- भारत,
- 27-Jul-2025 07:20 AM IST
Investment News: निवेश एक ऐसी कला है जिसमें धैर्य सबसे बड़ा गुण है। अगर आप निवेश के रास्ते पर चल रहे हैं, तो यह समझना जरूरी है कि यह कोई छोटी अवधि का खेल नहीं है। यह महीनों या कुछ वर्षों की बात नहीं, बल्कि दशकों की प्रतिबद्धता मांगता है। जो लोग इस दीर्घकालिक दृष्टिकोण को अपनाते हैं, वे अपने निवेश पर कई गुना रिटर्न हासिल कर सकते हैं। इसका एक जीता-जागता उदाहरण है 1999 में ICICI प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड की इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) में किया गया 10,100 रुपये का निवेश, जो आज 7.98 लाख रुपये बन चुका है।
बाजार का समय तय करने की भूल
निवेश की दुनिया में अक्सर ऐसा होता है कि रिटर्न उम्मीदों के मुताबिक न मिलने पर निवेशक निराश हो जाते हैं। यह निराशा उन्हें "बाजार का समय" (मार्केट टाइमिंग) जानने की कोशिश में धकेल देती है। बाजार का समय तय करने का मतलब है किसी शेयर या प्रतिभूति की कीमत में संभावित वृद्धि या गिरावट का अनुमान लगाकर उसे खरीदना या बेचना। हालांकि, यह रणनीति जोखिम भरी हो सकती है, क्योंकि बाजार की चाल को सटीक रूप से भविष्यवाणी करना लगभग असंभव है। इसके बजाय, लंबे समय तक निवेशित रहना और बाजार की अस्थिरता को सहन करना अधिक फायदेमंद साबित हो सकता है।
10,100 रुपये से लाखपति बनने की कहानी
हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस विषय ने काफी चर्चा बटोरी है। पिरामल फाइनेंस के प्रबंध निदेशक जयराम श्रीधरन ने लिंक्डइन पर एक प्रेरक पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने अपने निवेश के सफर को बताया। श्रीधरन ने 1998 में नौकरी शुरू करने के तुरंत बाद निवेश का निर्णय लिया। 1999 में उन्होंने ICICI प्रूडेंशियल ELSS टैक्स सेवर ग्रोथ स्कीम में 10,100 रुपये का निवेश किया। 25 साल बाद, यह निवेश 7,90,457.8 रुपये में बदल गया। यह उपलब्धि न केवल धैर्य की ताकत को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि सही निवेश विकल्प कितना बड़ा बदलाव ला सकता है।
शेयर बाजार से कहीं ज्यादा रिटर्न
श्रीधरन के निवेश ने 19.05% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) हासिल की, जो कुल 7,726% रिटर्न के बराबर है। इसकी तुलना में, इसी अवधि में सेंसेक्स का CAGR 12.15% और निफ्टी 50 का CAGR 12.48% रहा। इन दोनों सूचकांकों ने लगभग 2,500% तक रिटर्न दिया। यह अंतर स्पष्ट करता है कि एक अच्छी तरह से चुनी गई म्यूचुअल फंड स्कीम, जैसे ELSS, न केवल बाजार सूचकांकों से बेहतर प्रदर्शन कर सकती है, बल्कि टैक्स बचत जैसे अतिरिक्त लाभ भी प्रदान करती है।
उभरते बाजारों में निवेश का महत्व
उभरते बाजार, जैसे भारत, तेजी से विकास के लिए जाने जाते हैं। पिछले 25 वर्षों में प्रमुख सूचकांकों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। लेकिन श्रीधरन की कहानी से यह स्पष्ट है कि इस वृद्धि का अधिकतम लाभ उठाने के लिए बाजार में लंबे समय तक बने रहना जरूरी है। ELSS जैसे निवेश विकल्प न केवल टैक्स बचत में मदद करते हैं, बल्कि इक्विटी बाजारों की वृद्धि का लाभ उठाने का एक शानदार तरीका भी हैं।
