है। लेकिन अब वैज्ञानिकों ने स्वस्थ इंसान के शरीर की कोशिका में चार हेलिक्स वाला डीएनए खोजा है। वैज्ञानिक समझने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या डीएनए अब अपनी संरचना बदल रहा है। आइए जानते हैं कि इससे इंसान के शरीर पर क्या फर्क पड़ेगा? 

डबल हेलिक्स डीएनए (Double Helix DNA) से ही इंसानी शरीर की संरचना होती है। आमतौर पर चार हेलिक्स डीएनए (Quadruple Stranded DNA) कैंसर की कुछ कोशिकाओं में पाए जाते हैं। या फिर इन्हें प्रयोगशालाओं में एक्सपेरिमेंट के लिए बनाया जाता है।

पहली बार ऐसा हुआ है कि एक स्वस्थ इंसान के शरीर की कोशिका में चार हेलिक्स डीएनए मिला है। वह भी स्थाई है। सुरक्षित है और सामान्य तरीके से शरीर के अंदर बना है।

इंपीरियल कॉलेज लंदन के वैज्ञानिक मार्को डी एंतोनियो कहते हैं कि हम इस चार हेलिक्स डीएनए को देख हैरान हैं। अब हमें फिर से डीएनए की संरचना के अध्ययन की नई शुरुआत करनी पड़ेगी। 

आपको बता दें कि डीएनए चार न्यूक्लियोबस (Nucleobase) से बना होता है। ये हैं एडीनिन (Adenine), साइटोसिन (Cytosine), गुआनिन (Guanine) और थाईमीन (Thymine)। ये चारों शरीर के अंदर अंगों के निर्माण की जरूरत के हिसाब से आपस में जुड़ते हैं। 

चार हेलिक्स वाला डीएनए तब बनता है जब गुआनिन (Guanine) अपने बेस पर वर्गाकार आकृति बनाता है। डीएनए के अंदर गुआनिन अकेला ऐसा हिस्सा है जो खुद से भी जुड़ सकता है। लेकिन बाकी न्यूक्लियोबेस ऐसा नहीं कर सकते। 

मार्को डी एंतोनियो ने बताया कि हम सभी को पता है कि डीएनए क्या करता है। लेकिन हम ये नहीं जानते कि किस कोशिका को कब किस जींस की जरूरत है। या वह कितना प्रोटीन बनाएगी। लेकिन अब डीएनए के इस नए ढांचे से हमें इंसानी शरीर के अंदर प्रोटीन की खपत और उत्पादन के बारे में ज्यादा पता चलेगा। 

एंतोनियो ने बताया कि इस चार हेलिक्स डीएनए (Quadruple Stranded DNA) की मदद से जेनेटिक कोडिंग समझने में आसानी हो सकती है। लेकिन फिलहाल तो ये समझना है कि ये डीएनए बना कैसे? आमतौर पर चार हेलिक्स का डीएनए कैंसर की कोशिकाओं में पाया जाता है। लेकिन हमें ये एकदम स्वस्थ आदमी के शरीर से मिला है। 

एंतोनियो ने कहा कि डीएनए पर एक एपीजेनेटिक मार्कर्स (Epigenetic Markers) होते हैं, जो शरीर के अंदर जींस के घटने या बढ़ने की प्रक्रिया के दौरान दिखाई देते हैं। साथ ही वे इस प्रक्रिया में भाग लेते हैं। ऐसा लगता है कि चार हेलिक्स डीएनए (Quadruple Stranded DNA) ऐसा ही कुछ काम करता होगा। 

यूके के यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया के जो वॉलर कहते हैं कि चार हेलिक्स डीएनए (Quadruple Stranded DNA) का सबूत मिलना ये बताता है कि हो सकता है कि भविष्य में शरीर का निर्माण इन्हीं के जरिए हो। हालांकि अभी हम इसे डीएनए का एक आम विकास मान रहे हैं। जब तक कि हमें चार हेलिक्स डीएनए (Quadruple Stranded DNA) का कोई और उदाहरण नहीं मिल जाता। 

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