Donald Trump News / ट्रम्प का बड़ा ऐलान- गरीब देशों के शरणार्थियों को अमेरिका में नहीं मिलेगी एंट्री, 19 देशों पर कड़ी निगरानी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषणा की है कि वह 'थर्ड वर्ल्ड कंट्रीज' से आने वाले शरणार्थियों को स्थायी रूप से रोक देंगे। उन्होंने वॉशिंगटन डीसी में 2 नेशनल गार्ड्स की मौत को शरणार्थियों से जोड़ा। ट्रम्प प्रशासन 19 देशों के प्रवासियों की सख्त जांच करेगा, और गैर-नागरिकों को सरकारी सुविधाएं नहीं मिलेंगी।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा है कि वह 'थर्ड वर्ल्ड कंट्रीज' से आने वाले शरणार्थियों को हमेशा के लिए अमेरिका में घुसने से रोक देंगे और उनका मानना है कि यह कदम अमेरिका को फिर से मजबूत बनाने के लिए आवश्यक है। यह ऐलान वॉशिंगटन डीसी में दो नेशनल गार्ड्स की दुखद मौत के बाद गुरुवार को किया गया, जिसे ट्रम्प ने सीधे तौर पर शरणार्थियों से जुड़ी घटनाओं से जोड़ा। उन्होंने जोर देकर कहा कि मौजूदा इमिग्रेशन पॉलिसी के कारण देश के लोगों का जीवन बदतर हो गया है, और इसमें तत्काल बदलाव की आवश्यकता है।

सख्त इमिग्रेशन पॉलिसी और निष्कासन के नियम

'थर्ड वर्ल्ड कंट्रीज' शब्द का कोई कानूनी अर्थ नहीं है, लेकिन सामान्य तौर पर इसका उपयोग अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका और मिडिल ईस्ट के उन देशों के लिए किया जाता है जो लो इनकम या लोअर मिडिल इनकम कैटेगरी में आते हैं और ट्रम्प के इस ऐलान का मतलब है कि इन आर्थिक रूप से कमजोर क्षेत्रों से आने वाले लोगों के लिए अमेरिका में शरण लेना अब लगभग असंभव हो जाएगा। यह नीति उन लाखों लोगों को प्रभावित कर सकती है जो बेहतर जीवन की तलाश में या उत्पीड़न से बचने के लिए अमेरिका आना चाहते हैं। ट्रम्प प्रशासन का यह कदम वैश्विक शरणार्थी संकट और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों पर बहस को और तेज कर सकता है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपनी घोषणा में स्पष्ट किया कि जो लोग अमेरिका के लिए फायदेमंद नहीं हैं या जो देश से सच्चा प्यार नहीं करते, उन्हें भी हटाया जाएगा।

उन्होंने इमिग्रेशन पॉलिसी को और सख्त करने का वादा किया है, जिससे देश में प्रवेश और रहने के नियम और भी कठोर हो जाएंगे। इसके तहत, ट्रम्प ने कहा कि अब किसी भी गैर-नागरिक (नॉन-सिटिजन) को कोई सरकारी सुविधा, सब्सिडी या लाभ नहीं दिया जाएगा। यह नीति उन प्रवासियों के लिए एक बड़ा झटका होगी जो अमेरिका में रहते हुए विभिन्न सरकारी सहायता पर निर्भर हैं और इसके अतिरिक्त, जो प्रवासी देश की शांति भंग करेंगे, उनकी नागरिकता भी छीनी जाएगी, जो एक अभूतपूर्व कदम होगा। ट्रम्प ने यह भी कहा कि जो लोग सार्वजनिक बोझ हैं, सुरक्षा के लिए खतरा हैं या पश्चिमी सभ्यता के साथ मेल नहीं खाते, उन्हें भी देश से निकाला जाएगा। यह बयान उन लोगों के लिए एक स्पष्ट चेतावनी है जो अमेरिकी समाज के मूल्यों और सुरक्षा मानकों के अनुरूप नहीं माने जाते।

19 'चिंता वाले देशों' पर विशेष ध्यान

ट्रम्प प्रशासन ने गुरुवार को यह भी ऐलान किया कि अब 19 देशों से आए प्रवासियों की सख्त जांच की जाएगी। यह घोषणा USCIS (यूनाइटेड स्टेट्स सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज) के दायरे से भी बड़ी है, जो अमेरिका में प्रवासियों से जुड़े काम देखती है। USCIS के डायरेक्टर जोसेफ एडलो ने बताया कि USCIS अब अफगानिस्तान सहित 19 देशों के उन लोगों की जांच करने जा रही है जिन्हें पहले अमेरिका में परमानेंट रेजिडेंसी (ग्रीन कार्ड) मिल चुकी है और यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है, क्योंकि यह मौजूदा ग्रीन कार्ड धारकों को भी जांच के दायरे में लाता है।

जून 2025 के आदेश से सूची का उद्भव

एडलो ने बताया कि इन 19 देशों की सूची ट्रम्प के जून 2025 के एक आदेश में जारी की गई थी, जिसमें इन्हें 'चिंता वाले देश' कहा गया था और यह सूची वैश्विक मानचित्र पर विभिन्न क्षेत्रों से देशों को शामिल करती है, जिसमें अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के देश प्रमुख हैं। इस सूची में हैती, क्यूबा, टोगो, वेनेजुएला, इक्वेडोरियल गिनी, सिएरा लियोन, चाड, लीबिया, इरिट्रिया, सूडान, बुरुंडी, कांगो रिपब्लिक, सोमालिया, यमन, ईरान, तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान, म्यांमार और लाओस शामिल हैं। इन देशों को विशेष रूप से लक्षित किया गया है, जो अमेरिकी इमिग्रेशन पॉलिसी में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत देता है।

नई गाइडलाइन का कार्यान्वयन और प्रभाव

यह नई गाइडलाइन 27 नवंबर से लागू हो गई है और यह सभी पुराने और नए आवेदन पर लागू होगी और इसके तहत, इन 19 देशों से आने वालों को जारी हर ग्रीन कार्ड की सख्ती से दोबारा जांच की जाएगी। इसका मतलब है कि जिन लोगों को पहले ही ग्रीन कार्ड मिल चुका है, उन्हें भी अब अपनी स्थिति की समीक्षा का सामना करना पड़ेगा, जिससे उनके भविष्य पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं। यह नीति उन हजारों प्रवासियों को प्रभावित करेगी जो इन देशों से आते हैं। और अमेरिका में अपना जीवन स्थापित कर चुके हैं या करने की प्रक्रिया में हैं। ट्रम्प प्रशासन का यह कदम अमेरिका की इमिग्रेशन प्रणाली में एक बड़े बदलाव का प्रतीक। है, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और अमेरिकी नागरिकों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देना है।

राष्ट्रीय सुरक्षा और 'अमेरिका फर्स्ट' का एजेंडा

ट्रम्प के इस कड़े रुख के पीछे राष्ट्रीय सुरक्षा और 'अमेरिका फर्स्ट' का एजेंडा प्रमुख है। वॉशिंगटन डीसी में नेशनल गार्ड्स की मौत की घटना को उन्होंने अपनी इमिग्रेशन नीतियों को और सख्त करने के औचित्य के रूप में प्रस्तुत किया। उनका तर्क है कि कमजोर इमिग्रेशन नीतियां देश की सुरक्षा को खतरे में डालती हैं और अमेरिकी नागरिकों के लिए जोखिम पैदा करती हैं। इन घोषणाओं से यह स्पष्ट होता है कि ट्रम्प प्रशासन भविष्य में भी इमिग्रेशन पर एक कठोर और। प्रतिबंधात्मक दृष्टिकोण बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसका वैश्विक स्तर पर व्यापक प्रभाव पड़ने की संभावना है।