लाइफस्टाइल / हर दिन घटती याद्दाश्त और बदलते व्यवहार पर काबू पाना है ताे रोजाना 9 हजार कदम चलें

वैज्ञानिकों का मानना है कि रोजाना हल्की-फुल्की एक्सरसाइज बढ़ती उम्र में कमजोरी होती याददाश्त और बदलते व्यवहार को रोकने में मदद कर सकती है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि रोजाना 8,900 कदम चलने से अल्जाइमर की समस्या को कम किया जा सकता है। 182 लोगों पर हुए शोध में यह बात सामने आई है। ऐसे लोग जिनकी स्मृति में तेजी से कमी आ रही है उनके लिए रोजाना की वाॅक फायदेमंद है।

हेल्थ डेस्क. वैज्ञानिकों का मानना है कि रोजाना हल्की-फुल्की एक्सरसाइज बढ़ती उम्र में कमजोरी होती याददाश्त और बदलते व्यवहार को रोकने में मदद कर सकती है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि रोजाना 8,900 कदम चलने से अल्जाइमर की समस्या को कम किया जा सकता है। 182 लोगों पर हुए शोध में यह बात सामने आई है।

अल्जाइमर प्रोटीन का संबंध एक्सरसाइज से

जामा न्यूरोलॉजी जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक, ऐसे लोग जिनकी स्मृति में तेजी से कमी आ रही है उनके लिए रोजाना की वाॅक फायदेमंद है। तेजी से घटती याद्दाश्त यानी अल्जाइमर बढ़ती उम्र की बीमारी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि दिमाग में एमिलॉयड बीटा नाम के प्रोटीन का स्तर बढ़ने पर ऐसी स्थिति बनती है।

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. जसमीर चटमाल के मुताबिक, शारीरिक गतिविधि से याद्दाश्त को सुधारने के साथ ब्लड प्रेशर, मोटापा, स्मोकिंग, डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है। शोध में शामिल 182 लोग ऐसे हैं जिनके सोचने-समझने की क्षमता और याद्दाश्त को पिछते सात साल में दो बार जांचा गया था। इन्हें कदमों पर नजर रखने वाला पेडोमीटर पहनाया गया और 7 दिन तक रोजाना पैदल चलने का प्रभाव देखा गया।

शोध में शामिल सभी लोगों के दिमाग को स्कैन करके एमिलॉयड प्रोटीन का स्तर देखा गया। शोधकर्ता के मुताबिक, पिछले भी कई रिसर्च में यह सामने आ चुका है कि व्यायाम इस प्रोटीन के स्तर को बढ़ने से रोकता है। ऐसे लोग जो पहले से सक्रिय हैं उनकी ब्रेन कोशिकाओं में कमी नहीं आ रही है और एमिलॉयड बीटा प्रोटीन नियंत्रित है।