- भारत,
- 15-Jun-2025 09:32 AM IST
Iran-Israel War: मध्य पूर्व एक बार फिर युद्ध के मुहाने पर खड़ा है। इजराइल द्वारा ईरान के कई परमाणु ठिकानों पर किए गए सर्जिकल हमलों के बाद हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। दोनों देशों के बीच शनिवार और रविवार की रात हुए हमलों ने इस संघर्ष को और उग्र बना दिया है। तेहरान और तेल अवीव के बीच अब तक कूटनीतिक समाधान के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं।
युद्ध का विस्तार: पलटवार और चेतावनियां
ईरान ने इजराइली हमले का कड़ा जवाब देते हुए सैंकड़ों मिसाइलों और ड्रोन से हमला किया, जिसमें इजराइल को नुकसान पहुंचा और कई लोग घायल हुए। इसके जवाब में इजराइल ने भी ईरान के रक्षा मंत्रालय और अन्य सामरिक ठिकानों को निशाना बनाया। इजराइल के रक्षा मंत्री योआव गैलांट ने चेतावनी दी कि यदि मिसाइल हमले जारी रहे तो तेहरान को 'जला' दिया जाएगा।
इजराइल का दावा है कि उसने हालिया हमलों में ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े नौ वैज्ञानिकों को मार गिराया है, जबकि ईरान का कहना है कि उसके 78 नागरिक मारे गए और 320 से ज्यादा घायल हुए हैं।
नेतन्याहू का सख्त रुख
इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट कहा कि उनका लक्ष्य ईरान से आने वाले हर खतरे को जड़ से खत्म करना है। उन्होंने ईरान की जनता से अपने शासकों के खिलाफ उठ खड़े होने की अपील भी की। नेतन्याहू का यह बयान उस वक्त आया है जब गाजा में हमास के खिलाफ इजराइल की कार्रवाई पहले से ही जारी है।
कूटनीतिक दबाव और वैश्विक प्रतिक्रिया
संघर्ष के बढ़ते स्वरूप को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्ध रोकने की वकालत की है। ट्रंप, जो आमतौर पर इजराइल के पक्ष में माने जाते हैं, इस बार संघर्ष विराम की आवश्यकता पर बल दे रहे हैं।
उधर रूस ने अमेरिका के साथ फोन पर चर्चा की है और शांति बहाली के प्रयासों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया है। सऊदी अरब ने भी युद्ध विराम की अपील की है, हालांकि वह खुलकर किसी पक्ष का समर्थन नहीं कर रहा। उसकी स्थिति संतुलन बनाए रखने की है – एक ओर तेहरान के साथ निकटता, तो दूसरी ओर इजराइल से टकराव की अनिच्छा।
परमाणु वार्ता पर संकट
ईरान ने अमेरिका के साथ प्रस्तावित परमाणु वार्ता को निरर्थक करार दिया है। शनिवार को ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि जब देश पर इस तरह के हमले हो रहे हों, तब किसी भी वार्ता का कोई औचित्य नहीं बचता। हालांकि उन्होंने वार्ता को रद्द करने की पुष्टि नहीं की है, लेकिन संदेह की स्थिति बन गई है। यह बयान यूरोपीय संघ की प्रतिनिधि काजा कालास से बातचीत के बाद आया है।
युद्ध या समाधान?
ईरान और इजराइल के बीच यह टकराव सिर्फ दो देशों तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि यह पूरी दुनिया को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। क्षेत्रीय शक्तियां सतर्क हैं, और वैश्विक नेता तनाव कम करने की कोशिश में लगे हैं। लेकिन जमीनी हालात और बयानों की तीव्रता बता रही है कि फिलहाल शांति दूर की बात है। अब यह देखना होगा कि कूटनीति इस युद्ध की आंधी को रोक पाती है या फिर मध्य पूर्व एक और बड़े युद्ध की गिरफ्त में आ जाता है।