Iran Nuclear Facility / ईरान का ये परमाणु ठिकाना रहस्यमयी गुफा से कम नहीं, कैसे उड़ाएगा US?

ईरान-इजराइल तनाव के बीच फोर्दो न्यूक्लियर साइट फिर चर्चा में है। पहाड़ी के नीचे बनी यह रहस्यमयी सुविधा अमेरिका और इजराइल के निशाने पर है। अमेरिका बंकर बस्टर बम से हमले पर विचार कर रहा है। IAEA के अनुसार, यहां 60% यूरेनियम समृद्ध हो रहा है, जो गंभीर चिंता का विषय है।

Iran Nuclear Facility: ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव ने एक बार फिर दुनिया की निगाहें ईरान की सबसे सुरक्षित और रहस्यमयी परमाणु साइट – फोर्दो एनरिचमेंट फैसिलिटी की ओर मोड़ दी हैं। इस गुप्त ठिकाने को लेकर अमेरिका, इजराइल और पश्चिमी देशों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। हाल ही में अमेरिका ने यहां सीधे सैन्य हमले की संभावना को भी खारिज नहीं किया है, जबकि ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी MI6 के पूर्व प्रमुख जॉन सॉवर्स ने इसे नष्ट करने की सिफारिश की है।

पहाड़ के नीचे छिपा परमाणु रहस्य

फोर्दो न्यूक्लियर साइट ईरान की दूसरी सबसे बड़ी यूरेनियम समृद्धि सुविधा है, जो क़ोम शहर से 32 किलोमीटर और तेहरान से करीब 95 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी के नीचे स्थित है। इसकी खासियत यह है कि यह 80 मीटर गहराई में बनी है, जिससे इसे साधारण बमों से नष्ट करना लगभग असंभव माना जाता है। 2006 में इसका निर्माण गुप्त रूप से शुरू हुआ था, और 2009 में इसकी जानकारी सामने आने पर अंतरराष्ट्रीय आलोचना भी हुई।

इजराइल की नजरें क्यों टिकी हैं फोर्दो पर?

इजराइल लंबे समय से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को अपने अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा मानता है। फोर्दो और नतांज़ जैसे केंद्र उसके निशाने पर शीर्ष पर हैं। पहले इस साइट की सुरक्षा के लिए ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड तैनात थे और रूसी तकनीक से लैस एयर डिफेंस सिस्टम द्वारा इसे सुरक्षित किया गया था। लेकिन हालिया रिपोर्टों के मुताबिक, इजराइली साइबर और हवाई हमलों के चलते यह सुरक्षा प्रणाली कमजोर हो चुकी है, जिससे फोर्दो और अधिक एक्सपोज़ हो गया है।

क्या अमेरिका कर सकता है फोर्दो को तबाह?

फोर्दो की गहराई को देखते हुए विशेषज्ञ मानते हैं कि सिर्फ अमेरिका के पास ही वह मजबूत हथियार प्रणाली है, जिससे इस साइट को नष्ट किया जा सकता है। इसका नाम है GBU-57 Massive Ordnance Penetrator – एक 13,000 किलो वजनी बंकर बस्टर बम, जो चट्टानों को चीर सकता है। इसके मुकाबले इजराइल के GBU-28 बम केवल 6 मीटर गहराई तक प्रभावी हैं, जो फोर्दो के लिए पर्याप्त नहीं हैं।

हालांकि अमेरिकी प्रशासन भी इस विकल्प को लेकर संशय में है। Axios को दिए बयान में एक अधिकारी ने बताया कि ट्रंप प्रशासन के दौरान इस बम के इस्तेमाल की संभावना पर चर्चा हुई थी, लेकिन युद्ध में इसका कभी उपयोग नहीं हुआ है। यानी यदि यह बम अपना लक्ष्य भेदने में विफल रहा, तो अमेरिका को एक लंबे और अनिश्चित युद्ध का सामना करना पड़ सकता है।

यूरेनियम समृद्धि या हथियार निर्माण?

शुरुआती वर्षों में फोर्दो में केवल 5% शुद्धता तक यूरेनियम समृद्ध किया जाता था। लेकिन 2019 में ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी ने दोबारा वहां यूरेनियम गैस भरने की घोषणा की। अब अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी IAEA के मुताबिक, फोर्दो में 60% शुद्धता तक यूरेनियम तैयार हो रहा है, जो 90% हथियार-ग्रेड यूरेनियम के बेहद करीब है।

इस साइट पर उन्नत IR-6 सेंट्रीफ्यूज और यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड गैस का भंडार है, जिससे ईरान कुछ ही दिनों में परमाणु हथियार लायक ईंधन तैयार कर सकता है।