India-UK Trade Deal / भारत-UK के बीच FTA डील तो हो गई, लेकिन अभी इस समझौते में लगेंगे 3 साल

भारत और ब्रिटेन के बीच 3 साल की बातचीत के बाद फ्री ट्रेड डील हो गई है। इससे भारत के कृषि क्षेत्र को बूम मिलेगा। साथ ही, दोनों देश MRA समझौते पर भी काम कर रहे हैं, जिससे भारतीय पेशेवरों को ब्रिटेन में नौकरी पाना और आसान हो जाएगा।

India-UK Trade Deal: लंबे समय से चल रही बातचीत के बाद भारत और ब्रिटेन ने आखिरकार मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर कर लिए हैं। इस समझौते से भारत के कृषि क्षेत्र में जबरदस्त उछाल की उम्मीद है, जिससे किसानों और संबंधित उद्योगों को नए अवसर मिलेंगे। हालांकि, दोनों देशों के बीच एक और महत्वपूर्ण समझौते, आपसी मान्यता समझौते (MRA) पर बातचीत अभी जारी है। यदि यह समझौता सफल होता है, तो भारतीय पेशेवरों के लिए ब्रिटेन में नौकरी करना और भी आसान हो जाएगा।

MRA समझौता: पेशेवरों के लिए नई संभावनाएं

भारत और ब्रिटेन ने पेशेवर सेवाओं के लिए आपसी मान्यता समझौते (MRA) पर काम करने की सहमति दी है। इसका उद्देश्य नर्सों, लेखाकारों, आर्किटेक्ट्स और डेंटिस्ट जैसे पेशेवरों की योग्यता को ब्रिटेन में मान्यता देना है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “दोनों देश अगले 36 महीनों में MRA को अंतिम रूप देने की दिशा में काम करेंगे। यह समझौता उन पेशों के लिए जरूरी है जहां योग्यता की मान्यता अनिवार्य होती है।”

MRA का अर्थ और महत्व

आपसी मान्यता समझौता (MRA) का मतलब है कि एक देश में प्राप्त लाइसेंस या योग्यता को दूसरे देश में भी मान्यता मिलेगी। यह भारतीय पेशेवरों के लिए ब्रिटेन में काम करने की प्रक्रिया को सरल बनाएगा। भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (CETA) के तहत ब्रिटेन ने कई क्षेत्रों में भारतीय पेशेवरों को सुविधाएं प्रदान की हैं:

  • कारोबारी विजिटर्स: किसी भी छह महीने की अवधि में 90 दिन तक ब्रिटेन में रहने की अनुमति।

  • इंट्रा-कॉरपोरेट ट्रांसफर: कर्मचारियों, उनके पार्टनर और आश्रितों को तीन साल तक रहने की अनुमति।

  • ग्रेजुएट प्रशिक्षु: प्रशिक्षण के लिए विशेष प्रावधान।

  • निवेशक: एक साल तक रहने की अनुमति।

  • संविदा सेवा प्रदाता: 33 उप-क्षेत्रों (जैसे आईटी, वित्त, हॉस्पिटैलिटी) में 24 महीनों में 12 महीने तक काम करने की अनुमति।

  • स्वतंत्र पेशेवर: 16 उप-क्षेत्रों (जैसे आईटी, टेलिकॉम, फाइनेंस) में समान सुविधा।

ब्रिटेन में भारतीय पेशेवरों की स्थिति

वर्तमान में, लगभग 60,000 भारतीय आईटी कर्मचारी ब्रिटेन में इंट्रा-कॉरपोरेट ट्रांसफर के तहत काम कर रहे हैं। ब्रिटेन ने इन कर्मचारियों, उनके पार्टनर और आश्रितों को तीन साल का वीजा देने का वादा किया है, बिना किसी संख्या सीमा के। इसके अलावा, इन श्रेणियों पर कोई आर्थिक जरूरतों की जांच भी नहीं होगी।

भारत को व्यापार में लाभ

भारत को ब्रिटेन के साथ 6.6 अरब डॉलर का व्यापार अधिशेष (ट्रेड सरप्लस) है। इस समझौते के तहत भारत ने ब्रिटेन को पेशेवर, वित्तीय, पर्यावरण और अन्य सेवाओं में बाजार में प्रवेश की अनुमति दी है। एक अधिकारी ने कहा, “ब्रिटेन की विशेषज्ञता से भारत में निवेश बढ़ेगा, लेकिन हमने यह भी सुनिश्चित किया है कि संवेदनशील क्षेत्रों में भारत की नीतिगत स्वतंत्रता बनी रहे।”

हालांकि, भारत ने ब्रिटिश बैंकों को और शाखाएं खोलने की सीमा में ढील देने का कोई वादा नहीं किया है।