India-Pakistan News / 'पानी पाकिस्तानियों का बुनियादी हक है', भारत के एक्शन पर बिलबिला रहे हैं आसिम मुनीर

पाक सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने सिंधु जल पर भारत को चेताया कि पानी पाकिस्तानियों का अधिकार है। भारत ने आतंकी हमले के बाद सिंधु जल समझौता निलंबित कर दिया है। भारत स्पष्ट कर चुका है—जब तक आतंकवाद बंद नहीं होगा, पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।

India-Pakistan News: पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने एक बार फिर गीदड़भभकी देते हुए भारत को पानी के मुद्दे पर चेतावनी दी है। मुनीर ने दावा किया कि पानी पाकिस्तान के 24 करोड़ लोगों का "बुनियादी हक" है और इसे लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यह बयान उन्होंने गुरुवार को विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और शिक्षाविदों के साथ संवाद के दौरान दिया। उन्होंने कहा, “पानी हमारी लाल रेखा है। हम भारत का आधिपत्य कतई स्वीकार नहीं करेंगे।”

भारत के सख्त कदम के बाद आई गर्मजोशी

यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत ने हाल ही में 1960 के सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया है। इसका कारण था जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 निर्दोष लोग मारे गए थे। भारत ने साफ कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को पालने-पोसने की नीति नहीं छोड़ता, तब तक इस समझौते को बहाल नहीं किया जाएगा।

पाकिस्तान की बेचैनी क्यों?

सिंधु जल समझौता पाकिस्तान के लिए सिर्फ एक कागजी समझौता नहीं, बल्कि जीवनरेखा है। इस समझौते के तहत पाकिस्तान को झेलम, चिनाब और सिंधु नदियों का बड़ा हिस्सा मिलता है, जो उसकी खेती, पेयजल और बिजली उत्पादन की रीढ़ हैं। भारत द्वारा पानी की जानकारी साझा करना बंद करने से पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने तो इसे "युद्ध जैसा कदम" कह दिया है।

निलंबन के खतरे – पाकिस्तान के लिए चेतावनी की घंटी

अगर भारत इस निलंबन को आगे बढ़ाता है या पानी की धारा को नियंत्रित करता है, तो पाकिस्तान के सामने कई गंभीर चुनौतियाँ खड़ी हो सकती हैं:

  • खेती का संकट: पाकिस्तान की बड़ी आबादी खेती पर निर्भर है। पानी की कमी से गेहूं, चावल और कपास जैसी प्रमुख फसलें प्रभावित होंगी।

  • पेयजल संकट: सिंध और बलूचिस्तान जैसे इलाके पहले से ही पानी की भारी किल्लत से जूझ रहे हैं।

  • आर्थिक तबाही: हाइड्रोपावर प्लांट्स और उद्योगों पर असर पड़ेगा, जिससे पहले से लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था और कमजोर हो जाएगी।

  • सामाजिक अशांति: पानी की कमी से जनता में असंतोष बढ़ेगा, खासकर बलूचिस्तान जैसे क्षेत्रों में, जहां पहले से अलगाववादी आंदोलन चल रहे हैं।

भारत का स्पष्ट संदेश – आतंकवाद बंद करो

फील्ड मार्शल मुनीर ने अपने बयान में भारत पर बलूचिस्तान में अस्थिरता फैलाने का झूठा आरोप लगाया, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी जानता है कि पाकिस्तान की धरती आतंकवाद की नर्सरी बनी हुई है। भारत ने दो टूक कहा है, “पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।” जब तक पाकिस्तान आतंकियों की पनाहगाह बना रहेगा, तब तक किसी समझौते की उम्मीद करना व्यर्थ है।