व्यापार / 5G ट्रायल में वोडाफोन आइडिया ने बजाया डंका, टेस्ट के दौरान 3.7 Gbps की रिकॉर्ड स्पीड हासिल की

Zoom News : Sep 19, 2021, 08:16 PM
वोडाफोन आइडिया ने कहा कि पुणे में उसने 5जी ट्रायल के दौरान 3.7 Gbps की मैक्सिमम स्पीड हासिल की जो एक रिकॉर्ड है. इसके अलावा गुजरात के गांधीनगर में उसने 1.5 Gbps की डाउनलोड स्पीड भी हासिल की है

कर्ज में डूबी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया ने रविवार को दावा किया कि पुणे में 5जी परीक्षण के दौरान उसने 3.7 गीगाबिट प्रति सेकेंड (Gbps) की सर्वोच्च गति हासिल की है, जो भारत में किसी भी दूरसंचार सेवाप्रदाता द्वारा हासिल की गई सबसे तेज गति है. कंपनी ने गांधीनगर और पुणे में मिड-बैंड स्पेक्ट्रम में 1.5 Gbps डाउनलोड की गति दर्ज करने का भी दावा किया है.

दूरसंचार विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्युनिकेशन्स) ने वोडाफोन आइडिया को 5जी नेटवर्क परीक्षणों के लिए पारंपरिक 3.5 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम बैंड के साथ-साथ 26 गीगाहर्ट्ज (जीएचजेड) जैसे हाई फ्रीक्वेंसी बैंड आवंटित किए हैं. कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘वीआई ने पुणे शहर में क्लाउड कोर, नई पीढ़ी के ट्रांसपोर्ट और रेडियो एक्सेस नेटवर्क के एंड-टू-एंड कैप्टिव नेटवर्क के लैब सेट-अप में अपना 5G परीक्षण तैनात किया है.’

कंपनियों के साथ छह महीने के ट्रायल की मिली थी मंजूरी

इसमें कहा गया, ‘इस परीक्षण में, वोडाफोन आइडिया ने एमएमवेव (मिलीमीटर वेव) स्पेक्ट्रम बैंड पर बहुत कम विलंबता के साथ 3.7 Gbps से अधिक की सर्वोच्च गति हासिल की है.’ दूरसंचार विभाग ने इस साल मई में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन तथा बाद में MTNL के आवेदनों को मंजूरी दी थी. उन्हें दूरसंचार उपकरण निर्माताओं – एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग और सी-डॉट के साथ छह महीने के परीक्षण के लिए मंजूरी दी गई है.

टेलीकॉम राहत पैकेज से कंपनी को मिली संजीवनी

इसी सप्ताह सरकार ने टेलीकॉम राहत पैकेज का ऐलान किया. इस राहत के बाद उम्मीद की जा रही है कि वोडाफोन आइडिया को दोबारा अपने पैर पर खड़े होने के लिए जरूरी मदद मिलेगी. 31 मार्च 2021 तक वोडाफोन आइडिया पर ग्रॉस लाएबिलिटी 1.9 लाख करोड़ का था. कुल आठ बैंकों का कंपनी पर करीब 48000 करोड़ का कुल बकाया है. कंपनी ने अलग-अलग बैंकों से 23 हजार करोड़ का तो सीधा लोन लिया है. बाकी के 25 हजार करोड़ बैंकों की गारंटी है.

इस साल 20 हजार करोड़ तक जुटा सकती है कंपनी

बैंकों को उम्मीद है कि ऑटोमैटिक रूट से 100 फीसदी FDI का रास्ता साफ हो जाने के कारण वोडाफोन आइडिया इस साल करीब 15-20 हजार करोड़ रुपए का निवेश जुटाने में सक्षम होगी. माना जा रहा है कि कंपनी को अगले दो सालों तक कर्ज के रूप में हर साल करीब 6000 करोड़ रुपए चुकाने होंगे. इधर चार सालों के मोराटोरियम के कारण कंपनी की ग्रॉस लाएबिलिटी काफी बढ़ जाएगी.


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