भारतीय क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है और उन्होंने अपने शानदार करियर में एक और मील का पत्थर हासिल करते हुए वनडे फॉर्मेट में अपना 52वां शतक जड़ा। यह उपलब्धि उन्हें महान सचिन तेंदुलकर से आगे ले जाती है, जिन्होंने टेस्ट फॉर्मेट में 51 शतक लगाए थे। कोहली का यह शतक न केवल उनकी असाधारण बल्लेबाजी क्षमता का प्रमाण है, बल्कि यह दर्शाता है कि वह लगातार रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं और नए मानक स्थापित कर रहे हैं और इस ऐतिहासिक पारी ने क्रिकेट जगत में उनकी स्थिति को और मजबूत कर दिया है, जिससे वह खेल के सबसे प्रभावशाली खिलाड़ियों में से एक बन गए हैं।
विराट का ऐतिहासिक 52वां वनडे शतक
विराट कोहली का 52वां वनडे शतक सिर्फ एक संख्या नहीं, बल्कि क्रिकेट इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है। यह शतक उन्हें एक ऐसे मुकाम पर ले गया है जहां उन्होंने एक ही फॉर्मेट। में सर्वाधिक शतकों के मामले में सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया है। सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर के दौरान टेस्ट फॉर्मेट में 51 शतक लगाए थे, जो लंबे समय से एक अद्वितीय उपलब्धि मानी जाती थी। कोहली ने वनडे क्रिकेट में यह कारनामा करके दिखाया है, जो उनकी। निरंतरता और बड़े मैचों में प्रदर्शन करने की क्षमता को दर्शाता है। यह रिकॉर्ड तोड़ना उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और खेल के प्रति अटूट जुनून का परिणाम है। इस उपलब्धि के साथ, कोहली ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह आधुनिक क्रिकेट के महानतम बल्लेबाजों में से एक हैं, जिनकी तुलना अक्सर सर्वकालिक महान खिलाड़ियों से की जाती है।
घरेलू मैदान पर कोहली का दबदबा
शतक के अलावा, विराट कोहली ने एक और प्रभावशाली रिकॉर्ड अपने नाम किया है, जो घरेलू मैदान पर उनकी असाधारण निरंतरता को उजागर करता है। वनडे इंटरनेशनल में घर में सबसे ज्यादा पचास प्लस स्कोर बनाने के मामले में कोहली अब पहले नंबर पर आ गए हैं और यह उनका भारत में इस फॉर्मेट में 59वां पचास प्लस स्कोर है, जिसने उन्हें इस सूची में सचिन तेंदुलकर से आगे कर दिया है। तेंदुलकर ने अपने घरेलू मैदान पर वनडे में 58 बार पचास प्लस रनों की पारी खेली थी। कोहली का यह प्रदर्शन दर्शाता है कि वह भारतीय पिचों और परिस्थितियों में कितने प्रभावी हैं, जहां उन्होंने लगातार अपने प्रशंसकों को शानदार पारियों से मंत्रमुग्ध किया है और इस सूची में अन्य अंतरराष्ट्रीय दिग्गजों में साउथ अफ्रीका के जैक कैलिस शामिल हैं, जिन्होंने अपने घर पर वनडे में 46 बार पचास प्लस रनों की पारी खेली थी, वहीं ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग ने ऑस्ट्रेलिया में वनडे में 45 बार पचास प्लस स्कोर बनाए थे। कोहली का यह रिकॉर्ड घरेलू परिस्थितियों में उनके अद्वितीय कौशल और दबाव में प्रदर्शन करने की क्षमता का प्रमाण है।
रोहित और कोहली की महत्वपूर्ण साझेदारी
मैच के संदर्भ में, भारतीय टीम की शुरुआत यशस्वी जायसवाल और रोहित शर्मा ने की थी। पहले विकेट के लिए दोनों ने 25 रन जोड़े, लेकिन जायसवाल 16 गेंदों में दो चौके की मदद से 18 रन बनाकर आउट हो गए और इसके बाद, कप्तान रोहित शर्मा का साथ देने के लिए विराट कोहली नंबर तीन पर बल्लेबाजी करने के लिए आए। दोनों ही अनुभवी बल्लेबाजों ने शानदार बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया और टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। रोहित और विराट के बीच इस मैच में 136 रन की महत्वपूर्ण पार्टनरशिप हुई, जिसने पारी को स्थिरता प्रदान की और बड़े स्कोर की नींव रखी। रोहित शर्मा ने 51 गेंदों में 57 रन की तेज पारी खेली, जिसमें उन्होंने अपनी आक्रामक शैली का प्रदर्शन किया। यह साझेदारी भारतीय पारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी, जिसने टीम को मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया और कोहली के ऐतिहासिक शतक के लिए मंच तैयार किया। दोनों दिग्गजों के बीच की यह साझेदारी न केवल रनों के लिए महत्वपूर्ण थी, बल्कि इसने ड्रेसिंग रूम में भी आत्मविश्वास बढ़ाया और टीम को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।