India-UK FTA Duty / ऐसा क्या है India-UK की डील में, जिससे कैंसिल हो रही हैं कारों की बुकिंग!

भारत-यूके के बीच CETA व्यापार समझौते पर बुधवार को साइन होने वाला है। इससे लग्जरी कार बाजार में हलचल मच गई है। आयात शुल्क 125% से घटकर 10% होने की खबर से ग्राहक बुकिंग रोक रहे हैं। डीलरों को नुकसान हो रहा है और डिलीवरी में देरी की आशंका है।

India-UK FTA Duty: भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच होने वाला Comprehensive Economic and Trade Agreement (CETA) बुधवार को साइन होने जा रहा है। इस समझौते को कैबिनेट ने पहले ही मंजूरी दे दी है, लेकिन इसके लागू होने से पहले ही भारत के लग्जरी कार मार्केट में इसका असर दिखाई देने लगा है। यूके में कई प्रसिद्ध लग्जरी कार ब्रांड्स जैसे Jaguar, Land Rover (टाटा मोटर्स के स्वामित्व में), Rolls Royce, Bentley, Aston Martin, McLaren, और Lotus का दबदबा है। इस समझौते के तहत आयात शुल्क में प्रस्तावित कटौती ने ग्राहकों और डीलरों के बीच हलचल मचा दी है।

आयात शुल्क में कटौती की घोषणा

मई 2025 में भारत-यूके फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) की घोषणा के साथ यह स्पष्ट किया गया था कि Completely Built Unit (CBU) गाड़ियों पर आयात शुल्क को वर्तमान 75-125% से घटाकर 10% किया जाएगा। इस खबर के बाद से लग्जरी कार खरीदने वाले ग्राहकों का रवैया बदल गया है। कई ग्राहकों ने अपनी बुकिंग रोक दी हैं, और कुछ ने तो बुकिंग रद्द भी कर दी हैं, क्योंकि वे कम ड्यूटी के लागू होने का इंतजार करना चाहते हैं ताकि कारें सस्ते दामों पर मिल सकें।

डीलरों की मुश्किलें

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, डीलरों का कहना है कि यह स्थिति उनके लिए चुनौतीपूर्ण हो गई है। कई बड़े ब्रांड्स के डीलरों ने बताया कि उन्होंने ग्राहकों की बुकिंग के आधार पर कारों के ऑर्डर दे दिए थे, लेकिन अब ग्राहकों द्वारा बुकिंग रोकने या रद्द करने के कारण उन्हें सीधा नुकसान उठाना पड़ रहा है।

इसके अलावा, यह स्थिति अंतरराष्ट्रीय लग्जरी कार ब्रांड्स के लिए भी चिंता का विषय बन सकती है। ये ब्रांड्स अपनी गाड़ियों को लिमिटेड नंबर में बनाते हैं ताकि उनकी एक्सक्लूसिविटी बनी रहे। अगर भारत में बुकिंग कम होती है, तो ये कंपनियां अपनी कारें अन्य देशों में भेजना शुरू कर सकती हैं, जिससे भारतीय मार्केट में उनकी उपलब्धता कम हो सकती है।

ग्राहकों की सोच

ग्राहकों का यह निर्णय पूरी तरह गलत नहीं है। यूके में 1 करोड़ रुपये में उपलब्ध लग्जरी कार भारत में आयात शुल्क, रजिस्ट्रेशन टैक्स, आरटीओ शुल्क, और अन्य स्थानीय करों के कारण 3 करोड़ रुपये तक की पड़ सकती है। कम आयात शुल्क की उम्मीद में खरीद को टालना ग्राहकों के लिए आर्थिक रूप से समझदारी भरा कदम लग सकता है। हालांकि, डीलर ग्राहकों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि केवल ड्यूटी कटौती के इंतजार में खरीद को टालना हमेशा फायदेमंद नहीं हो सकता।

ड्यूटी कटौती में समय लगेगा

डीलरों का कहना है कि यह समझौता भले ही साइन हो जाए, लेकिन इसे लागू होने में करीब एक साल का समय लग सकता है। इसके अलावा, आयात शुल्क में छूट भी एकदम लागू नहीं होगी, बल्कि यह धीरे-धीरे कई सालों में लागू होगी। साथ ही, कुछ वार्षिक कोटा भी तय किए जाएंगे, जिससे आयात होने वाली गाड़ियों की संख्या सीमित रहेगी।

लग्जरी कारों की कीमतों में हर साल औसतन 5% की बढ़ोतरी होती है, और पाउंड के मुकाबले रुपये की कमजोरी के कारण भी कीमतों में इजाफा देखा जाता है। ऐसे में, अगर ग्राहक लंबे समय तक इंतजार करते हैं, तो उन्हें कारें महंगे दामों पर ही मिलेंगी, और डिलीवरी में भी देरी हो सकती है।

कीमतों पर प्रभाव

वर्तमान में, यूके में 1 करोड़ रुपये में बिकने वाली लग्जरी कार पर भारत में 125% आयात शुल्क लगता है, जिसके बाद उसकी कीमत 2.25 करोड़ रुपये हो जाती है। अगर आयात शुल्क को घटाकर 10% किया जाता है, तो ऐसी कार भारत में ड्यूटी के बाद 1.10 करोड़ रुपये में उपलब्ध हो सकती है। हालांकि, यह केवल अनुमानित कीमत है, क्योंकि इसमें आरटीओ शुल्क, रजिस्ट्रेशन टैक्स, और अन्य स्थानीय कर भी जुड़ेंगे, जिससे अंतिम कीमत में बढ़ोतरी होगी।