COVID-19 Vaccination / WHO चीफ ने की भारत की तारीफ, रंग ला रही है वैक्सीन डिप्लोमेसी

Zoom News : Jan 23, 2021, 09:14 PM
COVID-19 Vaccination: दुनिया को कोरोना (Corona) वायरस के संक्रमण के मुक्त कराने के लिए भारत की ओर से शुरू की गई वैक्सीन डिप्लोमेसी रंग ला रही है। दुनिया के जरूरतमंद देशों को निशुल्क वैक्सीन पहुंचाने पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत (India) और पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की तारीफ की है। 

WHO चीफ ने की भारत और पीएम मोदी की तारीफ

WHO के महानिदेशक Tedros Adhanom ने एक ट्वीट में लिखा, 'ग्‍लोबल कोविड-19 रेस्‍पांस को लगातार सपोर्ट देने के लिए भारत (India) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का शुक्रिया। अगर हम मिलकर काम करेंगे, ज्ञान साझा करेंगे, तो ही इस वायरस को रोक सकते हैं और जिंदगियां बचा सकते हैं।'

मित्र देशों को वैक्सीन की लाखों डोज डोनेट कर चुका है भारत

भारत (India) ने पिछले कुछ दिनों में भूटान, मालदीव, नेपाल, बांग्लादेश, समेत ब्राजील, मोरक्‍को जैसे मित्र देशों को वैक्‍सीन (Corona Vaccine) की लाखों डोज डोनेशन के रूप में भेजी हैं। अगले चरण में मॉरीशस, म्‍यांमार, सेशेल्‍स, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब और अफगानिस्‍तान को भी टीके भेजने की तैयारी है। 

ब्राजील के राष्ट्रपति भारत की मदद को बता चुके हैं संजीवनी बूटी

भारत की सदाशयता की पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है। इससे पहले ब्राजील के राष्‍ट्रपति जेयर बोल्‍सोनारो (Jair M Bolsonaro) ने तो भारत की वैक्‍सीन (Corona Vaccine) को 'संजीवनी बूटी' बताते हुए भारत को धन्‍यवाद दिया था। 

बांग्लादेश भी मदद के लिए जता चुका है भारत का आभार

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी मोदी को ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोविड-19 टीकों की 20 लाख खुराक भेजने के लिए शुक्रिया अदा किया है। हसीना ने ट्वीट कर कहा, 'मैं प्रधानमंत्री मोदी को उपहार के रूप में वैक्सीन (Corona Vaccine) भेजने के लिए धन्यवाद देती हूं, मुझे उम्मीद है कि बांग्लादेश को कोविड-19 महामारी से छुटकारा मिलेगा। 

दुनिया के 92 देशों ने टीके के लिए भारत से संपर्क किया

बता दें कि दुनिया में करीब 92 देशों ने कोविड -19 टीकों (Corona Vaccine) के लिए भारत से संपर्क किया है। भारत में बनाई गई दोनों कोरोना वैक्सीन दुनिया में सबसे सस्ती हैं और इन्हें आसानी से कहीं भी स्टोर किया जा सकता है। वहीं अमेरिका और चीन के टीकों के साथ ये सुविधा नहीं है। इसके अलावा इलाज की क्षमता के मामले में भी भारतीय टीकों को सेफ माना जा रहा है। 

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