भारतीय क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली ने एक बार फिर अपनी असाधारण प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करा लिया है और साउथ अफ्रीका के खिलाफ रांची में खेले गए पहले वनडे मैच में उन्होंने अपना 52वां वनडे शतक जड़कर महान सचिन तेंदुलकर के एक फॉर्मेट में सर्वाधिक शतकों के रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया। यह उपलब्धि ऐसे समय में आई है जब उनकी काबिलियत पर लगातार सवाल उठाए जा रहे थे, और कोहली ने अपने बल्ले से इन सभी आलोचकों को करारा जवाब दिया है।
आलोचकों को करारा जवाब
विराट कोहली के वनडे करियर के भविष्य को लेकर लगातार अटकलें लगाई जा रही थीं, खासकर ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उनके औसत प्रदर्शन के बाद। हालांकि, रांची के JSCA क्रिकेट स्टेडियम में उन्होंने अपने आलोचकों और यहां तक कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के निर्णय निर्माताओं को भी शांत कर दिया और यह शतक सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि उनकी दृढ़ता और खेल के प्रति अटूट समर्पण का प्रमाण है। कोहली ने दिखाया कि जब दबाव चरम पर होता है, तो वह अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में होते हैं।
रांची में शानदार वापसी
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर वनडे सीरीज में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी करने वाले विराट कोहली के लिए वह श्रृंखला खास नहीं रही थी और लेकिन रांची में साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले ही वनडे मैच में उन्होंने एक लाजवाब शतक जमाकर फैंस को खुश कर दिया। रांची का JSCA क्रिकेट स्टेडियम कोहली के लिए हमेशा भाग्यशाली रहा है, जहां उन्होंने पहले ही दो वनडे शतक लगाए थे और इस मैच में अपना तीसरा शतक ठोककर उन्होंने इस मैदान के साथ अपने शानदार सफर को जारी रखा। दर्शकों ने उनकी इस पारी का भरपूर लुत्फ उठाया और पवेलियन लौटते समय उन्हें पूरा सम्मान दिया।
पारी का विस्तृत विश्लेषण
मैच में पहले बल्लेबाजी कर रही टीम इंडिया ने चौथे ओवर में ही ओपनर। यशस्वी जायसवाल का विकेट गंवा दिया था, जिसके बाद विराट कोहली क्रीज पर आए। आते ही कोहली ने रन बरसाने शुरू कर दिए और अपनी पारी को गति दी। इस बार वह सिर्फ चौकों पर ही नहीं, बल्कि छक्के बरसाने पर भी ध्यान दे रहे थे। अर्धशतक पूरा करने तक ही उन्होंने तीन शानदार छक्के जड़ दिए थे, जो उनकी आक्रामक बल्लेबाजी का परिचायक था। इस दौरान कोहली ने कप्तान रोहित शर्मा के साथ मिलकर 136। रन की बेहतरीन साझेदारी की, जिसने भारतीय पारी को मजबूती प्रदान की।
रिकॉर्ड तोड़ शतक
रोहित शर्मा के आउट होने के बाद भारतीय टीम ने जल्दी-जल्दी तीन विकेट गंवा दिए, जिससे टीम पर दबाव बढ़ गया और लेकिन कोहली दूसरी ओर से टिके रहे और धैर्य के साथ अपनी पारी को आगे बढ़ाया। फिर आया 38वां ओवर, जिसमें कोहली ने एक शानदार चौका जड़कर अपना शतक पूरा किया। उन्होंने 102 गेंदों में वनडे क्रिकेट में अपना 52वां शतक पूरा किया और इसके साथ। ही सचिन तेंदुलकर का एक फॉर्मेट में सबसे ज्यादा शतकों का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। सचिन ने टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा 51 शतक जड़े थे, लेकिन अब कोहली ने 306 वनडे मैचों में उनका यह रिकॉर्ड तोड़ते हुए खुद को नंबर-1 बल्लेबाज साबित किया है। यह कोहली का इस साल का दूसरा शतक है, इससे पहले उन्होंने फरवरी में पाकिस्तान के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी में शतक जमाया था।
थकान और शानदार विदाई
कोहली के पास दोहरा शतक लगाने का भी मौका था, लेकिन कुछ थकान और पीठ का दर्द उन पर हावी होता दिखा और 43वें ओवर में एक बड़ा शॉट खेलने की कोशिश में वह कैच दे बैठे और उनकी शानदार पारी का अंत हुआ। फिर भी, कोहली ने रांची के दर्शकों का बेहतरीन मनोरंजन किया। उन्होंने 120 गेंदों में 135 रन की लाजवाब पारी खेली, जिसमें 11 चौके और 7 गगनचुंबी छक्के शामिल थे। उनकी यह पारी न केवल रिकॉर्ड तोड़ने वाली थी, बल्कि यह उनकी मानसिक दृढ़ता और शारीरिक क्षमता का भी प्रमाण थी और स्टेडियम में मौजूद फैंस ने भी पवेलियन लौटते हुए उन्हें खड़े होकर पूरा सम्मान दिया, जो उनकी लोकप्रियता और खेल के प्रति उनके योगदान को दर्शाता है। यह शतक भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है और यह साबित करता है कि विराट कोहली अभी भी खेल के सबसे प्रभावशाली खिलाड़ियों में से एक हैं।