- भारत,
- 08-Aug-2025 08:40 PM IST
PF Scheme: केंद्र सरकार ने प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एक नई भविष्य निधि (PF) स्कीम शुरू की है, जो उनके बुढ़ापे को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने का एक मजबूत आधार प्रदान करती है। इस स्कीम में न केवल प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी, बल्कि सरकारी कर्मचारी भी निवेश कर सकते हैं। हालांकि, इसका मुख्य उद्देश्य प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को वित्तीय स्थिरता प्रदान करना है। आइए जानते हैं कि कैसे यह स्कीम काम करती है और कैसे 50 हजार रुपये की मासिक सैलरी वाला व्यक्ति 5 करोड़ रुपये का फंड बना सकता है।
पीएफ स्कीम का ढांचा
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा संचालित इस स्कीम के तहत कर्मचारी की मासिक सैलरी का 12% हिस्सा पीएफ खाते में जमा होता है। इसके साथ ही, कर्मचारी की कंपनी भी उतनी ही राशि (12%) अपने स्तर से जमा करती है। इस तरह, कर्मचारी के पीएफ खाते में हर महीने उसकी सैलरी का कुल 24% हिस्सा जमा होता है। इस फंड पर EPFO द्वारा निर्धारित ब्याज दर लागू होती है, जो समय-समय पर संशोधित की जाती है।
ब्याज दर में हुआ बदलाव
हाल ही में EPFO ने पीएफ पर दी जाने वाली ब्याज दर को संशोधित किया है। पहले यह दर 8.15% प्रति वर्ष थी, जिसे अब बढ़ाकर 8.25% प्रति वर्ष कर दिया गया है। यह बढ़ोतरी कर्मचारियों के लिए फायदेमंद साबित होगी, क्योंकि इससे उनके फंड की वृद्धि में तेजी आएगी।
5 करोड़ रुपये का फंड कैसे बनेगा?
आइए इसे एक उदाहरण के जरिए समझते हैं। मान लीजिए, आपकी मासिक बेसिक सैलरी 50,000 रुपये है और आप 30 साल की उम्र से नौकरी शुरू करते हैं। EPFO के नियमों के अनुसार, आपकी सैलरी का 12% (यानी 6,000 रुपये) और कंपनी का 12% (6,000 रुपये) मिलाकर हर महीने कुल 12,000 रुपये आपके पीएफ खाते में जमा होंगे। इसके साथ ही, यदि आपकी सैलरी में हर साल 10% की वृद्धि होती है और पीएफ पर 8.25% की ब्याज दर लागू होती है, तो रिटायरमेंट के समय (58 साल की उम्र में) आपके पास एक बड़ा फंड तैयार हो जाएगा।
कैलकुलेशन का गणित
मासिक योगदान: कर्मचारी और कंपनी दोनों की ओर से 12,000 रुपये (6,000 + 6,000)
सालाना योगदान: 12,000 × 12 = 1,44,000 रुपये
सैलरी वृद्धि: 10% प्रति वर्ष
ब्याज दर: 8.25% प्रति वर्ष (चक्रवृद्धि ब्याज)
निवेश अवधि: 28 वर्ष (30 से 58 साल तक)
इस गणना के आधार पर, 28 साल बाद आपका पीएफ फंड 5,13,74,057 रुपये तक पहुंच जाएगा। यह राशि न केवल आपके रिटायरमेंट को सुरक्षित बनाएगी, बल्कि आपको वित्तीय स्वतंत्रता भी प्रदान करेगी।
स्कीम के फायदे
आर्थिक सुरक्षा: यह स्कीम प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए बुढ़ापे में वित्तीय सहारा प्रदान करती है।
दोहरा योगदान: कर्मचारी और कंपनी दोनों के योगदान से फंड तेजी से बढ़ता है।
कर लाभ: पीएफ में निवेश पर आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कर छूट का लाभ मिलता है।
सुरक्षित निवेश: EPFO द्वारा संचालित होने के कारण यह स्कीम पूरी तरह सुरक्षित है।
कौन कर सकता है निवेश?
20 या उससे अधिक कर्मचारियों वाली प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारी।
सरकारी कर्मचारी भी इस स्कीम में निवेश कर सकते हैं।
न्यूनतम सैलरी की कोई सीमा नहीं, लेकिन अधिकतम योगदान की सीमा EPFO द्वारा निर्धारित की जाती है।